CBSE सचिव की निजी स्कूलों को नसीहत, कहा- केंद्रीय बोर्ड व राज्य सरकार के बीच संतुलन स्थापित करना सीखें स्कूल संचालक

Edited By Vivek Rai, Updated: 30 May, 2022 03:06 PM

cbse secretary s advice to private schools for students

फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस द्वारा शिक्षाविदों का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें शहर के प्रमुख स्कूल संचालकों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अभिनंदन समारोह के मुख्य अतिथि सीबीएसई के...

फरीदाबाद(पूजा शर्मा): फरीदाबाद प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस द्वारा शिक्षाविदों का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें शहर के प्रमुख स्कूल संचालकों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें सम्मानित किया गया। इस अभिनंदन समारोह के मुख्य अतिथि सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी रहे जबकि विशेष अतिथि के रूप में जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव व अंतराष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी ने शिरकत की।

इस मौके पर जहां सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने निजी स्कूलों को नई शिक्षा नीति के लिए अधिक मेहनत करने की नसीहत दी। वहीं डीसी जितेंद्र यादव ने भी समय के अनुसार बच्चों को उपयुक्त शिक्षा देने पर जोर दिया। अंतराष्ट्रीय कवि दिनेश रघुवंशी ने कहा कि यदि बच्चों का प्रतिभा पलायन देश में रोकना है तो इसके लिए सरकार को गंभरीरता से सोचना होगा तथा इसके लिए जो भी खामियां सिस्टम या व्यवस्था में हैं, उन्हें दुरुस्त करना होगा क्योंकि इससे देश का विकास प्रभावित होगा। इस मौके पर संस्था की वैबसाइट भी लॉंच की गई। 

इस मौके पर सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक रूप से योगय बनाने पर जोर दिया गया है बल्कि उनके कम्यूनिकेशन स्किल अच्छें हों और समस्याओं के समाधान की क्षमता बच्चों के अंदर विकसित हो इस पर भी जोर दिया गया है। इसलिए अब स्कूल संचालकों को नई शिक्षा नीति के लिए तैयार रहना होगा और अधिक बेहतर करने के लिए सतत परिश्रम करना होगा।उन्होंने कहा कि यह तभी सार्थक होगा जब शिक्षक बेहतर होंगे।

उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूल संचालक इस बात का ध्यान रखें कि स्कूल में चाहे प्रिंसीपल का चयन हो या शिक्षक का उनकी क्षमता व योगयता का आंकलन अवश्य किया जाए। इसके अलावा शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं ताकि वे नई शिक्षा नीति में स्वयं को ढाल सकें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थी को बेहतर से बेहतरी बनाने के साथ-साथ न केवल शैक्षिक विकास करेगी बल्कि मानसिक व बौद्धिक विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी विद्यार्थी के अंदर समावेश होगा।

वहीं सीबीएसई व हरियाणा शिक्षा बोर्ड के बीच बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विवाद को लेकर अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा किसी प्रकार का विवाद नहीं है। परीक्षाओं को लेकर नियम केंद्र बनाता है तथा राज्य सरकारों की जिम्मेवारी होती है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ-साथ लॉ एंड ऑर्डर को सुनिश्चित करना। उन्होंने कहा कि स्कूल संचालकों को केंद्रीय बोर्ड और राज्य सरकार के बीच संतुलन साधना होगा ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकें।

अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि नए सीबीएसई स्कूल के लिए या सीबीएसई की तरफ रुख करने वाले स्कूलों को राज्य सरकार से एनओसी व मान्यता प्रमाण पत्र की जरूरत होती है जिसमें एनओसी तो स्कूल संचालकों को आसानी से मिल जाती है परंतु मान्यता को लेकर हर वर्ष स्कूल संचालकों को धक्के खाने पड़ते हैं। अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि स्कूल संचालकों की इस समस्या के समाधान के लिए सीबीएसई द्वारा राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है कि यदि किसी स्कूल को मान्यता दे दी गई है और वे सभी पैरामीटर पूरा करते हैं तो उन्हें बार-बार मान्यता नहीं लेने की जरूरत होनी चाहिए।

इस मौके पर एफपीएससी के अध्यक्ष नरेंद्र परमार, महासचिव राजदीप सिंह, भारतभूषण शर्मा, टीएस दलाल, नारायण डागर, वाईके माहेश्वरी, वरिष्ठ शिक्षाविद सीबी रावल, मनोरमा अरोड़ा, अनिल रावल, सुभाष श्योराण, नवीन चौधरी, अंजू डागर, जेपी अग्रवाल समेत सैकड़ों स्कूल प्रबंधक व शिक्षक मौजूद रहे।

 

 

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