Edited By Yakeen Kumar, Updated: 23 Nov, 2024 02:21 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में कचरा प्रबंधन सही ढंग से न होने पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। नाले और नालियां कूड़े की वजह से जाम हो जाती हैं।
चंडीगढ़ : पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में कचरा प्रबंधन सही ढंग से न होने पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। नाले और नालियां कूड़े की वजह से जाम हो जाती हैं। मक्खी-मच्छर पैदा होने से लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रदेश में कचरा प्रबंधन के नाम पर एक से एक बड़ा घोटाला हुआ पर कार्रवाई किसी पर नहीं हुई, कहा जा सकता है कि कचरा प्रबंधन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। सरकार को जनहित में इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए सैलजा ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर कहा है कि कचरा फेंकने के लिए जो स्थान स्थानीय प्रशासन द्वारा तय किया गया है, वहीं पर कूड़ा-कचरा फेंका जाए। यदि कोई व्यक्ति या संस्थान चिन्हित जगहों के अलावा कहीं कूड़ा फेंकता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर-उधर कूड़ा-कचरा फेंकते हुए पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।
सांसद ने कहा कि देखने में आता है कि लोग अपने घर या संस्थान का कूड़ा-कचरा दिन में या रात के अंधेरे में चुपके से नालियों, नालों या सड़कों के आसपास फेंक देते हैं। इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। नाले और नालियां कूड़े की वजह से जाम हो जाती हैं। ऐसे में सड़कों पर पानी जमा होने लगता है। सड़कों पर पानी जमा होने से लोगों को असुविधा होती है, मक्खी-मच्छर पैदा होने से लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा मुसीबत प्लास्टिक कचरा बनता है। कहने को तो सरकार दावा करती है कि प्रदेश में लगभग 78 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में कचरा निस्तारण प्लांट का मुद्दा सदा विधानसभा में गूंजता रहा है। गुरुग्राम और सिरसा में कचरे का पहाड़ लगातार बड़ा हो रहा है, गुरूग्राम के पास फरीदाबाद जिले का कचरा भी डंप किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी करनाल, पंचकूला, अंबाला और मिलेनियम सिटी गुरूग्राम में कचरे के ढेर बताते हैं कि वहां पर कितना विकास हुआ है। सबसे बड़ी बात ये है कि कचरा प्रबंंधन के नाम पर बडे़-बड़े घोटाले हुए पर आज तक किसी भी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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