हरियाणा की स्वास्थ्य महानिदेशक सोनिया त्रिखा खुल्लर से पंजाब केसरी की Exclusive बातचीत, पढ़िए Covid को लेकर क्या है प्रदेश की तैयारियां…

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 29 Mar, 2023 07:01 PM

exclusive conversation with sonia trikha khullar

कोविड काल के दौरान जहां देश ही नहीं बेहद विकसित यूरोप भी पूरी तरह से डगमगाया हुआ नजर आया, वहीं प्रदेश सरकार के बेहद कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती, दूरदर्शी और सूझबूझ वाले अधिकारियों ने अपनी काबिलियत को प्रमाणित करते हुए हरियाणा को भारी जान माल के नुकसान से...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : कोविड काल के दौरान जहां देश ही नहीं बेहद विकसित यूरोप भी पूरी तरह से डगमगाया हुआ नजर आया, वहीं प्रदेश सरकार के बेहद कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती, दूरदर्शी और सूझबूझ वाले अधिकारियों ने अपनी काबिलियत को प्रमाणित करते हुए हरियाणा को भारी जान माल के नुकसान से बचाया। कोविड के मुख्य केंद्र बिंदु रहे दिल्ली के तीन और हरियाणा पर लगातार संकट के बादल मंडराए हुए नजर आए। लेकिन अपने साधनों-संसाधनों और अच्छे स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते केवल प्रदेशवासियों को ही नहीं अन्य प्रदेशों से आए हुए मरीजों को भी बेहतर सुविधाएं देते हुए निशुल्क इलाज देने की भूमिका में प्रदेश खड़ा नजर आया।

पड़ोसी राज्य दिल्ली की सरकार द्वारा हाथ खड़े किए जाने के बाद दिल्ली की एक बड़ी आबादी हरियाणा की सुविधाएं प्राप्त करने के बाद हरियाणा सरकार की वाहवाही करती नजर आई। अब फिर से कोविड के मरीजों की संख्या देशभर में बढ़ोतरी करती नजर आ रही है, हरियाणा में भी पिछले कुछ दिनों में सिंगल डीजिज वाली गिनती 90 से पार पहुंच चुकी है, इसे लेकर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग किस प्रकार की तैयारियां कर चुका है और करने में लगा है, इसे लेकर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक सोनिया त्रिखा खुल्लर से पंजाब केसरी की विस्तार से बातचीत हुई, जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं...

प्रश्न : देशभर में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी हरियाणा के लिए कितने डराने वाली खबर मानी जाए ?

उत्तर : हां, पिछले कुछ दिनों में यह देखा गया है कि पूरे भारत में कोविड के केस बढ़ रहे हैं। हरियाणा में भी ऐसा ही कुछ नोटिस हुआ है। मंगलवार को 90 से अधिक केस सामने आए हैं जो कि कुछ दिन पहले सिंगल डिजीज में आ रहे थे। 6 मार्च से 27 मार्च के बीच भारत में 5 गुना बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

प्रश्न : पिछली बार भी हरियाणा के हालातों की जिम्मेदार दिल्ली थी, फिलहाल क्या अलग से कोई गाइडलाइन जारी की गई है ?

उत्तर : फिलहाल पूरे हरियाणा के सभी जिलों के लिए गाइडलाइन जारी हुई हैं। क्योंकि दिल्ली में गुड़गांव-फरीदाबाद के बहुत से लोग काम करने के लिए जाते हैं, ज्यादा आबादी, ज्यादा भीड़भाड़ के कारण वहां ज्यादा दूरी नहीं रखी जाती। वहां कोविड संबंधित गाइडलाइन को सही ढंग से फॉलो नहीं किया जाता। भारी आबादी के कारण ऐसा अवश्य होता है। हरियाणा में केसों में बढ़ोतरी नोटिस की गई है। पहले की तरह ही दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मास्क लगाना, दूरी बनाकर रखना, साफ सफाई रखना सेंटर, खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि के लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल में जाकर टेस्ट इत्यादि करवाना। इस प्रकार की जागरूकता आज की जरूरत है। हमने अस्पतालों में भी चिकित्सकों, नर्सेस व अन्य स्टाफ को सावधानी के निर्देश दिए हैं। कुछ समय पहले टेस्टिंग अवश्य कम हो गई थी, अब फिर से हमने इस पर जोर दिया है। टेस्टिंग बढ़ा दी गई है और पॉजिटिव केस मिलने पर जिनोम सीक्वेंसिंग (संपूर्ण अनुक्रमण) के लिए सैंपल को लैब में भेजा जाता है। पूरे देश में लैब्स का नेटवर्क है और हर प्रदेश को एक लैब के साथ जोड़ा गया है। हमारे यहां से भी पॉजिटिव सैंपल वहां भेजा जाता है और उसकी रिपोर्ट के अनुसार डिसीजन लिया जाता है। क्योंकि यह म्युटेंट वायरस होता है और जीनोम सीक्वेंसिंग से इसकी सही जानकारी प्राप्त हो जाती है और इसके लिए आईसीएमआर भी प्रदेशों से रिक्वेस्ट करती है। भारत सरकार की भी वेरिएंट को लेकर गाइडलाइन रहती है। कॉविड का ओमीक्रोन का एक वैरीअंट कंफर्म है। जिस प्रकार से पहले डेल्टा वायरस आया और बहुत जल्द फैला, बहुत अधिक नुकसान देश में देखने को मिला, हॉस्पिटलाइजेशन बहुत देखी गई, सभी प्रदेशों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उसके बाद से काफी जागरूकता सभी प्रदेशों में आई है।

