Edited By Manisha rana, Updated: 21 Dec, 2024 09:34 AM
स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारियों के लिए आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। कर्मचारी बेखौफ होकर लेबर रूम जैसे अति संवेदनशील एरिया को छोड़कर नदारद हो रहे हैं।
जींद : स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारियों के लिए आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। कर्मचारी बेखौफ होकर लेबर रूम जैसे अति संवेदनशील एरिया को छोड़कर नदारद हो रहे हैं। कर्मचारियों की इस लापरवाही का खामियाजा आमजन तथा गर्भवती महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा ही नजारा शुक्रवार को पी.एच.सी. नगूरां के लेबर रूम में देखने को मिला, जहां पीएचसी प्रभारी की बिना परमिशन के लेबर रूम जैसे अति संंवेदनशील एरिया को छोड़कर एक महिला कर्मचारी डैपूटेशन पर अन्य सीएचसी पर गई। एक महिला कर्मचारी के भरोसे पर छोड़कर नियमों के विपरीत पीएचसी के बाहर अपने कामों में व्यस्त दिखाई दी। हालांकि नगूरां पी.एच.सी. प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने की बात कही है। नगूरां तथा आसपास गांव के ग्रामीण मनोज, राजेश, जोगिंद्र, विकास, चरण सिंह के अलावा पंच सुदेश, भूप सिंह आदि ने बताया कि प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने खट्टर ने लगभग 10 साल पहले नगूरां गांव में पीएचसी के निर्माण करवाने की घोषणा की थी।
इसी घोषणा के चलते स्वास्थ्य विभाग ने पंचायत की मांग पर नगूरां गांव में पीएचसी के निर्माण के साथ-साथ मार्च 2024 में डिलीवरी हट की स्थापना कर दी। लेकिन पी.एच.सी. डिलीवरी हट की शुरूआत के साथ ही विवादों में आ गई। इसके लिए पी.एच.सी. में कई बार मरीजों तथा स्टाफ मेंं आपस में कहासुनी भी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि पंचायत शुरू से ही लेबर रूम में तैनात स्टाफ की कार्यप्रणाली का विरोध भी करती आ रही है, लेकिन उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले को लेकर पंचायत की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारी बेखौफ होकर पीएचसी से समय से पहले नदारद हो रहे हैं, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में आ सकती है।
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