लॉकडाउन: हरियाणा सरकार की सख्ती पर प्रशासन से शुरू किया इंतजाम, शेल्टरों में मजदूरों को रोका

Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 12:44 AM

arrangements started by administration for migrants help in haryana

लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूरों के हो रहे पलायन पर सरकारें अब सख्त हो गई है। हरियाणा में भी सरकार की सख्ती के असर देखने को मिला, जहां अलग-अलग जिलों में मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में उन्हें रोका गया और खाने व रहने का...

अंबाला/जींद/सोनीपत/रेवाड़ी: लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूरों के हो रहे पलायन पर सरकारें अब सख्त हो गई है। हरियाणा में भी सरकार की सख्ती के असर देखने को मिला, जहां अलग-अलग जिलों में मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में उन्हें रोका गया और खाने व रहने का प्रबंध करवाया गया। सरकार के सहयोग के लिए प्रशासन के साथ सामाजिक संस्थाएं भी मदद कर रहीं हैं, इसके बावजूद अभी भी कुछ जगहों पर पलायन कर रहे मजदूरों को राहत नहीं मिल पा रही है।

हरियाणा सरकार के सख्त आदेश के बाद जिला प्रशासनों ने मजदूरों को पलायन से रोकने का काम शुरू कर दिया है। अंबाला जिला में अमृतसर दिल्ली नेशनल हाइवे के रास्ते पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों को अब एक कदम भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा। इन प्रवासी मजदूरों के लिए अंबाला में ही शेल्टर होम बना कर इन्हें 14 अप्रैल तक यहीं रखा जाएगा। अंबाला में एक दिन में 2000 से ज्यादा प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं।

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इस सब के बीच अंबाला के विधायक असीम गोयल ने शेल्टर होम्स का दौरा किया। प्रवासी मजदूरों से भी बात की और अपील की कि इन शेल्टर होम्स को अपना घर समझ कर रहें।  विधायक ने प्रवासी मजदूरों को स्पष्ट कर दिया कि यहां से किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जाएगा। इस दौरान प्रवासी मजदूरों ने विधायक को कुछ समस्याएं भी बताई जिनके निवारण के लिए विधायक ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए।

मजदूरों ने ही की मजदूरों से अपील
लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की तरफ 3 दिन से पलायन लगातार जारी है। लेकिन गोहाना में एक ऐसी तस्वीर सामने आई जहां पर 50 प्रवासी मजदूर 500 से ज्यादा भूखे प्रवासी लोगों के लिए न केवल खाना बना रहे हैं बल्कि अन्य पलायन कर रहे मजदूरों से उसी जगह पर रुकने की भी अपील भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाग दौड़ न मचाएं, इस समय देश के सामने जो परिस्थिति खड़ी है उन परिस्थितियों का खड़े होकर मुकाबला करें। साथ ही उन्होंने अपने मजदूर भाइयों से भी यह अपील की है कि बिहार तथा अन्य क्षेत्रों में पहुंचने के लिए बहुत लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी और यह दूरी पैदल तय करना इतना आसान नहीं है। 

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सोनीपत में कैंप के नाम पर खानापूर्ति
प्रवासी लोगों का पलायन रोकने के लिए सोनीपत जिले में रिलीफ कैम्प बनाए गए हैं, ताकि सड़कों पर निकले लोगों को वहां ठहराया जा सके। लेकिन सोनीपत में बने रिलीफ कैंपो के हालात अच्छे नहीं है। खाने पीने और दूसरी चीजों की भी भारी कमी है। दवाइयों के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति है। राई के सरकारी स्कूल में 400 लोगों के रुकने का इंतजाम किया गया है। लेकिन यहां सिर्फ खाना पूर्ति ही नजर आ रही है। हालांकि, रिलीफ कैम्प की देखरेख में लगे नायाब तहसीलदार वेदपाल का कहना है कि अभी लोग आकर रुकने लगे हैं, धीरे धीरे व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी। 

पलवल में सामाजिक संस्था ने उपलब्ध करवाया राशन
पलवल के कुसलीपुर गाँव में दर्जनों गरीब परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर थे। इन परिवारों को न तो बीपीएल द्वारा राशन दिया जा रहा था और न ही सरकार द्वारा कोई मदद नहीं दी जा रही थी। इस मुद्दे को मीडिया में प्रमुखता से उठाया गया। जिसके बाद एक सामाजिक संस्था ने दर्जनों गरीब परिवारों को एक हफ्ते का राशन उपलब्ध कराया और राशन लेने के बाद लोगों ने मीडिया का धन्यवाद किया।

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जींद में ठहराए गए दर्जनों प्रवासी
प्रदेश और केंद्र सरकार के आदेशों के बाद प्रवासी मजदूरों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। जींद प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों के लिए भिवानी रोड पर शैल्टर होम बनाया है। सोमवार को डीसी और डीआईजी ने इसका निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार मनोज अहलावत ने अधिकारियों को बताया कि शैल्टर होम में फिलहाल 39 प्रवासी मजदूर रखे गए हैं। इसकी क्षमता 60 प्रवासी मजदूरों को रखने की है। प्रवासी मजदूरों के लिए यहां खाने-पीने, नहाने आदि के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है। 

स्टेट क्राईम के एएसआई ने की मदद
फरीदाबाद में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों और गरीबों को आने वाली समस्याओं को देखते हुए स्टेट क्राईम के एएसआई अमर सिंह ऐसी झुग्गी बस्ती में पहुंचे। अमर सिंह ने उन्हें खाने पीने का समान मुहैया कराया। अमर सिंह ने बतााया कि उनके साथी रविन्द्र और उनके कुछ सहियोगियों द्वारा इस खाने पीने के समान की व्यवस्था की गई है और आगे भी जो मदद बन पाएगी वह इन गरीबों की करते रहेंगे।

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प्रवासियों के लिए मसीहा बने बाबा फरीद के कोरोना योद्धा
रेवाड़ी में लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों पर पेट की भूख को मिटाने के लिए रोटी का संकट गहराने लगा था। ऐसे में सामाजिक संगठनों ने एकजुटता का परिचय देते हुए बाबा फऱीद की कुटिया में हर रोज एक हजार प्रवासी मजदूरों के लिए खाना बनाया जा रहा है। रेवाड़ी प्रशासन द्वारा रेवाड़ी के दिल्ली रोड स्थित सतीश पब्लिक स्कूल व सर्कुलर रोड पर बने जैन कन्या विद्यालय में 750 प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है। इसके अलावा अलग-अलग झुग्गी झोपडिय़ों में रह रहे मजदूरों के पेट की भूख मिटाने का जिम्मा बाबा फऱीद के कोरोना योद्धाओं ने उठाया हुआ है। 

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