अब स्कूल में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार नहीं चलेगा... हरियाणा शिक्षा विभाग ने दिए सख्त निर्देश

Edited By Deepak Kumar, Updated: 02 Oct, 2025 02:41 PM

haryana education department strict ban on physical punishment in schools

हरियाणा के सोनीपत जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ अब किसी भी प्रकार का दंड या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डेस्कः हरियाणा के सोनीपत जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ अब किसी भी प्रकार का दंड या दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय द्वारा इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में विद्यार्थियों को शारीरिक या मानसिक दंड न दिया जाए। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इस प्रकार की प्रवृत्तियाँ न केवल विद्यार्थियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास को बाधित करती हैं, बल्कि विद्यालय की छवि को भी नुकसान पहुँचाती हैं।

कानून के तहत दंडनीय अपराध

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009/2011 तथा बाल न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार, विद्यार्थियों को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अतः सभी शिक्षक एवं विद्यालय स्टाफ यह सुनिश्चित करें कि वे विद्यार्थियों के साथ गरिमापूर्ण, सम्मानजनक और सहयोगात्मक व्यवहार करें।

लगातार मिल रही शिकायतें

हालांकि, पूर्व में बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद कई विद्यालयों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि विद्यार्थियों को शारीरिक दंड जैसे उठक-बैठक करवाई जाती है, कक्षा में उनका अपमान किया जाता है, उनके परिवारों पर नकारात्मक टिप्पणियाँ की जाती हैं और उन्हें अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए अब सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश

  • विद्यार्थियों के साथ अपमानजनक या अनुचित व्यवहार करने वाले शिक्षकों पर निगरानी रखी जाए।
  • विद्यार्थियों के बीच सौहार्दपूर्ण व सकारात्मक वातावरण बनाने हेतु नियमित रूप से गतिविधियाँ व काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएं।
  • अभिभावकों से सतत संवाद बनाए रखा जाए, और किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
  • विद्यार्थियों को स्वच्छता अभियान, पौधारोपण, खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
  • अनुशासन के लिए कठोर दंड की बजाय समझाइश, परामर्श (काउंसलिंग) और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से सकारात्मक उपाय अपनाए जाएं।

डर नहीं, आत्मविश्वास हो स्कूल का माहौल

डीईओ नवीन गुलिया ने कहा, "विद्यार्थियों को डांटना या दंडित करना शिक्षा का हिस्सा नहीं होना चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक बच्चा विद्यालय में एक सुरक्षित, सम्मानजनक और सहयोगी वातावरण में शिक्षा प्राप्त करे। विद्यालयों को ऐसा माहौल देना चाहिए जो बच्चों में आत्मविश्वास उत्पन्न करे, न कि भय का। किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!