कॉमन सर्विस सेंटर सरकार और जनता के बीच एक मजबूत कड़ी: मनोहर लाल

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 03 Jun, 2023 10:49 PM

common service center a strong link between government and public manohar lal

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 8 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में उठाए गए अनेक कदम नागरिकों के लिए कारगर सिद्ध हो रहे हैं।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 8 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में उठाए गए अनेक कदम नागरिकों के लिए कारगर सिद्ध हो रहे हैं। ई-गवर्नेंस के माध्यम से सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में मानव हस्तक्षेप को कम करके आम जनमानस को उनके घर द्वार पर सभी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इससे एक ओर जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है, वहीं प्रशासनिक प्रक्रियाओं ने भी गति पकड़ी है और पुरानी जर्जर व्यवस्था में परिवर्तन आया है। परिणामस्वरूप आज प्रशासन स्मार्ट  यानी सिंपल, मोरल, अकाउंटेबल, रिस्पांसिबल, ट्रांसपेरेंट बना है।

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को  करनाल से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कॉमन सर्विस सेंटर  के संचालकों से सीधा संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएससी संचालकों से उनके अनुभवों को भी जाना। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएससी संचालकों से योजनाओं के लिए डेटा अपलोड करने से संबंधित जानकारी मांगी तो कुछ सीएससी संचालकों ने कहा कि कई बार उनके स्तर पर पोर्टल पर डाटा दर्ज करने में गलती हो जाती है, जिससे पात्र लाभार्थी को देरी से लाभ मिलता है।

 

इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर सीएससी स्तर पर अपलोड किए गए डाटा में किसी भी प्रकार की गलती होती है तो उस गलती को 48 घंटों के अंदर दुरुस्त किया जाए। ताकि लोगों को सेवाओं के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। इसके अलावा, सीएससी संचालकों ने 60 वर्ष की आयु से अधिक नागरिकों की आयु सत्यापन का विषय भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि 58 से 60 वर्ष की आयु की सत्यापन की प्रक्रिया सुगमता से चल रही है और 60 वर्ष आयु वर्ग से अधिक की सत्यापन प्रक्रिया भी सरकार जल्दी शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुशासन के नाते से विभागों की लगभग साढ़े 500 से अधिक योजनाओं और सेवाओं को ऑनलाइन नागरिकों तक पहुंचाया जा रहा है। ये सिर्फ सीएससी के माध्यम से ही संभव हो पाया है।

 

सीएससी सरकार और जनता के बीच एक कड़ी का काम कर रहे हैं। प्रदेश में लगभग 13 हजार सक्रिय सामान्य सेवा केन्द्र संचालित हैं। इन केन्द्रों में विभिन्न प्रकार की 12,938 सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इनसे जहां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है, वहीं नागरिकों को अपने घर के नजदीक ही सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हुई हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में सीएससी के माध्यम से 1 करोड़ 72 लाख 39 हजार ट्रांजेक्शन हुई हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में हरियाणा सरकार अग्रणी भूमिका निभा रही है। डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है तथा यह सुनिश्चित करना है कि पेपरलैस मोड में सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रोनिक रूप से बिना किसी असुविधा के कम से कम समय में लोगों को मिलें। इसी दिशा में राज्य सरकार परिवार पहचान पत्र बनाकर पारदर्शी तरीके से योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है। उन्होंने  कहा कि हमारी सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन से सुशासन के संकल्प के साथ वर्ष 2014 में जनसेवा का दायित्व संभाला था। सर्विस डिलीवरी के माध्यम से हरियाणा सरकार ने प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स को ऊंचा उठाया है। हैप्पीनेस के मापदण्डों में सुशासन सर्वोपरि है और सुशासन उत्तम सर्विस डिलीवरी के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है। जनता की सेवा के इसी भाव के चलते हमारी सरकार को सर्विस डिलीवरी की सरकार कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल डिजिटल इंडिया सप्ताह का शुभारंभ किया था और कहा था कि डिजिटल इंडिया ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूती देने वाला है। डिजिटल इंडिया विज़न को सफल बनाने के लिए ईज ऑफ लिविंग की दिशा में हरियाणा सरकार जनता को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है। इस कार्य में कॉमन सर्विस सेंटर का काफी सहयोग मिला है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में यदि कोई व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन के लिए निर्धारित आयु पूरी कर लेता है, तो उसे अपनी पेंशन बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से उसकी पेंशन अपने आप शुरू हो जाती है। इसके माध्यम से 64 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे पेंशन देने का काम किया है। इसी प्रकार, परिवार पहचान पत्र के डेटा का उपयोग कर प्रदेश के अंत्योदय परिवारों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आयुष्मान चिरायु योजना के तहत लगभग 75 लाख चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने अंत्योदय परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए निरोगी हरियाणा योजना भी शुरू की थी। इस योजना के तहत परिवार पहचान पत्र के डेटा का उपयोग करके पिछले लगभग 5 माह में 9 लाख 36 हजार गरीबों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा लगभग 62 लाख लैब टैस्ट किये गये हैं। लगभग 32 लाख परिवारों को घर बैठे आटोमैटिक ढंग से एक बी.पी.एल. कार्ड निःशुल्क बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन के नाते से एक कदम और आगे बढ़ते हुए परिवार पहचान पत्र डाटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग करते हुए सरकार ने विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी है। 6 वर्ष तक के आयु समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है, ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की देखभाल की जा सके, भले ही बच्चा वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में जा रहा हो या नहीं। 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के आयु समूह को स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, ताकि विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।

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