Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 22 Dec, 2025 08:32 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग, गुरुग्राम की एनफोर्समेंट विंग ने डीएलएफ फेज-1 से 5 में अवैध निर्माण व रिहायशी संपत्तियों के व्यावसायिक उपयोग से जुड़े मामलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे...
गुड़गांव,(ब्यूरो): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग, गुरुग्राम की एनफोर्समेंट विंग ने डीएलएफ फेज-1 से 5 में अवैध निर्माण व रिहायशी संपत्तियों के व्यावसायिक उपयोग से जुड़े मामलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है।
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विभाग ने एक विस्तृत पब्लिक नोटिस दोबारा जारी किया है, जिसे विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के हिंदी व अंग्रेजी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया है। विभाग द्वारा पहले कराए गए सर्वे में डीएलएफ फेज 1 से 5 के कुल 4183 प्लॉट/मकानों में विभिन्न प्रकार के नियम उल्लंघन सामने आए थे। इसके बाद हाल ही में कराए गए पुनः सर्वे में चारों फेज में 382 नए मकानों को सूची में जोड़ा गया है। इस प्रकार अब कुल 4565 मकानों/प्लॉट्स को नोटिस सूची में शामिल किया है। इन सभी यूनिट्स की सूची- टीसीपी हरियाणा डाट जीओवी डाट इन की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई है। जिससे संबंधित मकान मालिक अपनी यूनिट की स्थिति स्वयं जांच सकें।
16 जनवरी से मांगी आपत्तियां
टीसीपी विभाग ने सूची में शामिल सभी मकान व प्लॉट मालिकों से अपील की है कि यदि उन्हें विभागीय सर्वे या उल्लंघन की श्रेणी पर कोई आपत्ति है, तो वे अपनी लिखित आपत्तियां 16 जनवरी- 2025 तक डीटीपी एनफोर्समेंट कार्यालय, गुरुग्राम में जमा कराएं। आपत्ति के साथ स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, बिल्डिंग प्लान अप्रूवल लेटर (बीआर-3), ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट, भवन के वर्तमान फोटो, आवेदक का नाम, पूरा पता व संपर्क विवरण अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से प्रक्रिया शुरू
उल्लेखनीय है कि 28 अक्टूबर- 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह टिप्पणी की थी कि कई प्रभावित मकान मालिकों को पूर्व में न तो पक्षकार बनाया गया और न ही उन्हें सुनवाई का अवसर मिला। इसके चलते पुराने आदेश को निरस्त करते हुए संबंधित याचिकाएं पुनः हाईकोर्ट में बहाल की गईं। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 26 नवंबर-2025 को राज्य सरकार व टाउन प्लानिंग विभाग को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित पक्षों को व्यापक स्तर पर सूचना देकर उनकी आपत्तियां सुनी जाएं।
डीटीपी एनफोर्समेंट अमित मधोलिया की मानें तो16 जनवरी तक आपत्तियों के आधार पर विभाग हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगा। कोर्ट के निर्देशानुसार यह पूरी प्रक्रिया लगभग 45 दिनों के भीतर होगी। मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी- 2026 को है। अवैध निर्माण व रिहायशी संपत्तियों में व्यावसायिक गतिविधियां हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेग्युलेशन ऑफ अर्बन एरिया एक्ट का प्रत्यक्ष उल्लंघन हैं।