बेमौसम बरसात से खराब हुई फसलों की गिरदावरी कराकर मुआवजा दे सरकार: बलराज कुंडू

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 24 Sep, 2022 09:17 PM

government should give compensation of damaged crops balraj kundu

बलराज कुंडू ने कहा कि कई दिन से लगातार बरसात हो रही है। इसके चलते प्रदेश भर में किसानों की धान की तैयार फसल बर्बाद होने से उनको भारी नुकसान हुआ है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): जन सेवक मंच संयोजक एवं महम विधायक बलराज कुंडू ने बेमौसम बरसात से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को तुरंत स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देना चाहिए। बलराज कुंडू ने कहा कि कई दिन से लगातार बरसात हो रही है। इसके चलते प्रदेश भर में किसानों की धान की तैयार फसल बर्बाद होने से उनको भारी नुकसान हुआ है। सिर्फ धान ही नहीं, बल्कि अन्य फसलें भी पानी में डूब गई हैं। इसलिए सरकार को किसानों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए और फौरन स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 50 हजार रुपये मुआवजा देना चाहिए।

 

कुंडू बोले- मुआवजा कंपनियों से किसानों को नहीं मिलता कोई सहारा

 

कुंडू ने कहा कि किसान पहले ही मौसम की मार झेल रहे हैं और उनको बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। बीमा कम्पनियां किसानों की मदद करने की बजाय खुद की जेबें भरने में लगी हुई हैं। अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के बावजूद किसानों को फसलें खराब होने पर बीमा कंपनियों का कोई सहारा नहीं मिलता। हालात यह है कि पिछले वक्त हुई ओलावृष्टि एवं जलभराव के चलते हुए नुकसान का मुआवजा भी अभी तक नहीं मिल पाया है। आलम यह है कि करीब 40 हजार करोड़ का मुनाफा कमाने वाली बीमा कम्पनियां भूमिपुत्र के साथ नियम-कायदों का खेल करके किसानों का साथ छोड़ गई और संकट के समय सरकार ने भी अन्नदाता से किनारा कर लिया।

 

आढ़तियों की मांगों को लेकर भी गंभीर नहीं सरकार: कुंडू

 

बलराज कुंडू ने कहा कि किसानों द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद भी सरकार ने अब तक मंडियों में धान की खरीद शुरू नहीं की है, जबकि कई दिन पहले से मंडियों में धान पहुंचने लगा था। खरीद ना होने से बारिश में भीगकर मंडियों में पड़ा धान खराब होने लगा है। ऐसे हालातों के बीच डरे सहमे किसानों को धान की फसल फिर से पिटती नजर आ रही है। बाजरा उत्पादक किसानों की भी ऐसे ही दुर्गति हो रही है। सरकार द्वारा ना तो बाजरा की एमएसपी दी जा रही और ना ही भावांतर भरपाई योजना के माध्यम से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा रही है। दूसरी ओर, प्रदेश भर में आढ़तियों की हड़ताल चल रही है, लेकिन सरकार बातचीत के बाद भी मांगों को मानकर आढ़तियों की हड़ताल को खत्म करवाने के मूड में नहीं हैं।  

 

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