Edited By Yakeen Kumar, Updated: 22 Feb, 2025 02:22 PM
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कैथल के सीवन नगर में सिवरेज निकासी की बदहाल व्यवस्था इस बार नगर पालिका चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गई है। जलभराव और गंदगी की समस्या से जूझ रहे लोग चुनाव में सरकार और प्रशासन को खूब कोस रहे हैं। हालत यह है कि लोग सिर्फ..
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल के सीवन में सिवरेज निकासी की बदहाल व्यवस्था इस बार नगर पालिका चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गई है। जलभराव और गंदगी की समस्या से जूझ रहे लोग चुनाव में सरकार और प्रशासन को खूब कोस रहे हैं। हालत यह है कि लोग सिर्फ 5 लीटर पानी में नहाने को मजबूर हैं, घरों से निकलने वाला पानी बाल्टियों और डिब्बों में इकट्ठा कर दूसरे मोहल्लों की नालियों में डालना पड़ता है, और महिलाएं कपड़े धोने के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाती हैं। इस मुद्दे पर लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है।
नगर पालिका चुनाव में अब यह मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में है। विपक्षी दल इसे लेकर भाजपा पर हमलावर हैं, जबकि भाजपा के नेता विकास कार्यों का दावा कर रहे हैं। लेकिन इस बार जनता के मूड को देखकर लग रहा है कि अब वे सिर्फ वादों से संतुष्ट नहीं होंगे, बल्कि ठोस समाधान की मांग कर रहे हैं।
नालियां जाम, पानी निकासी का कोई समाधान नहीं
सीवन के कई इलाकों में नालियों की सफाई सालों से नहीं हुई है। गंदगी और जलभराव आम बात हो गई है, जिससे सड़कों पर पानी भरा रहता है और घरों के बाहर बदबू फैली रहती है। लोगों ने कई बार नगर पालिका और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, लेकिन समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। मजबूरी में लोग अपने घरों का पानी बाल्टियों और डिब्बों में भरकर दूसरे मोहल्लों की नालियों में डालने जाते हैं, ताकि उनका घर सूखा रह सके।
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बीमारियों का खतरा
हर साल बारिश के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं। नालियों के जाम होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर भर जाता है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। पानी के भराव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ रही है और डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। नगर के लोग इस परेशानी से इतना तंग आ चुके हैं कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि चुनाव में उसी प्रत्याशी को वोट देंगे जो इस समस्या का हल निकालेगा।
महिलाऐं में हैं गुस्सा
नगर में रहने वाली महिलाओं की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है। घर में पानी की निकासी न होने के कारण वे कपड़े धोने के लिए दूसरे मोहल्लों में जाने को मजबूर हैं। महिलाओं का कहना है कि वे किसी नेता के बड़े-बड़े वादे नहीं सुनना चाहतीं, बस नगर की सफाई व्यवस्था और पानी निकासी की समस्या का स्थायी समाधान चाहिए।
एक स्थानीय महिला ने नाराजगी जताते हुए कहा, "10 साल से हमारी समस्या जस की तस बनी हुई है। चुनाव के समय नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, फिर पांच साल तक कोई पूछने नहीं आता। इस बार हम सिर्फ उसी को वोट देंगे, जो हमारी समस्या हल करेगा।"
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