प्रश्न : विदेशी यात्रियों के माध्यम से यहां वायरस ना पहुंचे, क्या फ्लाइट्स इत्यादि भी बंद करने के कोई निर्देश जारी हुए हैं ?

उत्तर : अभी इस स्तर पर पाबंदी इत्यादि की कोई बात नहीं है और किसी प्रकार का खतरा या डरने वाली बात भी नहीं मानी जा सकती, यानि पैनिक क्रिएट नहीं करना है। लेकिन हम लगातार पहले की तरह फ्लाइट से आने वाले ट्रैवलर्स की टेस्टिंग कर रहे हैं और अगर कोई संक्रमित केस आता है तो जिनोमिक सीक्वेंसिंग करवाई जा रही है। मेरी आपके माध्यम से प्रार्थना है कि सभी अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें। अगर खांसी-जुखाम-बुखार इत्यादि की दिक्कत आती है तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। मास्क लगाकर अपने परिवार से दूर ही रखें ताकि यह समस्या आपके परिवार के अन्य सदस्यों में ना पहुंचे। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और दूसरे से तीसरे व्यक्ति तक तुरंत प्रभाव से पहुंचने वाला यह वायरस है। इस माध्यम को हमें रोकना होगा।

प्रश्न : क्या कोई हाल-फिलहाल संक्रमण से मृत्यु की कोई औपचारिक सूचना है ?

उत्तर : आधिकारिक रूप से कोविड रिलेटिड डेथ की अभी तक कोई जानकारी नहीं है।

प्रश्न : सेकेंड वेव में लगातार हुई ऑक्सीजन की कमी को लेकर हरियाणा आत्मनिर्भर की ओर लगातार बढ़ा, आज की स्थितियां क्या है ?

उत्तर : आज हम बहुत आत्मनिर्भर हैं। हमने अभी कुछ एक-दो माह पहले ही मॉकड्रिल भी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी प्रदेशों को तैयारी रखने के निर्देश दिए गए थे कि अस्पतालों में अवेलेबिलिटी ऑफ बेड्स, अवेलेबिलिटी ऑफ वेंटिलेटर, अवेलेबिलिटी ऑफ ऑक्सीजन समेत अन्य स्थितियां चेक की जाएं। प्रदेश के माननीय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा स्वयं पंचकूला अस्पताल में आकर एक-एक चीज चेक की गई। वार्ड की स्थिति कैसी है, फ्लू कॉर्नर कैसे चल रहे हैं, कितनी टेस्टिंग हो रही है, पर्याप्त साधन उपलब्ध है या नहीं, आरटीपीसीआर 1 दिन में कितने किए जा रहे हैं और सैंपल कहां भेजे जा रहे हैं, अनिल विज द्वारा ऑक्सीजन प्लांट (पीएसए) भी देखे गए थे।

प्रश्न : क्या प्राप्त जरूरतों का कोई डाटा आपके पास उपलब्ध है ?

