हरियाणा ने पशुपालन के क्षेत्र में देशभर में बनाई अलग पहचान , मिला “सर्वश्रेष्ठ पशुपालन राज्य पुरस्कार -2024” ,

Edited By Isha, Updated: 12 Jul, 2024 08:28 AM

haryana received the best animal husbandry state award 2024

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा की पशुपालन के क्षेत्र में भी पूरे देश में अलग पहचान है। राज्य सरकार की नीतियों पर उस समय मुहर लग गई जब हरियाणा को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदेश को “सर्वश्रेष्ठ...

चंडीगढ़ः हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा की पशुपालन के क्षेत्र में भी पूरे देश में अलग पहचान है। राज्य सरकार की नीतियों पर उस समय मुहर लग गई जब हरियाणा को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा प्रदेश को “सर्वश्रेष्ठ पशुपालन राज्य पुरस्कार” से नवाज़ा गया। कंवर पाल ने बताया कि हरियाणा राज्य को नई दिल्ली में ”एग्रीकल्चर टुडे ग्रुप“ द्वारा प्रायोजित कृषि नेतृत्व सम्मेलन के दौरान ”सर्वश्रेष्ठ पशुपालन राज्य पुरस्कार 2024“ से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा का पशुपालन एवं डेयरी विभाग अपने 2929 संस्थानों के सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से राज्य की 71.26 लाख की पशुधन आबादी को गुणवत्तापूर्ण पशुचिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल, रोग निदान और प्रजनन सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा 70 मोबाईल पशुचिकित्सा इकाइयां भी चलाई जा रहीं हैं, जो पशुपालकों को उनके घर-द्वार पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं। यही नहीं इसके लिए एक टोल फ्री नंबर 1962 कॉल सैंटर भी स्थापित किया गया है। पशु रोगों से निपटने के लिए विभाग द्वारा (एफएमडी़ +एचएस) दोहरा टीकाकरण किया जाता है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है।

इसके अलावा , ब्रूसेलोसिस, लम्पी त्वचा रोग, पीपीआर, क्लासिकल स्वाईन फीवर, ईटीवी आदि टीकाकरण कार्यक्रमों को नियमित रूप से लागू कर रहा है। विभाग राज्य के पशुधन के अनुवांशिक सुधार हेतु भ्रूण स्थानांतरण तकनीक-इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (ईटीटी-आईवीएफ) तकनीक भी लागू कर रहा है।

पशुपालन मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत विभागीय योजना ”आईएमडीपी-सीडीआईसी“ के तहत चिन्हित उच्च गुणवत्ता वाले पशुओं के बछड़ों का पालन-पोषण विभाग के वीर्य केन्द्र पर किया जाता है और इनके वीर्य को सम्पूर्ण प्रदेश में उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे पशुओं का अनुवांशिक उन्नयन होता है।

कंवर पाल ने हरियाणा को दुधारू-राज्य बताते हुए कहा कि प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदान की जा रही इन सभी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के कारण राज्य में दूध उत्पादन बढ़कर 119.65 लाख लीटर हो गया है और प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता भी राष्ट्रीय औसत 459 ग्राम के मुकाबले 1098 ग्राम हो गई है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान देसी गायों का औसत प्रतिदिन दूध उत्पादन 6.16 किलोग्राम से बढ़कर 7.06 किलोग्राम हो गया है, इसी प्रकार मुर्राह भैंसों का औसत प्रतिदिन दूध उत्पादन भी 9.33 किलोग्राम से बढ़कर 10.53 किलोग्राम हो गया है।

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