EXCLUSIVE: Nayab Cabinet में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का रखा गया ध्यान, 14 सदस्यों से सधी 36 बिरादरी

Edited By Isha, Updated: 17 Oct, 2024 09:09 PM

caste and regional equations were kept in mind in the nayab cabinet

हरियाणा में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बना ली है। इसी के साथ बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ 13 अन्य नेताओं ने भी मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली।

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बना ली है। इसी के साथ बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ 13 अन्य नेताओं ने भी मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली। वहीं नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में कई जातियों को साधा गया है। दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद सैनी हरियाणा के 19वें मुख्यमंत्री बने हैं। हालांकि सीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले वह 11वें नेता है। इस बार के मंत्रिमंडल में किस जाति से किस नेता को मंत्री बनाया गया है आइए जानते हैं.


नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में जान, गुर्जर, ओबीसी, एसी, ब्राह्मण, यादव और वैश्य समाज के नेताओं को जगह दी गई है। इन नेताओं को कैबिनेट में शामिल कर बीजेपी ने हरियाणा के ज्यादा से ज्यादा वर्गों को साधने की कोशिश की है। इसमें बीसी-ओबीसी के दो, पंजाबी का एक, एससी के दो, जाट के दो, यादव के दो, ब्राह्मण के दो, राजपूत का एक, गुर्जर का एक और वैश्य से समाज से एक नेता को मंत्रिमंडल में शामिल गिया गया है।

कैबिनेट में OBC को सबसे ज्यादा तवज्जो
बीजेपी का पूरा फोकस हरियाणा में ओबीसी वोटों पर रहा है, जिसका नतीजा है कि कैबिनेट में सबसे ज्यादा अहमियत ओबीसी समुदाय के नेताओं को दी गई है। ओबीसी से कुल पांच मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें दो यादव, एक सैनी, एक प्रजापति और गुर्जर समुदाय से हैं। नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है तो प्रजापति समुदाय से आने वाले रणबीर गंगवा को मंत्री बनाया गया है। यादव समुदाय से राव नरवीर सिंह और आरती राव को कैबिनेट में जगह दी गई है। गुर्जर समाज से आने वाले राजेश नागर को मंत्री बनाया गया है।

बीजेपी ने एक तरफ राव इंद्रजीत की बेटी को जगह दिया तो दूसरी ओर उनके विरोध राव नरवीर सिंह को भी कैबिनेट में शामिल करके सियासी बैलेंस बनाने की कोशिश की है। यादव वोटों के दम पर अहिरवाल बेल्ट में बीजेपी ने कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों का सफाया कर दिया है। यही वजह है कि यादव समुदाय को सियासी संदेश देने के लिए खास तवज्जे दी गई है। हरियाणा में 35 से 40 फीसदी के बीच ओबीसी वोटर हैं, जिसका बड़ा तबका बीजेपी के साथ खड़ा रहा। इसीलिए पांच मंत्री ओबीसी समाज से बनाए गए हैं।

जाट-दलित-ब्राह्मण की कैमिस्ट्री बनाई
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने भले ही सत्ता की कमान सौंपी हो, लेकिन सियासी कॉम्बिनेशन बनाने के लिए अपने कोर वोटबैंक ब्राह्मण समुदाय और दलितों का भी खास ख्याल रखा है। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में अरविंद शर्मा और गौरव गौतम को मंत्री बनाया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में जिस तरह दलित वोटों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा रहा और बीजेपी उन्हें अपने साथ जोड़ने में कामयाब रही है, उसके चलते ही नायब सैनी सरकार में दो दलित नेताओं को जगह दी है। दलित चेहरे के तौर पर कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी को जगह मिली है। पंवार जाटव समुदाय से आते हैं तो कृष्णा बेदी वाल्मिकी समुदाय से आती हैं।
हरियाणा के सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने जाट समुदाय को भी मंत्रिमंडल में जगह दी है। जाट समुदाय से महिपाल ढांडा और श्रुति चौधरी को सैनी सरकार में जगह मिली है। सूबे में 25 फीसदी से ज्यादा जाट वोटर हैं और बीजेपी ने जिस तरह जाटलैंड इलाके में जीत दर्ज की है, उसके चलते जाट समुदाय को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देकर सियासी संदेश देने का दांव चला है।

