Edited By Shivam, Updated: 18 Nov, 2019 10:12 PM
2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों में जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा करने के लिए अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ने प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक महीने में जाट युवाओं को रिहा नहीं किया...
जींद (जसमेर मलिक): 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों में जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा करने के लिए अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ने प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एक महीने में जाट युवाओं को रिहा नहीं किया गया तो हरियाणा में फिर बड़ा आंदोलन होगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। युवाओं को रिहा करने से लेकर जाटों को आरक्षण देने और प्रदेश की जजपा-भाजपा सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र को जल्द लागू किए जाने की मांगों को लेकर महासभा ने जींद में रविवार को सम्मेलन के बाद प्रदर्शन भी किया। मांगों का ज्ञापन जींद के बीडीपीओ धर्मबीर खर्ब को सौंपा।
रविवार को जींद के पटियाला चौक की जाट धर्मशाला में अखिल भारतीय जाट आदर्श महासभा का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। इसकी अध्यक्षता डा.पवनजीत बनवाला ने की। सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गई कि जाट आरक्षण आंदोलन के सिलसिले में जाट युवाओं पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं और एक महीने में जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा किया जाए।
ऐसा नहीं होने पर महासभा ने कहा कि हरियाणा में फिर बड़ा आंदोलन होगा और इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। एक अन्य प्रस्ताव में सरकार से जाटों को केंद्र में ओबीसी में और हरियाणा में भी आरक्षण देने की मांग की गई। महासभा ने हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार बुढ़ापा पैंशन 5100 रूपए करने, किसानों का कर्ज माफ करने, खटकड़ के टोल प्लाजा को हटाने की मांग की। इन मांगों को लेकर महासभा ने जींद में रविवार को प्रदर्शन भी किया।
डा.पवनजीत बनवाला ने कहा कि जाटों को आरक्षण की सख्त जरूरत है। जाट समुदाय आर्थिक रूप से बहुत पिछड़ चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार को अपने तमाम चुनावी वायदे पूरे करने होंगे। सत्ता में भागीदार बनने के बाद जजपा को जनता से किए वायदे पूरे करने होंगे।