Edited By Shivam, Updated: 15 May, 2020 05:15 PM

हाल ही में सामने आया सोनीपत शराब घोटाला जिसमें हरियाणा पुलिस के अधिकारियों की मिलीभगत की गंदी बू शामिल है। इस घोटाले के उजागर होने के बाद हरियाणा सरकार ने जिस आईएएस अधिकारी को इसकी जांच की कमान सौंपी है, उनकी छवि पहले ही दागदार हो चुकी है। सोनीपत...
चंडीगढ़: हाल ही में सामने आया सोनीपत शराब घोटाला जिसमें हरियाणा पुलिस के अधिकारियों की मिलीभगत की गंदी बू शामिल है। इस घोटाले के उजागर होने के बाद हरियाणा सरकार ने जिस आईएएस अधिकारी को इसकी जांच की कमान सौंपी है, उनकी छवि पहले ही दागदार हो चुकी है। सोनीपत शराब घोटाले की जांच के लिए बनाई गई एसईटी के अध्यक्ष टीसी गुप्ता खुद गुडग़ांव भूमि घोटाले की सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।
टीसी गुप्ता गुडग़ांव में लगभग 1,400 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के मामले में गड़बड़ी के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह सहित 15 उपनिवेशवादियों के साथ आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उनके खिलाफ 23 जनवरी, 2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी और जिसकी जांच अभी भी लंबित है।
गौरतलब है कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने तीन आईएएस अधिकारियों का एक पैनल सुझाया था, जिसमें अशोक खेमका, संजीव कौशल और टीसी गुप्ता शामिल थे। हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुप्ता के नाम को मंजूरी दे दी। एसईटी के अन्य दो सदस्य राज्य सतर्कता ब्यूरो के एडीजीपी सुभाष यादव व अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और कराधान आयुक्त विजय सिंह हैं।
हालांकि गुप्ता को पैनल प्रमुख के रूप में नियुक्त करने पर कानूनी रूप से कोई रोक नहीं है, लेकिन पैनल के निष्कर्षों पर बाद में इस बात पर सवाल उठाया जा सकता है कि पैनल प्रमुख पहले ही केंद्र सरकार की एक प्रमुख एजेंसी से आरोपों का सामना कर रहे हैं।