एग्जाम फीवर : विद्यार्थियों को सताने लगी परीक्षाओं की चिंता

Edited By Isha, Updated: 25 Feb, 2020 10:38 AM

exam fever students are worried about examinations

बोर्ड परीक्षाओं के साथ तमाम छात्र परीक्षा फीवर से परेशान हो रहे हैं। परीक्षा में बेहतर करने के तनाव से वे निराशा, अङ्क्षनद्रा और पेट संबंधी समस्याओं से परेशान है।  छात्रों के तनाव से उनके अभिभावक

अम्बाला शहर (मुकेश): बोर्ड परीक्षाओं के साथ तमाम छात्र परीक्षा फीवर से परेशान हो रहे हैं। परीक्षा में बेहतर करने के तनाव से वे निराशा, अङ्क्षनद्रा और पेट संबंधी समस्याओं से परेशान है।  छात्रों के तनाव से उनके अभिभावक भी परेशान है। एक सर्वे के मुताबिक 66 प्रतिशत बच्चों का मानना है कि उनके अभिभावकों की इच्छाएं उन पर प्रैशर बनाती हैं, वहीं 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने अलग-अलग विषयों की ट्यूशन रखी हुई हैं। 

ऐसे में अभिभावकों के दबाव के चलते बेहतर परीक्षा परिणाम न आने पर कुछ विद्यार्थी आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं। इन दिनों कुछ कक्षाओं के विद्यार्थियों की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं तो कुछ शुरू होने वाली हैं। अच्छे परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों की ङ्क्षचता बढ़ गई है। लिहाजा वे तनावग्रस्त हो रहे हैं। तनाव का सीधा असर उनके मन मस्तिष्क पर पड़ रहा है। कई बार वे निराशा की चपेट में आ जाते हैं। इसके अलावा उनको अङ्क्षनद्रा और पेट संबंधी बीमारियां जकड़ लेती हैं। मैडीकल की भाषा में इसे परीक्षा फीवर या फोबिया कहा जाता है। इससे बच्चों का मन पढ़ाई के दौरान एकाग्र नहीं हो पाता है और वे परीक्षा देने से कतराने लगते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक अधिकतर छात्र इस तरह के तनाव से ग्रसित है और अपनी समस्या से निजात पाने के लिए वे अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। छात्र अपनी समस्या से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथी से लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का प्रयोग कर रहे हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि परीक्षा में अच्छे अंकों से पास होने का दबाव इसकी सबसे बड़ी वजह है। ज्यादातर यह दबाव अभिभावकों द्वारा बनाया जाता है जिसके कारण बच्चे परीक्षा के दौरान एक कमरे में कैद हो जाते हैं। उनकी दैनिक दिनचर्या बिगड़ जाती है। वे रात भर पढ़ते हैं। इसका सीधा असर उनके पाचन तंत्र और मस्तिष्क पर पड़ता है। ऐसा लगातार करने से याददाश्त कमजोर हो जाती है। परीक्षा की तारीख पास आने पर ज्यादातर छात्रों में अङ्क्षनद्रा की शिकायत हो जाती है। कई विद्याॢथयों की नींद पर बड़ा बदलाव पड़ता है। परीक्षा के तनाव के चलते उन्हें नींद नहीं आ पाती। वे सोना चाहते हैं लेकिन उनके दिमाग में परीक्षा संबंधी सवाल और असफलता व प्रतिस्पर्धा का डर ही घूमता रहता है। उनकी भूख में भी बदलाव हो जाता है। कोई ज्यादा खाने लगता है तो कोई बिल्कुल कम।

परीक्षा के दौरान तली-भुनी चीजों से करें परहेज
अधिकतर छात्र तली-भुनी चीजे खाते हैं। यह उनके सेहत के लिए ठीक नहीं होती हैं। यह पाचनतंत्र को बिगाड़ देती हंै और उनकी एकग्रता भंग हो जाती है। लिहाजा परीक्षा के दौरान तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। हल्का खाना खाना चाहिए और अच्छी नींद लेनी चाहिए। तनाव से बचने के लिए बीच-बीच में कुछ मनोरंजन भी करते रहना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के दौरान धैर्य से काम लेना चाहिए।

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