हरियाणा के अतिरिक्त महानिदेशक OP सिंह ने पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के MD के रूप में विकास योजनाओं का खींचा खाका

Edited By Isha, Updated: 27 Jul, 2024 11:56 AM

haryana additional director general op singh drew up development plans

कुछ करने का जज्बा हो तो एक पत्थर को सलीके से तराश कर उसमें भी उन्नति के रंग भरे जा सकते हैं। कमोबेश हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. भी ऐसे ही इरादों के धनी है और इस बात को उनकी कार्यशैली ने पुख्ता भी किया

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): कुछ करने का जज्बा हो तो एक पत्थर को सलीके से तराश कर उसमें भी उन्नति के रंग भरे जा सकते हैं। कमोबेश हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. भी ऐसे ही इरादों के धनी है और इस बात को उनकी कार्यशैली ने पुख्ता भी किया है कि मौका मिलने पर अक्सर उन्होंने नए ‘सुधारवाद’ का ही सूत्रपात किया है। अब जबकि 1992 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी ओ.पी. सिंह को प्रदेश सरकार ने हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में बतौर एम.डी. का दायित्व सौंपा है तो उन्होंने इस दिशा में भी एक्शन मोड में आते हुए एक नई ‘आधारशिला’ का खाका खींच लिया है।

ओ.पी. सिंह ने अपने कर्मपरायणता के भावों को स्पष्ट करते हुए हरित निर्माण और उन्नत तकनीकों पर जोर दिया है। इससे साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों में हरियाणा पुलिस के ये भवन जहां आकर्षण का केंद्र बिंदू बनते हुए नई मिसाल को कायम करेंगे तो वहीं इन नई तकनीकों के सूत्रपात होने से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली में भी क्रांतिकारी बदलाव दिखाई देगा। एच.पी.एच.सी. के नए प्रबंध निदेशक ओ.पी. सिंह को पुलिस प्रशासन में एक प्रयोगधर्मी की भी उपमा दी जाती है क्योंकि अब तक उन्हें सरकार की ओर से जो भी जिम्मेदारी सांैपी ओ.पी. सिंह ने सरकार के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरते हुए नए प्रयोगों को अंजाम देकर गुणात्मक सुधार करके दिखाए। ऐसे में अब हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के बतौर प्रबंध निदेशक के कार्यकाल में भी ऐसी ही उम्मीदें सरकार उनसे रखे हुए है।

हरियाणा में शुरू की गई पहल बन चुकी हैं बड़ा उदाहरण
गौरतलब है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ओ.पी. सिंह की प्रशासनिक कौशलता को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपना विशेष अधिकारी नियुक्त किया था। इस पद पर 2018 से 2020 तक कार्य करते हुए सिंह ने प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर करने व उन्हें खेलों की ओर प्रोत्साहित करने को लेकर कई नए प्रयोग किए। इस दौरान उनके प्रयासों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में मैराथन का आयोजन भी किया गया जिसमें भारी संख्या में युवाओं ने न केवल अपनी भागीदारी सुनिश्चित की बल्कि नशे के खिलाफ लड़ाई लडऩे का संकल्प भी लिया। मैराथन के सिलसिलेवार आयोजनों के बाद ओ.पी. सिंह को मैराथन मैन की भी संज्ञा दी गई।

इसके अतिरिक्त साल 2008 से 2012 तक खेल विभाग के निदेशक के तौर पर भी कार्य करते हुए ओ.पी. सिंह ने इस विभाग की कार्यप्रणाली को चुस्त दुरुस्त करके दिखाया। उन्हें आई.जी. हिसार रेंज की जिम्मेदारी दी तो उनके कार्यकाल में जहां पूरी रेंज की पुलिस एक्टिव होकर कार्यालयों से सडक़ों, चौक-चौराहों पर दिखने लगी थी वहीं पुलिस-पब्लिक के बीच तालमेल बिठाने के मकसद से कई कार्यक्रमों का आगाज किया। इन कार्यक्रमों के परिणाम काफी सार्थक हासिल हुए तो सरकार ने इसे प्रदेश स्तर पर लागू कर दिया। ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि हरियाणा में ओ.पी. सिंह द्वारा लागू की गई कई पहल एक बड़े उदाहरण के रूप में साबित हुई हैं।

