भ्रष्टाचार का अड्डा बना गुरुग्राम नगर निगम, मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला

Edited By Vivek Rai, Updated: 23 Jun, 2022 05:23 PM

another corruption case in gurugram municipal corporation

गुरुग्राम नगर निगम में मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इसकी शिकायत गुरुग्राम नगर निगम में ही कार्यरत एक कर्मचारी ने की है। गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि हाई लेवल अथॉरिटी से एक...

गुरुग्राम(मोहित): गुरुग्राम नगर निगम में मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इसकी शिकायत गुरुग्राम नगर निगम में ही कार्यरत एक कर्मचारी ने की है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की एक चिट्ठी के अनुसार मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम के नाम पर निगम की तहबाजारी वाली दुकानों में रजिस्ट्री के नाम पर निगम कर्मचारियों द्वारा मोटी रकम वसूली गई है। मामले सामने आने के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा अब इस मामले की जांच के आदेश गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा को दिए गए हैं।

निगम के एक कर्मचारी की शिकायत के बाद उजागर हुआ मामला

गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर को जारी की गई शहरी स्थानीय निकाय विभाग की चिट्ठी साफ तौर से लिखा हुआ है कि गुरुग्राम नगर निगम में कंप्यूटर क्लर्क आउटसोर्स कर्मचारी सुनील कुमार ने मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम के नाम पर नगर निगम गुरुग्राम में रिश्वत का तांडव किया है और प्रति दुकान लगभग 15 लाख रुपए की रिश्वत ली गई है। दरअसल कई सालों से नगर निगम की दुकानों पर बैठे लोगों के लिए मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम लाई गई थी, लेकिन इसका फायदा उठाकर निगम कर्मचारियों ने रिश्वत के तौर पर लोगों को मालिकाना हक दिलवाया। जानकारी के अनुसार नगर निगम गुरुग्राम में लगभग 700 दुकानों के मालिकों को मालिकाना हक दिया जाना था लेकिन अभी तक निगम की लगभग 180 दुकानों के मालिकों को ही मालिकाना हक दिया गया है। इन दुकान मालिकों से भी मोटी रकम वसूली गई है।

निगम कमिश्नर का दावा जांच में दोषी पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

इस मामले में गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि हाई लेवल अथॉरिटी से एक चिठ्ठी आई है। इस चिट्ठी के आधार पर जल्द ही जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 से 20 दिन में जांच पूरी हो जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम कमिश्नर ने कहा कि इस मामले में अगर उच्च अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई गई तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।

जानिए क्या है मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व स्कीम प्रदेश के उन सभी लोगों के लिए लायी गई थी, जो निगम की जमीन पर बनी दुकान या मकान पर पिछले 20 वर्षों या उससे ज्यादा समय से काबिज़ हैं। इसके अलावा जो लोग 31 दिसंबर 2020 तक की किसी दूकान की लीज़ भर रहे हैं या किसी मकान का किराया भर रहे हैं। इन सभी लोगों को इस स्कीम के तहत उनकी लीज़ की दुकानों और मकानों पर मालिकाना हक़ मिलना है। लेकिन गुरुग्राम नगर निगम में मालिकाना हक दिलवाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम रिश्वत के तौर पर ली गई।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भीबस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!