Edited By Yakeen Kumar, Updated: 02 Jan, 2025 05:51 PM
हरियाणा पुलिस ने एडीजीपी के निर्देशन में ड्रग मुक्त टीमों ने हिसार मंडल के 700 गांवों में सर्वे कर 7 हजार ड्रग पीड़ितों की पहचान की है। डॉ एम. रवि किरण, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिसार मंडल के मार्गदर्शन में हिसार मंडल के सभी 6 जिलों में ड्रग मुक्त...
जींद (अमनदीप पिलानिया) : हरियाणा पुलिस ने एडीजीपी के निर्देशन में ड्रग मुक्त टीमों ने हिसार मंडल के 700 गांवों में सर्वे कर 7 हजार ड्रग पीड़ितों की पहचान की है। डॉ एम. रवि किरण, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिसार मंडल के मार्गदर्शन में हिसार मंडल के सभी 6 जिलों में ड्रग मुक्त अभियान चलाया जा रहा है।
इस ड्रग मुक्त अभियान के तहत 31 दिसंबर, 2024 तक ड्रग मुक्ति टीमों ने हिसार मंडल के 700 गांवो में डोर टू डोर सर्वे कर 7000 ऐसे युवाओं की पहचान की है जो ड्रग्स के दलदल में फंसे हुए हैं।
ड्रग मुक्ति टीमों ने ड्रग्स की लत में फंसे युवाओं व उनके परिजनों की काउंसलिंग करवाई है। टीमों ने नशे की लत में फंसे युवाओं को अपना उपचार करवाने के लिए प्रेरित किया है। टीमों ने हिसार मंडल में लगभग 3700 युवाओं का इलाज विभाग की गाड़ियों से ड्रग पीड़ितों को सरकारी अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्रों में ले जाकर शुरू करवाया है। पीड़ितों का चेकअप करवाकर काउंसलिंग व उपचार शुरू करवाया है।
3700 युवाओं का इलाज करवाया है शुरू
ड्रग मुक्ति टीमों ने ड्रग्स से ज्यादा प्रभावित गांवों में नशा मुक्ति कैंप भी लगवाए हैं। पंचायतों के सहयोग से लगाए गए कैंपों में पीड़ितों के लिए खानपान की व्यवस्था की गई है। उनकी दिनचर्या में बदलाव के लिए 10 दिनों तक कैंपों में रखा गया है। पीडितों को सही मार्ग पर लाने के प्रयास में योग क्रियाओं के साथ-साथ साइकोलॉजिस्ट व विद्वानों के प्रेरक व्याख्यान भी करवाये हैं।
एडीजीपी के मार्गदर्शन में अब तक हिसार मंडल के 552 गांवों व 67 वार्डों को ड्रग मुक्त घोषित करवाया जा चुका है। ड्रग मुक्त घोषित गांवों मे जिला हिसार के 75, पुलिस जिला हांसी के 80, जिला सिरसा के 148, फतेहाबाद के 150, जींद के 66 व पुलिस जिला डबवाली के 33 गांव शामिल है ।
पंचायतें व समाजसेवी कर रहे सहयोग
इस अभियान में पंचायतो व गांव के समाजसेवियों ने पूर्ण सहयोग किया है। ड्रग मुक्त घोषित कुछ गांवो में कुछ व्यक्तियों का दोबारा ड्रग की लत में पड़ने की शिकायतें प्राप्त हुई उन गांवों में दोबारा सर्वे कर भटके युवाओं का फिर से उपचार शुरू कराया जाएगा । ड्रग्स की लत सोशल स्टिग्मा भी है, जिसकी वजह से बहुत से नशा पीड़ित सामने नहीं आते व पुलिस टीम से सहयोग भी नहीं लेते हैं। ऐसे लोगों को भी प्रेरित किया है जो गुप्त तरीके से ड्रग की लत में पड़े अपने बच्चों उपचार करवा रहे है।
नशे के खिलाफ सबको होना पड़ेगा एकजुट- एडीजीपी
एडीजीपी डॉ. एम रवि किरण ने बताया कि इस अभियान से समाज में जागृति आई है। लोग नशे के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने बतलाया कि हिसार मंडल को ड्रग मुक्त करने के लिए मंडल पुलिस द्वारा तीन स्तर पर कार्य किया जा रहे हैं। पहले नशे की डिमांड को नियंत्रित करने की दिशा में नशा मुक्ति टीमों का गठन किया गया । ड्रग के लत से पीड़ित युवाओं की पहचान, उनका उपचार करवाकर उन्हें मुख्यधारा मे शामिल करना। दूसरे स्तर पर स्कूलों, कॉलेज में शिक्षारत युवा पीढ़ी को जागरूक करना ताकि युवा इस बीमारी से बचें रहे। तीसरा स्तर पर ड्रग तस्करों पर सख्ती से अंकुश लगाना।