Edited By Mohammad Kumail, Updated: 14 May, 2023 05:03 PM

वन रैंक-वन पेंशन में विसंगतियों की मांग उठा रहे पूर्व सैनिक अब आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इस बार पूर्व सैनिक आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं...
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : वन रैंक-वन पेंशन में विसंगतियों की मांग उठा रहे पूर्व सैनिक अब आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इस बार पूर्व सैनिक आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। सरकार को सीधे रूप से चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि मांगे पूरी नहीं होने पर बच्चों के साथ सड़कों पर उतरते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
वन रैंक वन पेंशन को पूरी तरह से लागू न करने पर पूर्व सैनिकों का गुस्सा फूटने लगा है। पूर्व सैनिकों ने दादरी के रोज गार्डन में एकजुट होकर फेडरेशन ऑफ वेटरन एसोसिएशन के आह्वान पर रोष मीटिंग की और बाद में सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से वन रैंक-वन पेंशन में विसंगतियों को दूर करने का आह्वान किया। पूर्व सैनिाकें का कहना था कि जंग में लड़ने वाले सैनिक का सम्मान होता है, लेकिन वन रैंक-वन पेंशन को आधे अधूरे तरीके से लागू कर पूर्व सैनिकों का तिरस्कार किया गया है। सैनिक देश की रक्षा कर सकते हैं तो सिंहासन भी हिला सकते हैं। इस दौरान ब्लाक स्तर की इकाईयों का भी गठन किया गया।
पूर्व सैनिक एडवोकेट विरेंद्र डूडी व बीर सिंह चौहान ने संयुक्त रूप से कहा कि वन रैंक-वन पेंशन को आधा अधूरा लागू किया गया है, जिसके चलते पूर्व सैनिकों में भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि सन् 1965 और 1971 की जंग लड़ कर सैनिकों ने सम्मान हासिल किया था और आज वही पूर्व सैनिकों का तिरस्कार किया जा रहा है। अब वे अपनी मांगों को लेकर बच्चों के साथ जंग के मैदान में उतरेंगे और दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचकर आवाज बुलंद करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगे नहीं मानी गईं तो सरकार को आगामी चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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