Edited By Gourav Chouhan, Updated: 12 Aug, 2022 04:33 PM

किसानों की फसलों में कई-कई फुट पानी भरने से हजारों एकड़ धान, चारा व सब्जियों की फसलें तबाही की कगार पर पहुंच गई हैं। हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई है।
इंद्री(मेनपाल): पहाड़ों में अधिक बरसात होने से हथिनी कुंड से यमुना नदी में 2 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने के कारण हरियाणा के करनाल सहित कई जिलों में यमुना नदी में आई बाढ़ का पानी लोगों के खेतों में घुस गया है। किसानों की फसलों में कई-कई फुट पानी भरने से हजारों एकड़ धान, चारा व सब्जियों की फसलें तबाही की कगार पर पहुंच गई हैं। हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई है, जिस कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। कई किसानों की धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
किसानों की धान, चारा और सब्जियों की फसल हुई खराब
इसे लेकर शुक्रवार को इंद्री हलके के दर्जनों गांव के किसानों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। बाढ़ का पानी गांव की सड़कों पर भी भर गया है, जिसके चलते कई गांवों का इंद्री शहर से संपर्क कट गया है। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। गांव के किसानों ने बताया कि उनके खेत में यमुना नदी का पानी भरने के कारण हजारों एकड़ फसल तबाह हो गई हैं। किसानों का कहना है कि धान के अलावा, चारा व सब्जियों की फसलें भी पूरी तरह खराब हो गई हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार बाढ़ से खराब होने वाली किसानों की फसलों की एवज में सरकार मुआवजा देने में आनाकानी करती है। यदि इस बार भी सरकार ने बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा नहीं देगी तो फिर किसानों के लिए घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।
मुआवजे की मांग के साथ किसानों ने दी चेतावनी
किसानों का कहना है कि सरकार चुनावों के दौरान बाढ़ से तबाह हुई फसलों का मुआवजा देने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं होता। किसानों ने बाढ़ से तबाह हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके। इसी के साथ किसानों ने प्रशासन पर भी बाढ़ की सूचना ना देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सूचना ना होने के चलते वे ट्यूबवेल की मोटर भी खोल कर लाने में नाकाम रहे। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी तबाह हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
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