अब उन्होंने एच.एस.एच.सी. में बतौर प्रबंध निदेशक अपने प्रयोगों की कवायद शुरू कर दी है। ओ.पी. सिंह ने भविष्य की रूपरेखा तैयार करते हुए इस कॉरपोरेशन से जुड़े भवनों के निर्माण में नई तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया है और साथ ही उनका लक्ष्य है कि 2,000 नए घरों का निर्माण और हाई सिक्योरिटी जेल रोहतक और कल्पना चावला गवर्नमेंट मैडीकल कॉलेज फेज-2 जैसी प्रमुख परियोजनाओं को पूरा किया जाए। यही नहीं इस नई नियुक्ति से पहले ए.डी.जी.पी. साइबर के पद पर रहते हुए भी साइबर क्राइम को रोकने के लिए ओ.पी. सिंह ने कई नए प्रयोग किए और उसमें न केवल उन्हें सफलता हासिल हुई बल्कि लोगों में भी जागरूकता पैदा हुई। विशेष बात ये भी है कि ओ.पी. सिंह ने अब तक तीन पुस्तकें भी लिखी हैं जिनमें ‘से यस टू स्पोर्ट्स’ हौसलानामा व जिन ढूंढा तिन पाया शामिल हैं।

इसके अलावा ओ.पी. सिंह ने विभिन्न पदों पर रहते हुए न केवल अपनी एक अलग पहचान कायम की वहीं उनकी कार्यशैली का ये मूलमंत्र रहा कि निजी महत्वकांक्षा को त्याग कर आम लोगों को राहत देते हुए पुलिस का मनोबल भी बढ़ाया जाए। यही वजह रही कि फरीदाबाद में पुलिस आयुक्त के पद पर रह कर उनके द्वारा किए गए कार्यांे को देखते हुए उन्हें 4-पी. का दिल जीतने वाला अधिकारी बताया गया जिनमें पुलिस, पॉलिटिशियन, पब्लिक व प्रैस शामिल हैं।

इसलिए जरूरी हैं हरित निर्माण प्रथाओं को अपनाना
अहम बात ये है कि हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को 1989 में स्थापित किया गया था जो पुलिस बल के लिए महत्वपूर्ण अधोसंरचना के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अब इस कॉरपोरेशन के नए प्रबंध निदेशक के तौर पर कार्यभार संभालने वाले ओ.पी. सिंह द्वारा तैयार किए नए प्रारुप के तहत दर्शाया गया है कि हरित निर्माण प्रथाओं को अपनाना सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है।

नई परियोजनाओं में ऊर्जा-कुशल सामग्री का उपयोग, वर्षा जल संचयन प्रणाली का कार्यान्वयन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल करने की योजनाओं का विवरण दिया गया है। इससे पुलिस अधोसंरचना का कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यही नहीं पंचकूला में हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजैंसी (एच.ए.आर.ई.डी.ए.) भवन, जिसे पांच सितारा जी.आर.आई.एच.ए. रेटिंग प्राप्त हुई है और भारतीय हरित भवन परिषद (आई.जी.बी.सी.) द्वारा मान्यता प्राप्त राज्य सतर्कता ब्यूरो भवन जैसे हाल ही की परियोजनाएं एच.पी.एच.सी. की हरित निर्माण के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं।

परियोजना की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उन्नत रिमोट मॉनिटरिंग तकनीकों को अपनाने की योजना भी पेश की गई है। एच.पी.एस.सी. आई.ओ.टी सेंसर और वास्तविक समय डेटा विश्लेषण की एकीकृत प्रणाली का उपयोग करेगा। ये उपकरण निर्माण स्थलों की निरंतर निगरानी करेंगे, जिससे समय पर हस्तक्षेप और सूचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इन तकनीकों से निर्माण कार्य में होने वाली देरी कम होगी, संसाधनों का सही उपयोग होगा और गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखा जाएगा।

कॉरपोरेशन के लिए बनाई गई हैं महत्वकांक्षी योजनाएं: ओ.पी. सिंह
हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के नवनियुक्त एम.डी. ओ.पी सिंह ने बताया कि 1989 में स्थापना के बाद से एच.पी.एच.सी. ने पुलिस अधोसंरचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें 12,700 से अधिक घरों, 161 पुलिस स्टेशनों और कई अन्य सुविधाओं का निर्माण शामिल हैं। 2023-24 वित्तीय वर्ष में कॉरपोरेशन का वार्षिक कारोबार 381 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। ओ.पी सिंह ने भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया, जिसमें 2,000 नए घरों का निर्माण और हाई सिक्योरिटी जेल रोहतक और कल्पना चावला गवर्नमेंट मैडीकल कॉलेज फेज-2 जैसी प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।

ओ.पी सिंह ने बताया कि तकनीकी नवाचार का संतुलन है और इस रणनीति का उद्देश्य हरियाणा के पुलिस बल की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करना है, साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी और उत्कृष्ट प्रोजैक्ट मैनेजमेंट सुनिश्चित करना है।
 

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