उत्तर : आज हमारे पास 5000 आइसोलेशन बेड, 4000 ऑक्सीजन बेड, 2,000 से अधिक आईसीयू बेड, वेंटीलेटर्स की संख्या 733 और ऑक्सीजन प्लांट 100 से भी अधिक मौजूद है। दूसरी वेव से हमने बहुत सबक लिया है। मैं हर उस व्यक्ति, सामाजिक-धार्मिक संस्था की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने उस लड़ाई में प्रदेश के प्रति समर्पित भाव रखा। सरकार ने भी अपनी सारी रिसोर्सेस लगाकर उस समय ऑक्सीजन की काफी अधिक उपलब्धता की। ना केवल कोविड बल्कि हर अन्य परेशानी के दौरान अब स्वास्थ्य विभाग के पास कोई दिक्कत ऑक्सीजन को लेकर नहीं आएगी। हमारे पास आज एडल्ट वेंटिलेटर 907 के करीब हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उस दौरान बहुत अधिक आए, आज एडल्ट बेड के साथ 7521 मौजूद है। ऑक्सीजन सिलेंडर (डीटाइप बड़े सिलेंडर) जिससे मल्टीपल लाइन के थ्रू हम ऑक्सीजन देते हैं, वह भी प्रदेश के पास 6500 से अधिक उपलब्ध है। हम दोबारा फिर से कुछ दिनों में मॉकड्रिल करने वाले हैं और सारे अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लगातार लिया जा रहा है कि कोविड गाइडलाइंस की पालना सही ढंग से हो रही है या नहीं। हम इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि कोविड से अलग इलाज लेने वाले व्यक्तियों की सुविधाओं को भी अलग रखा जाए ताकि वह संक्रमित मरीज के पास में आने से रोगी ना हो जाए, सभी सिविल चिकित्सकों को मैंने स्वयं इसके निर्देश दिए हैं। इसके साथ साथ वेंटिलेटर ऑपरेटर, नर्सेज, आइसीयू टेक्नीशियन, काउंसलर की भी उपलब्धता रहेगी। काउंसलर पेशेंट व उसके परिवार को सही ढंग से डील कर सके, इसलिए यह व्यवस्था की गई है।

प्रश्न : प्रदेश के पास वैक्सीन की उपलब्धता की स्थिति क्या है ?

उत्तर : मैं मानती हूं कि किसी चीज का महत्व कम होने पर उस तरफ ध्यान कम होता है। क्योंकि कोविड के कम होते प्रभाव के चलते टेस्टिंग भी कम हुई हैं बूस्टर डॉज जो नहीं लगवाना चाहता था उसने नहीं लगवाई। क्योंकि ज्यादा जरूरत भी नहीं दिख रही थी। अब फिर से केस बढ़ने लगे हैं ऐसे में पहला हथियार वैक्सीन होता है। हमारे पास 38000 डोज उपलब्ध, हमारी पहली कोशिश यही है कि हर जिले में जहां जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, ज्यादा बुजुर्ग हैं और उन पर संक्रमण ज्यादा प्रभावी हो सकता है, सबसे पहले उन्हें वैक्सीनेट किया जाएगा।

प्रश्न : बच्चों के लिए भी क्या डोजेस देना शुरू किया जाएगा ?

उत्तर : इसके लिए हमें ट्रेंड को देखना होगा, अभी ट्रेंड बढ़ रहा है आगे देखना होगा कि अगर इसी प्रकार से यह जारी रहा तो बच्चे और एडल्ट को भी डोज देने की जरूरत हो सकती है।

प्रश्न : एच3एन2 को लेकर लोगों में लगातार चर्चा रहती है, इसके लिए क्या प्रबंध है ?

उत्तर : मैं इसके लिए भी टेस्टिंग ही बोलूंगी। जिन्हें भी बुखार, खांसी, रनिंग नोज, थकावट इत्यादि के लक्षण दिखे, हम एच3एन2 व एच1एन1 की भी टेस्टिंग की सलाह देंगे। हालांकि इन दोनों के प्रदेश में अभी तक 20 से भी कम के सामने आए हैं।

प्रश्न : इन स्थितियों में जिस प्रकार से पहले एनजीओ इत्यादि की मदद लेकर जागरूकता के कार्यक्रम किए गए, क्या अब फिर से किए जाएंगे ?

उत्तर : मीडिया के जरिए आम जनता तक अपनी बात बहुत आसानी से पहचान सकते हैं। आपने यहां आकर, इस प्रकार की बातें पूछकर एक अच्छी पहल की है। आपके जरिए लाखों- हजारों लोग जानकारियों को हासिल करेंगे। हम लगातार प्रयास करते रहे हैं और करते रहेंगे। हमने पहले भी स्कूलों, कॉलेजों, धार्मिक लोगों, एनजीओस्, पंचायत मेंबर्स तक के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। सबसे अधिक हमारा जागरूक रहना ही बेहतर ईलाज है। भीड़ भाड़ में मत जाएं, मास्क का इस्तेमाल करें, नियमों का पालन करें और खांसी इत्यादि आने पर दूसरों को इससे बचाएं, यह बहुत जरूरी बातें हैं। समाज को इससे अपनाने की आज बेहद जरूरत है।

प्रश्न : अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता को लेकर आप क्या कहेंगे ?

उत्तर : प्रधानमंत्री कार्यालय से कुछ दिन पहले ही माननीय नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड सबंधित दवाइयों की व्यवस्थाओं पर अपनी बात रखी। हरियाणा में इस वक्त कोविड संबंधित जिन दवाइयों समेत अन्य साधनों-संसाधनों इत्यादि की जरूरत होती है वह हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

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