Edited By Mohammad Kumail, Updated: 13 Dec, 2023 08:17 PM
संसद में आज जब सुरक्षा में चूक हुई तो पूरे देश में हाहाकार मच गया। 22 साल बाद एक बार फिर संसद में इस तरह की सुरक्षा चूक अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करती है...
उचाना (प्रदीप श्योकंद) : संसद में आज जब सुरक्षा में चूक हुई तो पूरे देश में हाहाकार मच गया। 22 साल बाद एक बार फिर संसद में इस तरह की सुरक्षा चूक अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करती है। इस पूरे कांड में हरियाणा के भी तार जुड़े हैं। प्रदेश के जींद जिले की रहने वाली नीलम देवी भी संसद में घुसपैठ में शामिल थी। नीलम जींद के घसों खुर्द गांव की रहने वाली है और हिसार में रहकर पढ़ाई करती है। इससे पहले भी वह किसान आंदोलन में भाग लेती रही है। नीलम ने बेरोजगारी से तंग आकर संसद के बाहर कलर स्मोक किया था व तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए थे।
टीचिंग लाइन मे जॉब के लिए करती थी पढ़ाई
नीलम की माँ सरस्वती ने बताया कि 2 दिन पहले वो घर पर ही थी। हिसार में पढ़ाई करती है और वो दिल्ली कब गयी हमें ये मालूम नहीं है। घर से जब गई थी तो हिसार जाने की बात कह के गई थी। वहीं नीलम के भाई का कहना है कि वो किसान आंदोलन के साथ जुड़ी रही है और छात्रों की अवाज बुलंद करने का भी काम किया है। वो टीचिंग लाइन मे जॉब के लिए पढ़ाई करती थी। पहले भी नीलम टीचिंग लाइन में HTET का एग्जाम दे चुकी है। बेरोजगारी से तंग आकर उसने ऐसा किया होगा। हालांकि उसके भाई ने ये भी बताया कि वो किसी पार्टी से जुड़ी नहीं रही है।
25 नवंबर को घर से पीजी के लिए निकली थी
गौरतलब है कि नीलम इस समय हरियाणा सिविल सविर्सेज की तैयारी के लिए हिसार के पीजी में रह रही थी। गत 25 नवंबर को घर से पीजी के लिए निकली थी। नीलम के पिता कोहर सिंह उचाना मंडी में हलवाई का काम करते हैं। नीलम के परिवार में तीन बहनें, दो भाई व माता-पिता हैं। उनके चाचा गांव में करियाणा की दुकान चलाते हैं। पिछले दिनों नीलम गांव में लाइब्रेरी चला रही थी और बच्चों को पढ़ाती थी, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इसपर एतराज जताया था। जिसके बाद नीलम ने बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया था। नीलम किसान आंदोलन से लेकर दूसरे धरने और प्रदर्शनों में भी काफी एक्टिव रहती है।
बीए, एमए, एमफिल, नेट, सीटेट, एचटेट क्वालीफिड है नीलम
नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि उसकी बेटी के साथ सुबह बात हुई थी। नीलम कह रही थी कि ध्यान से दवा लेकर आ जाना। उन्हें नहीं पता था कि वह दिल्ली गई हुई है। उन्हें नहीं पता किस तरह से उसने यह कदम उठाया। नौकरी के लिए बेशक ऐसा किया हो। नीलम के परिवार के लोगों का कहना है कि वह बीए, एमए, एमफिल, नेट, सीटेट, एचटेट क्वालीफिड है। फिलहाल वह हिसार के पीजी में रह कर तैयारी कर रही थी। किसान आंदोलन में भी वह काफी सक्रिय रही। नीलम हमेशा से बेरोजगारी, छात्राओं के साथ नाइंसाफी के खिलाफ रही है।
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