पंजाबी-वैश्य-ठाकुर को कैबिनेट में एंट्री
बीजेपी अपने कोर वोटबैंक पंजाबी समुदाय का भी ख्याल रखा है। अंबाला छावनी से सातवीं बार चुनाव जीतकर आए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को इस बार मंत्रिमंडल जगह मिली है। इसके अलावा वैश्य समुदाय से विपुल गोयल को मंत्री बनाया गया है। पंजाबी समाज की तरह वैश्य समुदाय भी बीजेपी का कोर वोटबैंक माना जाता है, जिसे साधे रखने का दांव चला है। इसी तरह पार्टी ने ठाकुर समुदाय से श्याम सिंह राणा को मंत्री बनाया गया है।

हरियाणा का क्षेत्रीय बैलेंस बनाने की कोशिश
नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट के जरिए हरियाणा के जातीय ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय बैलेंस भी बनाने का दांव चला है। दक्षिण हरियाणा में बीजेपी ने जबरदस्त तरीके से जीत दर्ज की थी। इसके चलते ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने तो खुलकर दक्षिण हरियाणा से सीएम बनाए जाने की मांग भी कर दी थी। बीजेपी ने दक्षिण हरियाणा से भले ही सीएम नहीं बनाया, लेकिन अच्छा खासा प्रतिनिधित्व दिया है। दक्षिण हरियाणा क्षेत्र से छह मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें गौरव गौतम, विपुल गोयल, राजेश नागर, श्रुति चौधरी,
राव नरबीर और आरती राव शामिल हैं।

जीटी रोड बेल्ट से आने वाले नायब सिंह सैनी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजा है। इसके अलावा जीटी रोड बेल्ट से चार मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें अनिल विज, महिपाल ढांडा, कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण बेदी जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। इस तरह कुरुक्षेत्र, अंबाला और पानीपत जिले के जरिए बीजेपी अपने मजबूत दुर्ग जीटी रोड बेल्ट को साधे रखने की रणनीति अपनाई है। इसके अलावा बीजेपी ने पश्चिम हरियाणा से रणबीर गंगवा को मंत्रिमंडल में जगह दी है, जो हिसार जिले से जीतकर आए हैं। इस तरह जाटलैंड से सिर्फ अरविंद शर्मा को मंत्री बनाया है। पश्चिमी हरियाणा और जाटलैंड के नेताओं को सैनी कैबिनेट में कोई खास जगह नहीं मिली है।

नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल का जातीय समीकरण
अनिल विज- पंजाबी बिरादरी से हैं
उम्र- 71 वर्ष (15 मार्च, 1953)
कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी चित्रा सरवारा को विज ने अम्बाला कैंट विधान सभा से 7277 वोटों से हराया। विज सबसे पहले 1990 इसके बाद 1996, 2000, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं। विज मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। भाजपा के इकलौते ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा जीत दर्ज हासिल की है।

कृष्ण लाल पवार- SC
उम्र- 66 (1 जनवरी 1958)
2024 के विधानसभा में इसराना से कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि को 13895 वोटों से हराकर छठी बार विधायक चुने गए है। इससे पहले वह 1991, 1996, 2000, 2009, 2014 में विधायक बन चुके हैं। मनोहर सरकार के पार्ट वन में वह हरियाणा सरकार में परिवहन एवं आवास मंत्री रह चुके हैं। पवर ने इनेलो से राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन की।

राव नरबीर सिंह दूसरी बार बनाए गए मंत्री
सैनी सरकार में राव नरबीर सिंह को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। यादव समाज के कद्दावर नेता राव नरबीर सिंह बादशाहपुर सीट से विधायक हैं। बादशाहपुर सीट, गुरुग्राम से सटी सीट है। वह चौथी बार विधायक बने हैं।

महिपाल ढांडा-जाट समाज के नेता हैं
कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले महिपाल ढांडा जाट समाज से आते हैं। वह पानीपत ग्रामीण से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। महिपाल ढांडा पहले भी राज्य सरकार में विकास एवं पंचायत व सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रह चुके हैं।

