हरियाणा के ‘रण’ में उतरी AICC, प्रदेश इकाई के नेताओं को दिल्ली किया तलब !

Edited By Isha, Updated: 22 Jun, 2024 12:01 PM

aicc enters the battle of haryana state unit leaders summoned to delhi

हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में मची भागदौड़ और आपसी खिंचतान के बीच अब आल इंडिया कांग्रेस कमेटी भी अलर्ट मोड में आ गई है। हरियाणा में पिछले 10 साल से सत्ता की बंजर जमीन को सिंचने की कोशिश कर रही कांग्रेस इस बार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  हरियाणा कांग्रेस के नेताओं में मची भागदौड़ और आपसी खिंचतान के बीच अब आल इंडिया कांग्रेस कमेटी भी अलर्ट मोड में आ गई है। हरियाणा में पिछले 10 साल से सत्ता की बंजर जमीन को सिंचने की कोशिश कर रही कांग्रेस इस बार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। लोकसभा चुनाव में 5 सीट जीतने के बाद से वैसे भी हरियाणा में कांग्रेस के हौंसले पहले से ही बुलंद है।

आपसी खिंचतान और आगामी चुनावों को लेकर एआईसीसी की ओर से हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को फोन कर दिल्ली तलब किया गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने बातचीत में इसकी पुष्टि की है। गीता भुक्कल ने बताया कि उन्हें फोन कर 26 जून को एआईसीसी कार्यालय में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को बुलाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और राहुल गांधी पार्टी के नेताओं से मीटिंग कर आगामी रणनीति की चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी हाई कमान विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे। 

‘सरकार की तरह विपक्ष का भी रोल’

भुक्कल ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है, ये अल्पमत की सरकार है। कल राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि मौजूदा सरकार के अल्पमत में होने की बात कहकर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। आने वाले 2-3 महीने में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने है। इसलिए कांग्रेस को आशंका है कि जैसे बीजेपी देश भर में अलग-अलग प्रदेशों में विधायकों को तोड़कर उनकी खरीद-फरोख्त करती है, तो हरियाणा में भी हॉर्स ट्रेडिंग की भी आशंका है। इसलिए पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने राज्यपाल से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से देश भर में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। सरकार की ओर से लोकतंत्र की परवाह नहीं की जा रही। इसलिए लोकतंत्र में जितना रोल सत्ता पक्ष का है, उतना ही रोल विपक्ष का भी है। विपक्ष 10 मई को भी इस बारे में राज्यपाल को ज्ञापन सौंप चुका है। अब फिर से राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस के अलावा जेजेपी और इनेलो भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंप चुका है। 

किरण के मान-सम्मान में नहीं थी कोई कमी

किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने के बारे में पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि किरण कांग्रेस की वरिष्ठ नेता थी। उन्होंने लंबे समय तक राजनीति की, पार्टी की ओर से कभी भी उनके मान-सम्मान में कमी नहीं आने दी। पहले दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर बनाया, उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में बनी सरकार में चौधरी सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद 10 साल तक कैबिनेट मंत्री बनाए रखा।

इसके बाद विपक्ष में जाने पर पांच साल तक नेता प्रतिपक्ष भी बनाया, जबकि उनके (किरण चौधरी) के साथ एक भी विधायक नहीं था। भुक्कल ने कहा कि शायद किरण चौधरी की महत्वकांक्षाएं बहुत ज्यादा थी, जोकि शायद बीजेपी में पूरी हो सकती है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान पर भी तंज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि किरण चौधरी का केवल शरीर कांग्रेस में था, जबकि उनकी आत्मा बीजेपी में ही थी। 

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