वोट देने के बाद कांग्रेस पर बरसे बिश्नोई पिता-पुत्र, बोले- तीसरी पीढ़ी से हारने का रिकॉर्ड बनाएंगे जयप्रकाश

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 03 Nov, 2022 09:27 AM

bishnoi father son lashed out at congress after voting for adampur by election

कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि पहले जयप्रकाश भजनलाल के सामने हारा, फिर उन्होंने साल 2009 के आम चुनाव में खुद जयप्रकाश को पटखनी दी और अब उनका बेटा भव्य बिश्नोई जयप्रकाश को पटखनी देगा।

आदमपुर(हरभगवान): आदमपुर उपचुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया सुबह 7 बजे से जारी है। बीजेपी प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने पिता कुलदीप बिश्नोई के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचकर वोट डाला। भव्य के साथ उनकी माता रेनुका बिश्नोई और दादी जसमा देवी ने भी मतदान किया। वोट डालने के बाद बिश्नोई पिता-पुत्र ने कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पर निशाना साधते हुए आदमपुर में जीत का दावा किया।

 

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विरोधियों की जमानत जब्त होने का किया दावा

 

बेटे भव्य के लिए वोट देने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश आज भजनलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी से हारने का रिकॉर्ड बनाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जयप्रकाश भजनलाल के सामने हारा, फिर उन्होंने साल 2009 के आम चुनाव में खुद जयप्रकाश को पटखनी दी और अब उनका बेटा भव्य बिश्नोई जयप्रकाश को पटखनी देगा। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार द्वारा अन्य सभी उम्मीदवारों को धुल चटाने का काम किया जाएगा। उन्होंने एकतरफा जीत की बात कहते हुए कांग्रेस, आप और इनेलो प्रत्याशी की जमानत जब्त होने का दावा किया। वहीं आदमपुर के लोगों के बीच न रहने के आरोप पर कुलदीप बिश्ननोई ने कहा कि उनका परिवार 54 साल से विधानसभा के लोगों के बीच रहा है। यदि ऐसे में विरोधी उनके ऊपर बाहरी होने का आरोप लगाते हैं, तो उन्हें अपने दिमाग का इलाज करवाना चाहिए।

 

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आदमपुर में कब-कब हुआ उपचुनाव

 

बता दें कि आदमपुर के 56 साल के इतिहास में तीन बार उपचुनाव हो चुका है। खास बात यह है कि तीनों ही बार भजनलाल परिवार ने उपचुनाव में जीत हासिल की है। आदमपुर में सबसे पहला उपचुनाव साल 1998 में हुआ , जब तत्कालीन विधायक भजनलाल करनाल से लोकसभा सांसद चुने गए। तब उपचुनाव में भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने जीत हासिल कर आदमपुर की राजनीति में कदम रखा। साल 2008 में भजनलाल को दल बदल कानून के चलते अयोग्य करार दिया गया। तब उन्होंने अपनी नई पार्टी हजकां से उपचुनाव लड़ा और कांग्रेस के रंजीत सिंह को 26,188 वोटों से हराया था। इसी प्रकार आदमपुर में तीसरा उपचुनाव साल 2011 में हुआ। दरअसल 3 जून 2011 को हिसार से लोकसभा सांसद रहते हुए चौधरी भजनलाल की मृत्य हो गई। तब उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से विधायक थे। कुलदीप बश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा देकर हजकां की सीट पर हिसार से लोकसभा उपचुनाव लड़ा और जीत गए। कुलदीप के इस्तीफे से खाली हुई आदमपुर सीट पर उनकी पत्नी रेनुका बिश्नोई ने उपचुनाव में किस्मत आजमाई। तब रेनुका ने कांग्रेस के कुलवीर सिंह को 22,669 वोटों से शिकस्त देकर आदमपुर में भजनलाल परिवार के जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा था।

 

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