Edited By Manisha rana, Updated: 18 Oct, 2023 01:26 PM
अगर आप किसान हैं आपके पास जमीन है और आप गन्ना, गेहूं धान की खेती कर कर उब चुके हैं और अधिक पैसा कमाना चाहते हैं। तो आपके लिए कई तरह के विकल्प हैं। आजकल पाली हाउस बनाकर उसमें सब्जियां लगाना बड़ा फायदे का सौदा साबित हो रहा है। हरियाणा में कई पाली हाउस...
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : अगर आप किसान हैं आपके पास जमीन है और आप गन्ना, गेहूं धान की खेती कर कर उब चुके हैं और अधिक पैसा कमाना चाहते हैं। तो आपके लिए कई तरह के विकल्प हैं। आजकल पाली हाउस बनाकर उसमें सब्जियां लगाना बड़ा फायदे का सौदा साबित हो रहा है। हरियाणा में कई पाली हाउस कार्यरत हैं। जिनमें पूरा साल सब्जियां उगाई जाती हैं। इन सब्जियों का बाजार में अन्य सब्जियों से अधिक दाम मिलता है।
50% से लेकर 85% तक की सब्सिडी देती है सरकार
हरियाणा उधान विभाग द्वारा इन पर कई तरह की योजनाएं हैं। भारी सब्सिडी दी जाती है। पाली हाउस के निर्माण पर जहां साधारण किसान को 50% तक की सब्सिडी है, वहीं अनुसूचित जाति के किसान को 85% तक सब्सिडी है। जिला उधान अधिकारी डॉक्टर कृष्ण कुमार जो इजरायल का दौरा कर वहां की खेती के बारे में जानकारी ले चुके हैं और हरियाणा के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि पोली हाउस इस समय परंपरागत खेती छोड़ने वाले किसानों के लिए बड़ा लाभ का सौदा साबित हो रहा है। एक किसान एक एकड़ में 5 से 10 लाख रुपए प्रति वर्ष तक ले रहा है। उन्होंने बताया कि इन पाली हाउस पर पूरा साल सब्जियां जिसमें लाल, पीली शिमला मिर्च, खीरा, टमाटर लगाए जाते हैं। इन पर मौसम का किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और इसके लिए सरकार 50% से लेकर 85% तक की सब्सिडी भी देती है। वहीं सरकार की सेवाओं का लाभ उठाते हुए किसान भी खुश है, उनकी आमदनी बढ़ रही है।
परंपरागत खेती छोड़ पाली हाउस का निर्माण कर रहे किसान
किसानों का कहना है कि वह पाली हाउस लगाकर अच्छा मुनाफा ले रहे हैं। पहले एक पाली हाउस बनाया गया था अब दूसरा बनाया गया है, जिसमें सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी गई है। सरकार किसानों के उत्थान के लिए कई तरह की योजनाएं ला रही हैं, लेकिन पहले अधिक किसान उसका ज्यादा लाभ नहीं लेते थे, लेकिन अब लगातार बढ़ते पाली हाऊस के चार कारण लोग इसके लिए काफी आकर्षित हो रहे हैं, मुनाफा ले रहे हैं। परंपरागत खेती को छोड़कर पाली हाउस का निर्माण कर रहे हैं।
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