Edited By Yakeen Kumar, Updated: 26 Dec, 2024 05:50 PM
देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों में से एक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने बल को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए मानव संसाधन (HR) नीति का अनावरण किया है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों में से एक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने बल को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए मानव संसाधन (HR) नीति का अनावरण किया है।
सीआईएसएफ यूनिट पंजाब एवं हरियाणा सिविल सचिवालय के सीनियर कमांडेंट वाईपी सिंह ने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में शामिल होने वाले अराजपत्रित अधिकारियों की भर्ती देश के सभी क्षेत्रों में की जाती है, जो बल को क्षेत्रीय विविधता के साथ-साथ अखिल भारतीय स्वरूप प्रदान करते हैं।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ अधिनियम-1968 की धारा-15 में यह अधिदेश किया गया है कि बल के प्रत्येक सदस्य को भारत के भीतर या बाहर किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है। अंतिम बार 2017 में जारी किए गए पोस्टिंग दिशा निर्देशों के बाद से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा ने उल्लेखनीय वृद्धि की है और बल में बदलाव भी हुए हैं। हमारे बल का विस्तार 1.5 लाख से बढ़कर 1.9 लाख से अधिक हो गया है। उन्होंने बताया कि हमारी परिचालन इकाइयों 339 से बढ़कर 359 हो गई हैं। बल ने जेल सुरक्षा और संसद भवन परिसर जैसे नए क्षेत्रों में भी सुरक्षा प्रदान करने की शुरुआत की है।
उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी उपयोग, ड्रोन खतरे और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के बढ़ने के साथ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आपरेटिंग वातावरण तेजी से वैश्विक और गतिशील हुआ है। सामाजिक परिवर्तन जैसे कि बल में महिलाओं के अधिक शामिल होने और कार्यरत दम्पत्तियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग दिशा-निर्देशों में विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस गतिशील सुरक्षा वातावरण एवं परिचालन और प्रशासनिक आवश्यकताओं पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए 2017 के अराजपत्रित बल सदस्यों के पोस्टिंग और ट्रांसफर दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई है और इसे बदल दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मानव संसाधन किसी भी सुरक्षा बल का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन होता है। मानव संसाधन (एचआर) की यह नीति 98 प्रतिशत से अधिक बल सदस्यों को 1,94,053 की स्वीकृत शक्ति में से उनके लगभग 38 वर्षों के पूरे सेवा काल में प्रभावित करेगी। यह नीति 2017 की नीति का स्थान लेगी और यह बल के सदस्यों को उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बल में नए ज्ञान, प्रौद्योगिकी और कौशल लाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।