हुड्डा के गढ़ को नहीं भेद पाई भाजपा, राजकुमार सैनी की गैर जाट नीति को जनता ने नकारा

Edited By vinod kumar, Updated: 25 Oct, 2019 04:38 PM

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हरियाणा में वीरवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रोहतक और सोनीपत आज भी हुड्डा का गढ़ है। भाजपा की तमाम राजनैतिक रणनीति गोहाना से लेकर बरोदा और सोनीपत तक काम नहीं आ सकी।

गोहाना(सुनील): हरियाणा में वीरवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रोहतक और सोनीपत आज भी हुड्डा का गढ़ है। भाजपा की तमाम राजनैतिक रणनीति गोहाना से लेकर बरोदा और सोनीपत तक काम नहीं आ सकी। हालांकि राई और गन्नौर की सीट कांग्रेस ने भले ही गंवा दी हो, मगर इसके बदले सोनीपत शहर में दो बार भाजपा की विधायक बनी कविता जैन को कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लडऩे वाले सुरेंद्र पंवार ने रिकार्ड तोड़ मतों से हराकर हुड्डा के गढ़ की जीत की खुशी को दोगुना कर दिया। 

सबसे रोमांचक मुकाबला गोहाना विस क्षेत्र की सीट पर रहा। पूरे हरियाणा में हाट बनकर उभरी गोहाना की सीट पर आखिर में बाहरवें राउंड में कांग्रेस के प्रत्याशी ने जब लोसुपा के राजकुमार को करीब चार हजार से ज्यादा मतों से पछाड़ा, तब जाकर कांग्रेसियों के चेहरे पर रौनक आई। इससे यह भी साफ जाहिर हो गया कि जाटों की वोटों का ध्रुवीकरण करना इतना आसान नहीं हो पाया जो सोचकर राजकुमार सैनी ने यहां से चुनाव लडऩा सुरक्षित समझा था। 

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बरोदा में भैंसवाल के अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत को कांग्रेस के 80 साल के बुर्जग श्रीकृष्ण हुड्डा ने चित करते हुए मामूली से अंतर से जीत हासिल की और लगातार तीसरी बार विधायक बनने में कामयाब हो गए। हांलाकि जजपा के उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह मलिक ने भी आशा के अनुरुप वोट ली। बरोदा से भाजपा ने गैर जाट का कार्ड खेलकर एक नई रणनीति अपनाई, मगर जजपा प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक ने कांग्रेस और भाजपा को बराबर का नुकसान करके लड़ाई को आखिरी दम तक रोमाचंक बनाए रखा। गोहाना से भाजपा ने तीर्थ राणा यानि नए चेहरे पर पहली बार दांव खेला। जिसे भाजपा के पदाधिकारियों से लेकर आम कार्यकर्ताओं को रास नहीं आया। 

शहर के मतदाताओं ने राजकुमार सैनी के मैदान में आते ही हाथों हाथ ले लिया और बिना मांगे उनकी झोली में जमकर वोट डाले। मगर गोहाना के विधायक जगबीर मलिक के बारे में एक कहावत बन चुकी है कि जगबीर भाग का धनी है और उसे हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, लगातार चौथी बार विधायक बनने वाले गोहाना के पहले विधायक बन गए हैं।  बरोदा के प्रत्याशी हुड्डा को बाहरी बताने वाले भी तमाम कांग्रेसी नेताओं को खुद भूपेंद्र सिंह हुडा ने दुर रखाद्ध दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा यानि बाप बेटा ने बरोदा और गोहाना की स्थित को भांपते हुए जमकर गांव-गांव प्रचार किया।

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उन्होंने कहा कि वोट काटूओं से बच लियो, अपनी चौधर तो राख लो, आखिरी दिनों में चुनाव की बाजी कांग्रेसियों के पक्ष में नजर आती दिखाई दी। जीत के बाद दोनों कांग्रेसियों के समर्थकों ने खुशी मनाई औा ढोल की थाप पर थिरकते नजर आये। जीत दर्ज करने के बाद कृष्ण हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जी जान से काम किया और बरोदा हल्का मेरा घर है और यहां उनको बहुत प्यार मिला है। उन्होंने समस्त बरोदा हल्के का धन्यवाद किया। वहीं बरोदा सीट से चुनाव लड़े बीजेपी के पहलवान योगेश्वर दत्त हारने के बाद बोले जनता का जनादेश कबूल है। उन्होंने कहा कि जनता का स्नेह मुझे मिला, दोबारा कुश्ती के अखाड़े में जाएंगे और जनता की सेवा करेंगे।  

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