Edited By Naveen Dalal, Updated: 27 Jul, 2019 09:33 AM

ई.डी. ने प्रैस नोट जारी कर जानकारी दी कि पंचकूला इंडस्ट्रीयल एरिया में हुड्डा सरकार दौरान आबंटित 14 इंडस्ट्रीयल प्लाटों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान दर्ज किए गए। यह बयान प्रिवैंशन ऑफ मनी लॉङ्क्षन्ड्रग एक्ट 2002 तहत...
चंडीगढ़ (ब्यूरो) : ई.डी. ने प्रैस नोट जारी कर जानकारी दी कि पंचकूला इंडस्ट्रीयल एरिया में हुड्डा सरकार दौरान आबंटित 14 इंडस्ट्रीयल प्लाटों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान दर्ज किए गए। यह बयान प्रिवैंशन ऑफ मनी लॉङ्क्षन्ड्रग एक्ट 2002 तहत दर्ज किए। इस मामले में मुकद्दमा भी दर्ज है। इंडस्ट्रीयल एरिया प्लाट आबंटन मामले में ई.डी. द्वारा की गई जांच के बाद ही आपराधिक मामला धारा 201/204/409/420/467/468/ 471/120 बी के तहत 2015 में दर्ज किया गया था। पहले यह मामला राज्य सतर्कता विभाग हरियाणा द्वारा दर्ज किया गया था। उसके बाद यह मामला सी.बी.आई. को भेजा गया जहां आपराधिक मामला दर्ज हुआ।
इस मामले में तत्कालीन सी.ए. हुडा डी.पी.एस. नागल, सेवनिवृत्त चीफ फाइनैंस कंट्रोलर हुडा एस.सी. कंसल, डिप्टी सुपरिंटैंडैंट हुडा बी.बी. तनेजा व 13 प्लाट होल्डर्स के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज हुआ था। इस मुकद्दमे में कहा गया कि 14 इंडस्ट्रीयल प्लाट उन लोगों को दिए गए जिनकी योग्यता नहीं बनती थी तथा नियमों को ताक पर रखकर यह प्लाट आबंटित हुए। राज्य विजीलैंस ब्यूरो की जांच में सामने आया कि अलॉटमैंट गलत हुई है। यह अलॉटमैंट एस्टेट मैनेजमैंट प्रोसीजर-2011 के नियमों तहत होनी चाहिए थी। नियमों अनुसार इंटरव्यू प्रोसैस कमेटी गठित नहीं की गई।
मुख्य प्रशासक हुडा पर अपने पद के दुरुपयोग के आरोप लगे थे जिनमें कहा गया कि डैड लाइन खत्म होने के बाद क्राइटेरिया ऑफ अलॉटमैंट चेंज किया गया। क्राइटेरिया सी.ए. हुडा ने 24 जनवरी 2012 को चेंज किया जबकि डैड लाइन 6 जनवरी 2012 थी। अयोग्य उम्मीदवारों के साथ मिलकर जो प्लॉट्स थे वह मार्कीट वैल्यू से कम दामों पर दिए गए। इससे हरियाणा सरकार को राजस्व का भारी घाटा हुआ। इस जांच में व जिनके बयान अभी तक दर्ज किए गए में यह पाया गया कि प्लाट केवल उनको मिले हैं जो लोग भूपेंद्र सिंह हुड्डा के व्यक्तिगत या राजनीतिक तौर पर अत्यंत करीबी हैं। ई.डी. का कहना है कि अभी जांच जारी है।
14 औद्योगिक प्लाट आबंटन का क्या है पूरा मामला
हुड्डा सरकार में वर्ष 2011 में पंचकूला में औद्योगिक प्लाट आबंटित करने के लिए आवेदन मांगे गए थे। ये प्लाट 496 वर्ग मीटर से लेकर 1280 वर्ग मीटर तक के थे,जिसके लिए हुडा के पास 582 आवेदन आए थे। अलॉटमैंट के लिए 14 प्लाटों का चयन किया गया था। विजीलैंस और सी.बी.आई. को मिली शिकायत के मुताबिक इस आबंटन में जमकर भाई-भतीजावाद हुआ था। लाभ हासिल करने वालों में हुड्डा के रिश्तेदार तक शामिल हैं। आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने औद्योगिक प्लाट आबंटन में नियमों की अनदेखी करते हुए रिश्तेदारों व चहेतों को पंचकूला के फेस एक और दो में औद्योगिक प्लाट बांटे थे।
विजीलैंस ब्यूरो ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के चेयरमैन के नाते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को अनियमितताएं बरतने का दोषी माना है। हरियाणा सरकार की मंजूरी के बाद विजीलैंस ब्यूरो ने पंचकूला थाने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हुडा के तत्कालीन प्रशासक आई.ए.एस. अधिकारी डी.पी.एस. नागल, हुडा के मुख्य वित्तीय नियंत्रक (रिटायर्ड) एस.सी. कांसल और हुडा के तत्कालीन उप कार्यालय अधीक्षक बी.बी. तनेजा समेत जांच में दोषी पाए गए सभी 13 प्लाट धारकों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की थी। विजीलैंस ब्यूरो के डी.एस.पी. सुरेश कुमार की शिकायत पर उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की 9 अलग-अलग धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया गया था।
ई.डी. ने हुड्डा से दूसरे दिन रात 9 बजे तक की पूछताछ
चंडीगढ़ (ब्यूरो) : मानेसर जमीन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ई.डी. द्वारा दूसरे दिन शुक्रवार को भी रात 9 बजे तक पूछताछ का सिलसिला जारी रहा। हुड्डा शुक्रवार दोपहर 3 बजे ई.डी. के सैक्टर 17 स्थित कार्यालय पहुंचे। यहां बता दें कि ई.डी. ने हुड्डा से बीते दिवस देर रात तक पूछताछ की थी। उन्हें ई.डी.कार्यालय में 2 बार बुलाया गया था। इसी बीच,शुक्रवार दोपहर सोशल मीडिया पर यह भी वायरल हुआ कि हुड्डा की तबीयत खराब हो गई है लेकिन उनके समर्थकों ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है।
वह सुबह पंचकूला सी.बी.आई. कोर्ट गए थे और दोपहर में उन्होंने अपने फ्लैट पर लंच किया। करीब 3 बजे यहां से ई.डी. कार्यालय के लिए रवाना हो गए। मानेसर भूमि घोटाला करीब 1500 करोड़ रुपए का है,जिसमें सी.बी.आई. ने केस दर्ज किया था। सी.बी.आई. ने इस मामले में 34 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है,जिनमें कई बिल्डर भी शामिल हैं। ई.डी. द्वारा हुड्डा से लगातार पूछताछ के चलते उन अधिकारियों में टैंशन बनी हुई है, जो इस मामले में आरोपी हैं। हालांकि इस मामले में हुड्डा बीते दिवस से ही मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं।