Edited By Ramkesh, Updated: 25 Sep, 2024 08:44 PM
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि शंभू बॉर्डर का बंद होना व्यापारियों और स्थानीय लोगों के लिए एक ‘बड़ी समस्या' है। उन्होंने हरियाणा की सीमा पर पंजाब की ओर बैठे प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उन्होंने किसानों का मुखौटा...
अंबाला (अमन कपूर): केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि शंभू बॉर्डर का बंद होना व्यापारियों और स्थानीय लोगों के लिए एक ‘बड़ी समस्या' है। उन्होंने हरियाणा की सीमा पर पंजाब की ओर बैठे प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उन्होंने किसानों का मुखौटा पहन रखा है और निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने मंगलवार को अंबाला में भाजपा उम्मीदवार असीम गोयल के समर्थन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘शंभू बॉर्डर का बंद होना बड़ी समस्या है। आम लोगों, विशेषकर व्यापारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमारी बॉर्डर खोलने की योजना थी... लेकिन जो लोग उस पार बैठे हैं वे किसान नहीं हैं बल्कि किसानों का मुखौटा पहने हुए हैं। कुछ ऐसे लोग हैं जो व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और सरकारों को अस्थिर करना चाहता हैं।'' खट्टर ने कहा, ‘‘ज्यादा विवरण में जाने की जरूरत नहीं है। आप भी जानते हैं कि वे कौन हैं।'' उन्होंने कहा कि चूंकि अंबाला शहर शंभू बॉर्डर के पास है इसलिए अंबाला को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खट्टर ने कहा, ‘‘हम आगे बढ़ रहे थे लेकिन मामला अदालत में चला गया। अब यह मामला उच्चतम न्यायालय के सामने है जिसने एक समिति बनाई है। मुझे लगता है कि कोई न कोई हल निकल ही जाएगा.. लेकिन ध्यान रहे न्यायालय बिना शर्त बॉर्डर खोलने की इजाजत नहीं देगा और इसकी वजह भी है।
पिछली बार (2021 में किसान आंदोलन के दौरान) जिस तरह का उत्पात मचाया गया था, तो वह कौन सा किसान होगा जो लाल किले पर चढ़कर देश का अपमान करेगा?'' संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान अपनी विभिन्न मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। किसान फसलों पर न्यूनतम समर्थन कीमत (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की सहित कई मांग कर रहे हैं। जब सुरक्षाबलों ने 13 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली की ओर आने से रोक दिया था तब से ही वे पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।