Sirsa: नस-नस में नशा, उजाड़ रहा ‘नौजवानी’...गांव-गांव में पैदा हुए तस्कर

Edited By Isha, Updated: 30 Sep, 2024 11:29 AM

drugs running through every vein  youth  is getting ruined

नशा सिरसा में नौजवानी को उजाड़ रहा है। हरियाणा विधानसभा में दी एक जानकारी के अनुसार जिला में नशे की ओवरडोज के चलते साल 2022 में 18 लोगों की मौत हो गई। 20 मैडीकल दुकानों को सील किया गया।

सिरसा : नशा सिरसा में नौजवानी को उजाड़ रहा है। हरियाणा विधानसभा में दी एक जानकारी के अनुसार जिला में नशे की ओवरडोज के चलते साल 2022 में 18 लोगों की मौत हो गई। 20 मैडीकल दुकानों को सील किया गया। 14 मैडीकल दुकानों के लाइसैंस रद्द किए गए। 12 नशा तस्करों से संबंधित गैरकानूनी रूप से अतिक्रमण की संपत्तियों को तोड़ा गया उसके अलावा लगभग 3 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया गया। 

जिला पुलिस ने नशा मुक्त करने के लिए 12 गांव को गोद में लिया हुआ है। जिला में 3 सरकारी एवं 13 निजी नशा मुक्ति केंद्र है। दरअसल पंजाब व राजस्थान से सटे सिरसा जिला में सिरसा में नौजवानी को निगोड़ा नशा उजाड़ रहा है। नशे के चलते सिरसा इलाके में हर माह औसतन 10 मौतें हो रही हैं। नशे का यह जाल इतना भयावह हो गया है कि सिरसा के 300 से अधिक गांवों के हजारों युवा इसकी चपेट में आ चुके हैं।  दरअसल, दूध-दही के भाणे वाले इलाके में अब भूक्की, अफीम, स्मैक, चिट्टा, चरस, आयोडैक्स से लेकर नशीले इंजैक्शन, दवाइयां तमाम तरह के नशों में युवा वर्ग धंसता जा रहा है। अभी हाल में आई एक रिपोर्ट के अनुसार ही हरियाणा में साढ़े 4 लाख से अधिक लोग नशे की जकड़ में है। सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति सिरसा में है। पंजाब व हरियाणा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही पिछले दस साल में 1578 लोगों की नशे की ओवरडोज से मौत हो चुकी है। 

खास बात यह है कि नशे से होने वाली मौतों का यह केवल सरकारी आंकड़ा है। नशे से होने वाली मौत के 80 प्रतिशत से अधिक केस तो पुलिस के पास पहुंचते ही नहीं हैं। ऐसे में नशों से होने वाली मौत का असली आंकड़ा भयावह है। पंजाब के साथ सटे सिरसा एवं फतेहाबाद जिले नशे से सबसे अधिक प्रभावित हैं। 

गांव-गांव में पैदा हुए नशा तस्कर
नशे का यह गोरखधंधा इतना अधिक फैल चुका है कि अब गांव-गांव में तस्कर पैदा हो गए है। लड़कियां भी नशा तस्करी करने लगी हैं। आरकेस्ट्रा में काम करने वाली युवतियां भी रातभर डांस करने के लिए नशे का सहारा लेने लगी हैं। हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, गुरुग्राम, कैथल में स्थिति अधिक चिंताजनक है। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो साल 2020 में  हरियाणा पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम 2982 मामले दर्ज किए और 4477 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान आरोपियों के कब्जे से 221.672 किलोग्राम अफीम, 230.764 किलोग्राम चरस, 12725.672 किलोग्राम चूरापोस्त, 8641.6 किलोग्राम गांजा, 35.9935 किलोग्राम हैरोइन, 1.10 ग्राम कोकीन, 1297485 गोलियां और 206970 कैप्सूल बरामद किए। इसी तरह से वर्ष 2021 के दौरान हरियाणा पुलिस ने एन.डी.पी.एस. अधिनियम के तहत 2745 मामले दर्ज किए, 3975 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 345.496 किलोग्राम अफीम, 157.259 किलोग्राम चरस, 8550.077 चूरापोस्त, 11368.07 किलोग्राम गांजा, 29.13586 किलोग्राम हैरोइन, 1304530 गोलियां और 45280 कैप्सूल बरामद किए। खास बात यह है कि अब नौजवान चिट्टा, याऊं-याऊं, चार्ली-चार्ली, पंक्चर में इस्तेमाल होने वाले सोल्यूशन का भी नशा करने लगे हैं। अभी कुछ समय पहले 10 से 12 साल के कुछ बच्चों को उनके परिजनों ने इलाज के लिए भर्ती करवाया। ये बच्चे वाहनों के टॉयरों के पंक्चर लगाने में इस्तेमाल होने वाले सोल्यूशन का नशा करते थे। नशे के इतने आदी हो चुके थे कि जवानी देखने से पहले इनका शरीर ढलने लगा था। दरअसल पंजाब के साथ सटे सिरसा जिले में युवा चूरापोस्त, अफीम, स्मैक, हैरोइन, नशीली दवाइयों व इंजैक्शन के बाद अब आयोडैक्स, सोल्यूशन, चरस, हशीश जैसा नशा भी करने लगे हैं।

सिरसा में कोई बड़ा सरकारी नशा मुक्ति केंद्र नहीं 
यहां के सिविल अस्पताल में एक नशा मुक्ति केंद्र है, तो पंजाब के साथ सटी कालांवाली मंडी में एक नशा मुक्ति केंद्र है। कालांवाली के केंद्र में तो कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, वहीं सिविल अस्पताल के केंद्र में भी स्टाफ की कमी है। ऐसे में अपने बच्चों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए यहां के अभिभावकों को जयपुर, गंगानगर, दिल्ली, रोहतक आदि शहरों की सड़कें नापनी पड़ती हैं। 

चिकित्सक, संसाधन-सुविधाएं नहीं 
कालांवाली का नशा मुक्ति केंद्र में महज 15 बिस्तर ही है। एक परियोजना अधिकारी, 1 काऊंसलर, 1 योगा थैरेपिस्ट, 1 स्टाफ नर्स, 2 वार्ड ब्वॉय, 1 टियर एजुकेटर, 1 कुक, 1 स्विपर 1 चौकीदार व एक अटैंडेंट के सहारे काम चलाया जा रहा है। नशा छोड़ने को लेकर हजारों कतार में है पर नशे का हब बने इस इलाके में सरकारी स्तर पर उच्च स्तर का कोई नशा मुक्ति केंद्र न होना इस सकारात्मक पहल में बड़ी बाधा बन रहा है।  सिरसा में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कुल 10 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें 3 सरकारी जबकि 7 प्राइवेट केंद्र है। सिरसा के नागरिक अस्पताल में 10 बिस्तरों का, कालांवाली में ओढां रोड पर 15 बिस्तरों का और डबवाली में 10 बिस्तरों का सरकारी नशा मुक्ति केंद्र है।  

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