दिवाली के बाद हवा बनी जहर, AQI 421 पर पहुँचा, किसानों पर पराली केस.... खाप ने उठाए सवाल

Edited By Isha, Updated: 23 Oct, 2025 02:24 PM

after diwali the air turned poisonous aqi reached 421

दिवाली की रौनक अभी ठंडी भी न हुई थी कि जींद की हवा जहरीली हो चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार शाम तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 421 तक पहुँच गया

जींद(अमनदीप पिलानिया) : दिवाली की रौनक अभी ठंडी भी न हुई थी कि जींद की हवा जहरीली हो चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार शाम तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 421 तक पहुँच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में है। यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया, जबकि रेवाड़ी के धारूहेड़ा में AQI 412 दर्ज किया गया।  विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों का धुआँ और हवा में ठहराव मुख्य कारण हैं। हरियाणा के 22 शहरों में AQI 'खराब' से 'गंभीर' स्तर पर पहुँच गया, जिससे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-2) लागू हो गया। निर्माण कार्य सीमित हो गए हैं और प्रदूषण स्रोतों पर निगरानी तेज कर दी गई है।

बिना लाइसेंस के 4 करोड़ के जले पटाखें 

दिवाली से पहले जींद जिले में अवैध पटाखों की बिक्री चरम पर थी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिना लाइसेंस के बिना लाइसेंस के 4 करोड़ के पटाखें जले हैं, जो मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों से लाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद 'ग्रीन पटाखों' की सीमित अनुमति का उल्लंघन हुआ। जिला प्रशासन ने कई दुकानों पर छापेमारी की, लेकिन अवैध व्यापारियों ने सड़कों और फुटपाथों पर बिक्री जारी रखी। इससे न केवल प्रदूषण बढ़ा, बल्कि आगजनी का खतरा भी मंडराया। पुलिस ने चेतावनी दी है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें सामान जब्ती और जुर्माना शामिल है।

किसानों पर पराली जलाने के 3 मुकदमे

जींद जिले में फसल अवशेष जलाने के 3 मामले सामने आए हैं। सफीदों सदर थाना पुलिस ने मुआना गांव के साहब सिंह के खिलाफ 19 अक्तूबर को फसल अवशेष जलाने का मामला कृषि अधिकारी अमित वर्मा की शिकायत पर दर्ज किया है। जींद सदर थाना पुलिस ने बड़ौदी गांव के रविंद्र के खिलाफ 20 अक्तूबर को फसल अवशेष जलाने का मामला कृषि विभाग में सहायक तकनीकी प्रबंधक ऋषि पाल की शिकायत पर दर्ज किया है जबकि नरवाना सदर थाना पुलिस ने दनौदा कलां गांव के किसान पवन के खिलाफ 11 अक्तूबर को फसल अवशेष जलाने का मामला दर्ज किया है।

माजरा खाप का तीखा प्रहार: 'सरकार किसानों को बदनाम कर रही, पटाखों पर क्यों चुप?

'इस कार्रवाई पर माजरा खाप के प्रेस प्रवक्ता ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "सरकार किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जब सरकार पटाखे जलाने की इजाजत दे सकती है, तो किसानों को भी पराली जलाने की इजाजत देनी चाहिए।" प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि सैटेलाइट से किसानों की जलती पराली तो दिखाई देती है, लेकिन कंपनियों का धुआँ या दिवाली के पटाखों का धुआँ ट्रैक करने के लिए कोई सैटेलाइट क्यों नहीं? "अब कोई किसान पराली नहीं जलाता, लेकिन सरकार केवल किसानों को निशाना बना रही है।" 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों का मानना है कि पटाखों से PM2.5 का स्तर 675 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गया, जो 2021 के बाद सबसे अधिक है। 
पराली जलाने का योगदान 20-30% है, जबकि वाहन उत्सर्जन और उद्योग 50% से अधिक। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यों को चेतावनी दी है कि किसानों पर सख्ती के साथ वैकल्पिक प्रबंधन (जैसे सुपर एसएमएस मशीन) को बढ़ावा दें। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मास्क पहनें, बाहर कम निकलें और प्रदूषण स्रोतों से दूर रहें। अगले 48 घंटों में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए सतर्क रहें।

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