Edited By Deepak Kumar, Updated: 20 May, 2025 06:34 PM

जननायक जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सुबह हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय से मिला और उन्हें हरियाणा के पेयजल संकट के बारे में अवगत करवाया।
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): जननायक जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सुबह हरियाणा के राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय से मिला और उन्हें हरियाणा के पेयजल संकट के बारे में अवगत करवाया। वहीं सायं को जेजेपी नेता पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मिलकर उन्हें हरियाणा में गहराए जल संकट के बारे में विस्तार से बताया। जेजेपी नेताओं ने दोनों प्रदेशों के महामहिमों को इस पेयजल संकट का तुरंत समाधान करने एवं भाखड़ा, एसवाईएल को लेकर ज्ञापन सौंपा।
राज्यपालों को ज्ञापन सौंपने के उपरांत राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में पेयजल संकट गहराया हुआ है और लोगों को पीने के पानी के लाले पड़े है। डॉ चौटाला ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले एसवाईएल और अब भाखड़ा का पानी न देकर हरियाणा की जनता के हितों से साथ धोखा किया है। वहीं हरियाणा की भाजपा सरकार एसवाईएल का पानी लाना तो दूर भाखड़ा का पानी भी नहीं ला पा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेश के राज्यपाल इस गंभीर मसले पर तुरंत संज्ञान लें और इन्हें हल करवाएं।
जेजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला ने कहा कि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आने के बावजूद भी पिछले दो सालों से केंद्र सरकार द्वारा एसवाईएल को लेकर कोई बैठक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश की सरकार को केंद्र सरकार से एसवाईएल का फैसला लागू करवाना चाहिए। डॉ चौटाला ने कहा कि राज्यपाल हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वे सुप्रीम कोर्ट में जाकर केंद्र सरकार के विरूद्ध कदम उठाए और एसवाईएल का पानी मांगे।
अजय चौटाला ने कहा कि जल बंटवारे को लेकर पंजाब सरकार द्वारा निरंतर असंवैधानिक कदम उठाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब सरकार द्वारा एसवाईएल नहर को बंद किया गया और पंजाब ने कहा कि हम हरियाणा को एक बूंद पानी भी नहीं देंगे। अब भाखड़ा के पानी को लेकर भी पंजाब सरकार तानाशाही कर रही है, विधानसभा में असंवैधानिक प्रस्ताव पारित किए जा रहे है। डॉ चौटाला ने कहा कि केंद्र और हरियाणा में भाजपा की सरकार है, इसके बावजूद भी जल विवाद सुलझ नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि जेजेपी ने सर्वदलीय बैठक में हरियाणा सरकार को कहा था कि वे केंद्र सरकार से हरियाणा के हित में एसवाईएल और भाखड़ा पर आए फैसलों को लागू करवाए, लेकिन धरताल पर कोई कदम नहीं उठाया गया। अजय चौटाला ने कहा कि आज हरियाणा के किसानों को बिजाई के लिए सिंचाई के पानी की आवश्यकता है, लेकिन सिंचाई तो दूर की बात आज प्रदेश के लोग पेयजल के लिए तरस रहे है और ट्यूबवेल का खारा पानी पीने को मजबूर है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों राज्य के राज्यपाल जल से जुड़े गंभीर मसले को तुरंत संज्ञान में ले। उन्होंने कहा कि पंजाब से हरियाणा को भाखड़ा का पानी नहीं मिलना मुख्यमंत्री नायब सैनी की विफलता को दर्शाता है, क्योंकि सर्वदलीय बैठक के बावजूद भी सीएम बाधित पानी सप्लाई को दुरुस्त नहीं करवा पाए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज प्रदेश के सात जिलों के करीब 200 जलघर सूखे पड़े है और इसे सार्वजनिक तौर पर सीएम ने भी माना है। उन्होंने कहा कि पंजाब से हरियाणा का पानी लेने में हरियाणा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई। दुष्यंत ने कहा कि भाखड़ा ब्यास बोर्ड से संबंधित मंत्रालय के केंद्रीय उर्जा मंत्री मनोहर लाल को पैरामिलिट्री भेजकर कंट्रोल लेना था।
इतना ही नहीं अगर पंजाब अतिरिक्त पानी ले रहा है तो कोर्ट से तारीख पर तारीख क्यूं ली गई ? क्योंकि 21 मई से तो नया वाटर ईयर ही शुरू हो जाएगा। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि टेल तक पानी पहुंचाने की बात करने वाली भाजपा सरकार के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण 2020 से भाखड़ा ब्यास बोर्ड में हरियाणा का सदस्य नियुक्त नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार नियमों को समझे बिना टेक्निकल की जगह मैकेनिकल सदस्य भेज रही है, जल बंटवारे को लेकर नियुक्त होने वाले इंजीनियर की नियुक्ति में भी देरी हुई और उसके बाद पंजाब सरकार उसे ऑफिस ज्वाइन नहीं करने देती, इन सब का फायदा पंजाब ने उठाया है। राज्यपालों से मिलने वाले जेजेपी प्रतिनिधिमंडल में जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष बृज शर्मा, जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला, वरिष्ठ नेता डॉ केसी बांगड़, राजेंद्र लितानी, पूर्व विधायक अमरजीत ढांडा आदि शामिल थे।
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