हरियाणा डेस्क: हरियाणा के कोचिंग सेंटर में बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश का कोई भी कोचिंग इंस्टीट्यूट बिना रजिस्ट्रेशन नहीं चल पाएगा। इंस्टीट्यूट में एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स के बढ़ते मेंटल प्रेशर को कम करने के लिए साइक्लोजिस्ट रखना होगा। साथ ही इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को अच्छे नंबर दिलाने वाले वादे का प्रचार भी नहीं कर सकेंगे।
बता दें कि 20 फरवरी को बजट सत्र में सरकार हरियाणा कोचिंग इंस्टीट्यूट (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2024 पेश करने जा रही है। बिल में कॉमर्शियल कोचिंग इंस्टीट्यूट पर अंकुश लगाने को लेकर कई मानक तय किए गए हैं। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा कोचिंग इंस्टीट्यूट पर शिकंजा कसने के लिए कंट्रोल और रेगुलेशन का ड्राफ्ट तैयार किया है।
सरकार ने इसमें गाइडलाइन तय की हैं। इसमें लोकल लेवल पर इंस्टीट्यूट की मनमानी को रोकने के लिए कमेटी बनाने का लॉ दिया गया है। बिल की खास बात ये है कि इंस्टीट्यूट को बच्चे की मानसिक विकास की निगरानी करनी होगी।
ट्यूटर का ग्रेजुएट होना जरूरी
कोचिंग सेंटर अपने स्टूडेंट्स से अच्छे नंबर दिलाने का वादा नहीं करेगा। कोचिंग संस्थानों को अपने केंद्रों में दी जाने वाली
- कोचिंग की गुणवत्ता
- कोचिंग में प्रस्तावित सुविधाओं
- हासिल किए गए परिणाम
- कक्षाओं का हिस्सा रहे छात्रों
के बारे में किसी भी दावे से जुड़ा गुमराह करने वाला प्रचार नहीं करना होगा। कोई भी कोचिंग सेंटर स्नातक से कम शिक्षा वाले ट्यूटर को नियुक्त नहीं करेंगे।
प्रोविजन तोड़ने पर लगेगा 25 हजार का जुर्माना
जानकारी के मुताबिक इस बिल में डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के पास सिविल प्रोसीजर कोड 1908 के तहत कोर्ट की शक्तियां होंगी। अगर कोई भी कोचिंग इंस्टीट्यूट कानून के किसी भी प्रोविजन को तोड़ता है, तो उसे पहली बार 25 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार गलती करने के बाद भी कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ आरोप साबित होता है तो शो कॉज नोटिस और सुनवाई का पूरा मौका दिया जाएगा। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी इंस्टीट्यूट के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर देगी। ऐसे इंस्टीट्यूट जिन पर आरोप है, स्टूडेंट या पेरेंट्स अपील अथॉरिटी के पास केस फाइल कर सकते हैं और उसको सुलझा सकते हैं। यानि कोई भी कोचिंग इंस्टीट्यूट रेजिडेंटल और ऑनलाइन कोचिंग या ट्यूशन सेंटर वैलिड रजिस्ट्रेशन के बगैर नहीं चला सकता है।
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