Edited By Mohammad Kumail, Updated: 12 Oct, 2023 03:05 PM
अपनी समस्याओं को लेकर प्रतीक्षा में बैठे किसान और मजदूर उनकी राह ताकते रह गए...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : समय पर धान का उठान न होने और अव्यस्थाओं को लेकर हरियाणा में एक नंबर पर चल रही कैथल की अतिरिक्त अनाज मंडी में किसान और मजदूरों की समस्याएं जानने के लिए कृषि मंत्री जेपी दलाल आज कैथल पहुंचे थे। इस दौरान वे किसान और मजदूरों से बात किए बिना ही मंडी गेट पर सिर्फ एक धान की ढेरी को देख कर वापस लौट गए। अपनी समस्याओं को लेकर प्रतीक्षा में बैठे किसान और मजदूर उनकी राह ताकते रह गए। इस लिए कृषि मंत्री का मंडी दौरा सिर्फ धान की एक ढेरी पर ही सिमट कर रह गया।
बताते चलें कि जैसे ही कृषि मंत्री अपने काफिले के साथ मंडी में पहुंचे तो सबसे पहले वहां पर मौजूद मंडी के अधिकारियों और व्यापारियों ने मंत्री को गुलदस्ते देते हुए फोटो सेशन शुरू कर दिया। इसी बीच जैसे ही कृषि मंत्री अनाज मंडी के गेट पर पड़ी धान की एक ढेरी को देखने लगे तभी फिर से मंत्री जी व्यापारी और अधिकारियों से ही बाते करने में व्यस्त रहे और मंडी के अंदर जाने की बजाय वहीं से वापस लौट गए। उनकी प्रतीक्षा में बैठे किसान और मजदूर उनकी राह ताकते रह गए।
वही मंडी में अपनी फसल लेकर आए गांव फ्रांसवाला के 80 वर्षीय किसान हरनाम ने बताया कि वह दो दिन से मंडी में अपनी धान को लेकर आए हुए हैं लेकिन अभी तक भी उनकी धान नहीं बिकी है। वह अपनी समस्या को कृषि मंत्री के समक्ष रखना चाहते थे परंतु मंत्री जी तो मंडी गेट से ही वापस लौट गए। इसीलिए मंत्री के दौरे का उनको कोई फायदा नहीं हुआ और उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।
वहीं मंडी में मजदूरी करने वाले मजदूर संजीव कुमार ने बताया कि उनको पता चला था कि आज कृषि मंत्री मंडी का दौरा करने आएंगे। जहां पर वह मजदूर और किसानों की समस्याएं सुनेंगे। लेकिन जैसे ही कृषि मंत्री मंडी गेट पर पहुंचे तो वहां पर किसी भी मजदूर को जाने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि मंडी में उनको पीने के पानी और शौचालय की बहुत बड़ी समस्या है जो उन्हें मंत्री के समक्ष रखनी थी, परंतु मंत्री जी मजदूरों की समस्या सुने बिना मंडी गेट पर धान की एक ढेरी देखकर वापस लौट गए। उनको मंत्री के आने का कोई भी फायदा नहीं हुआ।
गौरतलब है कि इससे पहले भी गेहूं के सीजन में जब कृषि मंत्री कैथल मंडी का दौरा करने आए थे तब भी वह मंडी गेट पर केवल गेहूं की दो बोरियों की जांच कर वापस लौट गए थे। ठीक उसी तरह इस बार भी मंत्री जी बिना किसान और मजदूरों की समस्या सुने मंडी गेट से वापस लौट गए। इसलिए मजदूर और किसानों को मंत्री के दौरे का कोई भी फायदा नहीं हुआ और यह दौरा केवल अधिकारी और व्यापारियों के लिए ही फायदेमंद रहा।
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