Edited By Nitish Jamwal, Updated: 26 Jun, 2024 03:15 PM
हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद अब सरकार ने अदालत के फैसले को मान लिया है। वहीं हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) का रिजल्ट जारी कर दिया है।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद अब सरकार ने अदालत के फैसले को मान लिया है। वहीं हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) का रिजल्ट जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट से पांच नंबर को रद्द करने की याचिका खारिज होने के बाद HSSC ने CET ग्रुप-C स्टेज 1 का संशोधित परिणाम (Revised Results) जारी कर दिया है।
बता दें कि CET अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की गई है। साथ ही सामाजिक-आर्थिक मानदंडों (Socio-Economic Criteria) के लाभ दिए बिना रिजल्ट जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक 5 और 6 नवंबर 2022 को परीक्षा आयोजित की गई थी। वहीं परीक्षा में कुल 7 लाख 73 हजार 572 उम्मीदवार शामिल हुए थे। जिसमें से परीक्षा में 3 लाख 57 हजार 930 उम्मीदवार पास हुए हैं। उम्मीदवार उनके पंजीकरण नंबर और ईमेल/मोबाइल नंबर का प्रयोग करके cetgroupc.hryssc.com इस लिंक से अपने सीईटी का रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं।
बिना बोनस के रिजल्ट जारी
HSSC ने मंगलवार रात इसको लेकर नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ग्रुप-C पदों के लिए CET- 2022 का संशोधित परिणाम जारी कर दिया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद ये रिजल्ट बिना बोनस अंकों के जारी हुआ है।
सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
बता दें कि हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट में 1.80 लाख सालाना इनकम वाले परिवारों को यह आरक्षण दिया था। जिसमें परिवार पहचान पत्र वाले युवाओं को ही इसका फायदा दिया जाता था। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे खारिज किया था। हाईकोर्ट ने कहा था- यह एक प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने पहले ही आरक्षण का लाभ दिया है तो यह आर्टिफिशियल श्रेणी क्यों बनाई जा रही है। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सरकार ने एग्जाम करवाने वाले हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के जरिए सुप्रीम कोर्ट में 4 पिटीशन दायर की थी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साल 2023 में निकाली गई ग्रुप C और D में नियुक्ति पा चुके 23 हजार युवाओं को दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा। अगर वे पास नहीं हो पाए तो नौकरी से बर्खास्त हो जाएंगे। 2023 में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में सरकार ने बोनस अंक की योजना बनाई थी। जिसमें कहा गया कि जिन भी परिवारों की एनुअल इनकम 1.80 लाख से कम है। घर में पहले से किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। उन्हें ग्रुप C (क्लेरिकल स्टाफ) और ग्रुप D (दर्जा चार) के कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 5 बोनस अंक दिए जाएंगे। सरकार ने इसे सामाजिक-आर्थिक आरक्षण करार दिया था। सरकार ने इनकम निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) को आधार बनाया था। यह हरियाणा सरकार की पूरे परिवार की सिंगल आइडेंटिटी का डॉक्यूमेंट है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले सीएम
हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आधार पिछड़े उम्मीदवारों को 5 नंबर का बोनस अंक दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि ये असंवैधानिक है। वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने प्रेस वार्ता की। जिसमें सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये वादा भी करते हैं कि इस फैसले से प्रभावित लोगों को नौकरी से निकलने नहीं देंगे, भले ही हमें रिव्यू पिटीशन डालनी पड़े या विधानसभा में विधेयक लाना पड़े।
सीएम ने आगे बोलते हुए कहा कि आने वाले दिनों में हम 50 हजार नौकरियां देंगे। हम किसी को नौकरी से निकलने नहीं देंगे। कांग्रेस पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में नौकरियों की बोली लगती थी। कांग्रेस के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस के लोग इस मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रहे हैं, वे झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। अगर वो इन गरीब बच्चों के खिलाफ हैं, तो वो इस पर विचार करें। हमारी सरकार गरीब बच्चों के हक के लिए लड़ रही है।
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