Edited By Shivam, Updated: 31 Dec, 2021 04:00 PM
कोविड-19 की दूसरी लहर के समय में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए बहादुरगढ़ में लाखों की लागत से बनाया ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है, जबकि बहादुरगढ़ में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है। पीएम केयर्स योजना के तहत सिविल हॉस्पिटल...
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): कोविड-19 की दूसरी लहर के समय में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए बहादुरगढ़ में लाखों की लागत से बनाया ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है, जबकि बहादुरगढ़ में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है। पीएम केयर्स योजना के तहत सिविल हॉस्पिटल में लगाया गया प्लांट गैस रिसाव के कारण बंद पड़ा है, इसे शुरू करवाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने डीआरडीओ के अधिकारियों को पत्र लिख इसे जल्द ठीक करवाने की मांग की है। अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया है कि वे कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे से लडऩे के लिए तैयार हैं।
दिन में 2 शिफ्टों में होगी वैक्सीनेशन
अस्पताल के पीएमओ डॉ. प्रदीप का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से वैक्सीनेशन डबल कर दिया गया है। यानी पहले से दोगुनी संख्या में लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अब दिन में 2 शिफ्टों में वैक्सीनेशन करने की योजना बना रहा है। अस्पताल में 12 बेड का आईसीयू सेंटर भी 90 प्रतिशत से ज्यादा बनकर तैयार हो चुका है, जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। अस्पताल में 12 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है, जिन्हें ऑपरेट करने के लिए चिकित्सकों को पहले ही ट्रेनिंग दिलवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि झज्जर जिले में वैक्सीन की पहली डोज 100 प्रतिशत लोगों को लगाई जा चुकी है और दूसरी डोज जल्द से जल्द सभी लोगों को लगाने का काम जारी है।
इसी बीच 3 जनवरी से 12 से 15 साल के बच्चों को भी वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। इसके लिए भी विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं । जल्द ही बच्चों को लगाई जाने वाली वैक्सीन का स्टॉक बहादुरगढ़ पहुंचेगा और युद्ध स्तर पर बच्चों को यह वैक्सीन लगाने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग अपनी कमर कस चुका है।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि झज्जर जिले में कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जा चुके हैं, लेकिन सामान्य अस्पताल में इलाज करवाने आने वाले लोगों की भीड़ अब भी कम नहीं हो रही है। यह लोग ना तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रहे हैं और ना ही ठीक ढंग से मास्क लगा रहे हैं। बाजारों में भी लोगों की भीड़ लगी रहती है। वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन प्लांट का काम न करना भी खतरे की घंटी है। अगर समय रहते सभी बातों का ध्यान नहीं रखा गया, तो कोरोना की तीसरी लहर और कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव में भारी परेशानी हो सकती है।
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