चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में अवैध कॉलोनियों का मुद्दा गरमाया। विधायक रामकुमार गौतम ने सरकार से सवाल करके पूछा कि सात साल दस माह में सरकार ने इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए क्या कदम उठाए। बहुत सारी अवैध कॉलोनियों में लाखों लोग रह रहे हैं, जिन्होंने पैसे देकर रजिस्ट्रियां करवाई हैं। सरकार नियमों को सरल करके इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने का काम करे। इस पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग से लगभग 2176 कॉलोनियों के लेआउट प्लान प्राप्त हुए हैं। जो अधिनियम और मानदंडों के अनुसार आगे की आवश्यक कार्यवाही करने के लिए संबंधित नगर पालिकाओं को भेज दिए गए हैं। अब तक 11 नगर पालिकाओं में 212 कॉलोनियां पास की जा चुकी हैं। नगर पालिकाएं ऐसी कॉलोनियां के लेआउट प्लान का सत्यापन भी मानदंडों के अनुसार कर रही है। हाल ही में विभाग को 22 कॉलोनियों पर चार नगर पालिकाओं ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। हरियाणा प्रबंधन नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगर पालिका क्षेत्र अधिनियम 2016 को 10 सितंबर 2021 में संशोधित करके नियमों को सरल बनाया गया। जिन नगर पालिकाओं से प्रस्ताव आते हैं, उन्हें तुरंत वैध करने का काम किया जाता है। इस पर विधायक गौतम ने कहा कि इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए समय सीमा तय की जाए। तब मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि नगर पालिकाएं तीन माह में प्रस्ताव भेजें, जिस पर अगले तीन माह में इस काम को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा नई कॉलोनी में पहले 50 प्रतिशत तथा 75 प्रतिशत प्लाटों पर निर्माण कार्य होने की शर्त को हटा दिया गया है।
आठ वर्षों के दौरान 196 सरकारी स्कूल हुए बंद: कंवर पाल गुर्जर
हरियाणा में पिछले आठ वर्षों के दौरान 196 सरकारी स्कूलों को बंद किया गया है। इनमें से अधिकांश स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या सरकार के नियमों से काफी कम थी। इन स्कूलों के बच्चों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया गया। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के सवाल पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने विधानसभा में यह जवाब दिया। दूसरी ओर शिक्षकों के भी करीब 36 हजार पद खाली हैं। आंकड़ों पर भी कुंडू ने सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, इससे पहले के सत्र में जब उन्होंने शिक्षकों का ब्यौरा मांगा था, तो उसमें कुछ और आंकड़ा था और मंगलवार को दी गई, रिपोर्ट में अलग संख्या है। कुल 2500 शिक्षकों के आंकड़े का हेरफेर है। शिक्षा मंत्री पर सवाल दागते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि में कोई भर्ती तो सरकार ने की नहीं, फिर 2500 शिक्षकों की संख्या कैसे बढ़ गई।
आठ वर्षों के दौरान हुए, 196 स्कूल बंद
सदन में बताया गया कि आठ वर्षों के दौरान जो 196 स्कूल बंद किए हुए हैं, उनमें 179 स्कूल प्राथमिक और 17 मिडिल स्कूल शामिल हैं। 2018 में 62 प्राथमिक, 2019 में 76 प्राथमिक और 12 मिडिल, 2021 में 41 प्राथमिक और 5 मिडिल स्कूल बंद किए गए। वहीं शिक्षकों के 35 हजार 980 पद खाली हैं। वर्णयोग है कि राज्य में कुल 14 हजार 492 स्कूल हैं। इनमें 2297 वरिष्ठ माध्यमिक, 1037 उच्च, 2416 मिडिल और 8672 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। 36 आरोही, 33 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और एक लैब विद्यालय भी इसी आंकड़े में शामिल है।
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