अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह से रिमांड के दौरान अहम खुलासे, 12 राज्यो में फैला नेटवर्क धराशायी

Edited By Deepak Kumar, Updated: 25 Jul, 2025 06:51 PM

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पंचकूला पुलिस की साइबर क्राइम थाना टीम ने मेयर से 42 लाख की ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से रिमांड के दौरान अहम खुलासे किए है।

पंचकूला (चन्द्र शेखर धरणी) : पंचकूला पुलिस की साइबर क्राइम थाना टीम ने पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज के दिशा निर्देशों व डीसीपी क्राइम एंड ट्रैफिक मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में मेयर से 42 लाख की ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से रिमांड के दौरान अहम खुलासे किए है। आज डीसीपी क्राइम एंड ट्रैफिक मनप्रीत सिंह सूदन ने प्रेस वार्ता में मामले से जुडी अहम जानकारियां सांझा  करते हुए बताया कि 27 जून को साइबर क्राइम थाना मे दर्ज इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए धारा 316(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2) व 61(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाया था।

 26 जून को पीड़ित मेयर के बेटे के मोबाइल पर एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया था कि कंपनी के बैंक खाते से दो संदिग्ध लेनदेन हुए हैं। जब उन्होंने जांच की तो पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी लेटरहेड और दस्तावेजों के माध्यम से 42,52,000 की ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस की सक्रियता का पता इस बात से चलता है कि तुरंत टीम ने 32 लाख रुपये की राशि को ब्लॉक करवा दिया था। जिसे जरुरी प्रक्रिया को पीड़ित को लौटा दिया जाएगा।

डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन ने इस सफलता का क्षेय साइबर एसएचओ युद्धवीर सिंह, जांच अधिकारी एएसआई बृजेश सिंह व सिपाही सुनिल को दिया जिन्होने इस गिरोह का पर्दाफाश करने में अहम भूमिक निभाई है।  इस मामले में पहली गिरफ्तारी 5 जुलाई को हुई, जब उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से सलाउद्दीन अंसारी और श्याम दयाल को गिरफ्तार कर 10 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। इसके बाद 18 जुलाई को बिहार निवासी देवव्रत को पकड़ा गया, जिसे 25 जुलाई तक के रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान मिले सुरागों के आधार पर 23 जुलाई को गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों राहुल कुमार उर्फ बंटी, आलोक कुमार उर्फ बंटू, और प्रतीक राज उर्फ अंकित को बिहार से  गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों के कब्जे से मिला ये सामान

हमारी टीम ने आरोपियों के कब्जे से 16 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 37 एटीएम कार्ड,  3 पेटीएम साउंड बॉक्स, 2 जिओ फाइबर डिवाइस, 4 फर्जी सिम कार्ड, 3 बैंक किट, 9 चेकबुक, 2 पासबुक और 30,000 नकद बरामद किए है। आरोपियों को 24 जुलाई को माननीय अदालत में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।

रिमांड के दौरान गिरोह ने किए खुलासेः डीसीपी

डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन ने आगे बताया कि रिमांड के दौरान सामने आया कि यह एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह है जिनके खिलाफ इसके अलावा 12 राज्यो जिसमें महाराष्ट्र, पंजाब, यू.पी., दिल्ली, बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना में प्राप्त 17 शिकायतो में 2 करोड 75 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया है।

आरोपियों को 24 जुलाई को कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे जानकारी जुटाएगी साथ ही इसके द्वारा किए गए अन्य फ्रॉड के बारे भी लगातार पूछताछ की जा रही है। साथ ही अगर किसी बैंक कर्मचारी की भागिदारी पाई जाती है तो उसके विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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