मेहनत लाई रंगः प्रेक्टिस के लिए कभी पिता को बेचनी पड़ी थी जमीन, आज बेटा बना गोल्फ चैंपियन

Edited By Isha, Updated: 10 Aug, 2024 03:25 PM

father had to sell land for practice today son is a golf champion

16 वर्षीय प्रतिभाशाली गोल्फ़र कृष चावला ने इंडियन गोल्फ़ यूनियन की नॉर्दर्न इंडिया जूनियर बॉयज़ गोल्फ़ चैंपियनशिप में जीत हासिल की है। चंडीगढ़ गोल्फ़ क्लब में 9 अगस्त तक चली इस प्रतियोगिता में कृष ने तीन प्रतिभागियों के खिलाफ़ रोमांचक प्लेऑफ़ में...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : 16 वर्षीय प्रतिभाशाली गोल्फ़र कृष चावला ने इंडियन गोल्फ़ यूनियन की नॉर्दर्न इंडिया जूनियर बॉयज़ गोल्फ़ चैंपियनशिप में जीत हासिल की है। चंडीगढ़ गोल्फ़ क्लब में 9 अगस्त तक चली इस प्रतियोगिता में कृष ने तीन प्रतिभागियों के खिलाफ़ रोमांचक प्लेऑफ़ में जीत हासिल की। 

एक उल्लेखनीय अंतिम दौर में कृष ने टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसमें आठ अंडर पार का शानदार स्कोर रहा। इस शानदार स्कोर ने उन्हें प्रतियोगिता के पहले तीन दिनों तक पिछले नेता से पीछे रहने के बाद आगे बढ़ने और शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद की। यह पूरे भारत से कुल 100 शीर्ष-स्तरीय प्रतिभागियों के साथ एक बहुत ही कठिन प्रतियोगिता थी। चंडीगढ़ गोल्फ़ ग्रीन्स थोड़ा धीमा था, और उन परिस्थितियों का प्रबंधन करना काफी चुनौतीपूर्ण था। कृष वर्तमान में चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में स्ट्रॉबेरी फील्ड्स हाई स्कूल में छात्र हैं और चंडीगढ़ गोल्फ अकादमी में प्रसिद्ध गोल्फ कोच जेसी ग्रेवाल के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेते हैं।

उभरते सितारे के रूप में बनी पहचान
अपनी हालिया सफलता के अलावा, कृष ने गोल्फ हरियाणा पंचकूला एमेच्योर टूर्नामेंट में भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जो 29 जुलाई से 1 अगस्त तक चला था। देश भर से 100 प्रतिभागियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, वह एमेच्योर श्रेणी में शीर्ष 10 में रहे, जिससे भारतीय गोल्फ में एक उभरते सितारे के रूप में उनकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई। कृष चावला की उपलब्धियां न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा को उजागर करती हैं, बल्कि भारत में जूनियर गोल्फ की बढ़ती प्रमुखता में भी योगदान देती हैं। जैसे-जैसे वह खेल में उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखता है।

अगले साल अमेरिका और यूरोपिय ट्रॉफी में लेंगे हिस्सा
कृष के पिता आकाश चावला ने बताया कि उनका लक्ष्य अगले वर्ष अमेरिका और यूरोप में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होकर देश के लिए ट्रॉफी लाना है। इसके साथ ही कृष का मुख्य मकसद 2036 के ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अपने बेटे के लिए पहले उन्होंने टेनिस को चुना था, लेकिन बाद में गोल्फ का चयन किया गया। एसोसिएशन की ओर से कृष को फ्री मेंबर स्टूडेंट बनाया हुआ है, जबकि इसकी मेंबरशिप के लिए ही लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं।

मुश्किलों भरा है सफर
कृष के पिता आकाश चावला ने बताया कि गोल्ड की महज आधे घंटे की ट्रेनिंग पर 2300 रुपए का खर्चा आता है। अभी तक केवल उच्च घरानों के लोग ही इस खेल को लेकर आगे आते थे, लेकिन कृष के जज्बे को देखते हुए उन्होंने कभी भी पैसों की परवाह नहीं की। कृष की ट्रेनिंग के लिए पैसों की जरूरत पड़ने पर उन्हें अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि जहां सरकारें खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों की हर प्रकार से मदद करने को तैयार रहती है। वहीं, आज तक किसी भी सरकार ने गोल्फ के खेल की ओर ध्यान नहीं दिया है। यहीं कारण है कि हरियाणा, पंजाब या फिर चंडीगढ़ जैसे राज्यों में युवा इस खेल को लेकर अधिक जागरूक नहीं है। खर्चिला खेल होने के कारण भी लोग इस खेल के प्रति कम आकर्षित होते हैं।

स्टेटस सिंबल बना गोल्फ
आमतौर पर कोई ना कोई चीज इंसान की पहचान बन जाती है। इसी प्रकार से बड़े राजनेताओं और उच्च घरानों तक सीमित होने के कारण गोल्फ काफी खर्चिला खेल है। यदि सरकार इस प्रकार के खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दे तो दूसरे खेलों में देश के लिए मेडल लाने वाले हमारे युवा इस खेल में भी देश और प्रदेश दोनों का नाम रोशन कर सकते हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!