वैश्य समाज के प्रतिनिधि के रूप में विपुल गोयल
विपुल गोयल को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है। वह फरीदाबाद सीट से विधायक चुने गए हैं। 2016 में पहली बार वह खट्टर सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में उनको टिकट नहीं मिला था। इस बार फिर टिकट मिलने के बाद उन्होंने बड़ी जीत हासिल की है।

डेंटल सर्जन से राजनीति के महारथी तक का सफर
सोनीपत जिले की गोहाना सीट से विधायक चुने गए डॉ.अरविंद कुमार शर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली है। शर्मा ने 2014 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन किया था। वह चार बार सांसद रहे हैं। बीजेपी ने प्रमुख ब्राह्मण चेहरा के रूप में उनको पेश किया। शर्मा पेशे से डेंटल सर्जन हैं।

2019 में टिकट कट गया था, अब मंत्री बने श्याम सिंह राणा
हरियाणा सरकार में बीजेपी ने राजपूत चेहरा श्याम सिंह राणा को कैबिनेट मंत्री बनाया है। वह इंडियन नेशनल लोकदल से यमुनानगर की रदौर सीट से भी विधायक रह चुके हैं। राणा, 2014 में बीजेपी से विधायक बने थे। 2019 में बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया था। लेकिन 2020 में कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी को छोड़ गए थे।

तीसरी बार विधायक बने रणबीर गंगवा अब मंत्री
बरवाला विधानसभा सीट से विधायक बने रणबीर गंगवा पहली बार 2014 में विधायक चुने गए थे। वह पहली बार नलवा सीट से विधायक बने। हरियाणा विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रह चुके गंगवा ओबीसी समाज से आते हैं, इस बार मंत्री बनाए गए हैं।

बेदी भी दलित लीडर के रूप में शामिल
कृष्ण कुमार बेदी को बीजेपी ने दलित चेहरा के रूप में शामिल किया है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पूर्व राजनीतिक सचिव रहे कृष्ण कुमार बेदी, 2014 में राज्यमंत्री बनाए गए थे। जींद जिले की नरवाना सीट से विधायक बने कृष्ण कुमार 2014 में शहबाद सीट से भी विधायक रह चुके हैं।

बंसीलाल की पोती भी बनीं मंत्री
पूर्व सीएम बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी, कांग्रेस की कद्दावर नेता रही हैं। विधानसभा चुनाव के पहले ही श्रुति चौधरी और उनकी मां किरण चौधरी ने बीजेपी ज्वाइन किया था। श्रुति 2009 से 2014 तक कांग्रेस की भिवानी से सांसद रही हैं। हरियाणा सरकार में वह पहली बार मंत्री बनी हैं। वह जाट समाज से आती हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री की बेटी भी बनीं मंत्री
हरियाणा में अहिरवाल क्षेत्र के सबसे कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव भी कैबिनेट मंत्री बनी हैं। आरती राव, अटेली से बीजेपी की विधायक बनी हैं। अहीर समाज की सबसे कद्दावर परिवार से वह ताल्लुक रखती हैं।

सबसे युवा मंत्री गौरव गौतम
ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखने वाली गौरव गौतम सबसे युवा मंत्री हैं। उन्होंने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। 36 साल के गौरव, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के करीबी हैं। वह पलवल से चुनाव जीते हैं। गौरव ने कांग्रेसी दिग्गज पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को शिकस्त दी थी।

कैबिनेट से साधा जातीय समीकरण
हरियाणा में तीसरी बार बनी बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा तवज्जो ओबीसी समुदाय को दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित पांच ओबीसी के नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है। इसके अलावा दलित समुदाय से दो मंत्री बनाए हैं तो दो जाट और दो ब्राह्मण समाज से मंत्री बने हैं। पार्टी ने अपने कोर वोट बैंक पंजाबी समुदाय का भी ख्याल रखा है और अनिल विज को मंत्री बनाया है। इसके अलावा एक वैश्य और एक ठाकुर समाज से मंत्री बनाया है। इस तरह नायब सैनी ने हरियाणा के सभी समाज को साधने का दांव चला है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!