Edited By Shivam, Updated: 30 Jul, 2019 10:22 AM
अक्तूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनावों से पहले चुपके से जींद की धरती से किसान आंदोलन की नींव रविवार को जुलाना की नई अनाज मंडी में रख दी गई। अब किसान आंदोलन के नाम पर सीधी राजनीति होगी। 16 दिन में एस.वाई.एल. नहर बनेगी नहीं और ऐसे में रेल...
जींद (जसमेर): अक्तूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनावों से पहले चुपके से जींद की धरती से किसान आंदोलन की नींव रविवार को जुलाना की नई अनाज मंडी में रख दी गई। अब किसान आंदोलन के नाम पर सीधी राजनीति होगी। 16 दिन में एस.वाई.एल. नहर बनेगी नहीं और ऐसे में रेल रोकने के ऐलान पर अमल हुआ तो जींद विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा बन जाएगा।
हरियाणा स्वाभिमान संगठन ने जुलाना की नई अनाज मंडी में राज्य स्तरीय किसान महापंचायत का आयोजन कर इसमें एस.वाई.एल. नहर के निर्माण को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार को 13 अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर 14 अगस्त को हरियाणा से होकर पंजाब जाने वाली तमाम ट्रेनों को रोक दिया जाएगा। किसान महापंचायत के आयोजक रमेश दलाल ने एस.वाई.एल. नहर के निर्माण को अपने आंदोलन का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने के साथ-साथ किसानों की नैशनल हाईवे के निर्माण के लिए अधिगृहीत होने वाली जमीनों का मुआवजा मार्कीट रेट पर देने समेत कई अहम मसले उठाए।
इस मंच से जिस तरह प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ललकारा गया, उससे साफ था कि जींद के जुलाना की धरती पर चुपके से बड़े किसान आंदोलन की नींव रख दी गई है। एस.वाई.एल. के निर्माण को लेकर जिस तरह का अल्टीमेटम दिया गया है, उससे साफ है कि अब रमेश दलाल और उनका संगठन हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले बहुत बड़े किसान आंदोलन के लिए जमीन तैयार कर रहा है।
16 दिन में एस.वाई.एल. के निर्माण का सवाल ही नहीं और 14 अगस्त को किसान हरियाणा से होकर पंजाब जाने वाली ट्रेनें रोकने के लिए रेलवे ट्रैकों पर आ गए तो फिर किसानों और पुलिस बल के जवानों के बीच टकराव तय है। ऐसा हुआ तो प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन भड़क उठेगा और किसान आंदोलन की इस आग की आंच विधानसभा चुनावों को भी अपनी लपटों में ले लेगी।