सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी पर दिए गए कृषि यंत्र ऊंट के मुँह में जीरा के समान

Edited By Shivam, Updated: 22 Sep, 2020 05:56 PM

farm equipment given by government on subsidy to farmers is like cumin

वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने को ले कर या फिर एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की झाड़ से बचने के लिए हरियाणा सरकार ने किसानों को अपने खेतों में धान के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस को रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी किसानों...

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना): वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने को ले कर या फिर एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की झाड़ से बचने के लिए हरियाणा सरकार ने किसानों को अपने खेतों में धान के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस को रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी किसानों द्वारा धान के अवशेष जलाए जाने पर कड़ी निगाह रखते हैं। उन किसानों को सरकार द्वारा न केवल आर्थिक दंड लगाया जाता है बल्कि सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य स्कीमों से मिलने वाले लाभ से भी वंचित किया जाता है जो किसान अपने खेत में फाने जलाते हैं।

प्रगतिशील किसान प्रेम कुमार ने बताया कि धान के अवशेष जलाना किसान का कोई अपना शौक नहीं बल्कि उसकी मजबूरी है। चूंकि ऐसे अभाव में गेहूं की बिजाई पर प्रतिकूल असर पड़ता है। बेशक इस समस्या के निदान के लिए सरकार किसानों की सहायता करने का दम भरती है, लेकिन ऐसी सहायता सभी किसानों को न दे कर, सरकार में रसूखदार लोग ही ऐसी अनुदान राशि का फायदा उठा लेते हैं। जिसमें सीमांत किसान की तो बिसात ही क्या, बड़े किसान भी सरकार की योजनाओं से वंचित रह जाते हैं।

हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा जिला में कृषि विभाग द्वारा एक ऑनलाइन ड्रा निकाला गया था। जिसमें व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों के लिए जिला के 298 लाभार्थियों एवं कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 65 सोसायटियों का चयन ड्रा के माध्यम से किया गया था। व्यक्तिगत श्रेणी में सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो ड्रिल, रिवर्सीबल प्लाऊ, स्ट्रा बेलर, हैरेक, सुपर एसएमएस, शर्ब मास्टर/रोटरी स्लैशर, पैडी स्ट्रा चैपर, श्रेडर, मल्चर, क्रॉपरीपर के लिए ड्रा निकाला गया था, जिसमें जिले के 298 लाभार्थियों का चयन किया गया। 

इसी प्रकार कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने के लिए 65 लाभार्थी सोसायटियों का चयन किया गया था और लाभ लेने वाले उपरोक्त लाभार्थियों को ही अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जाएंगे। अब पते की बात यह है कि गेहूं उत्पादन में अग्रणी रहने वाले सिरसा जिला में जिसे धान का कटोरा भी कहा जाता है, के किसानों के लिए सरकार द्वारा मात्र 298 लाभार्थियों को ही देना ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। जिला के किसानों ने मांग की है कि सरकार द्वारा अगर उन्हें अपने खेतों में धान के फानों को जलाने से रोकना है तो यह अनुदान पर दिए जाने वाले यंत्र चुनिदा किसानों को ही न दिए जा कर हर उस किसान को दिए जाए जिस ने सरकार को ऐसे अनुदान के लिए आवेदन किया है।

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