एक दशक बाद आलू के रेट में आई मंदी, किसान बर्बाद होने की कगार पर... चढूनी ने CM को लिखा पत्र

Edited By Isha, Updated: 29 Dec, 2025 07:31 PM

after a decade potato prices have plummeted

हरियाणा में बड़े स्तर पर आलू की खेती की जाती है सबसे ज्यादा आलू हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में लगाया जाता है और यहां पर हरियाणा की सबसे बड़ी आलू की मंडी पिपली अनाज मंडी है जहां पर कुरुक्षेत्र सहित आसपास

कुरुक्षेत्र(रणदीप रोड़): हरियाणा में बड़े स्तर पर आलू की खेती की जाती है सबसे ज्यादा आलू हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में लगाया जाता है और यहां पर हरियाणा की सबसे बड़ी आलू की मंडी पिपली अनाज मंडी है जहां पर कुरुक्षेत्र सहित आसपास के जिलों के किसान आलू बेचने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस बार आलू के दाम इतने ज्यादा गिर गए हैं कि किसान बर्बाद होने की कगार पर आ गए हैं। और यह पिछले 10 सालों में आलू के रेट में सबसे बड़ी मंदी है जिससे किसान भाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आलू के गिरते दाम को लेकर गुरनाम सिंह चढूनी के द्वारा भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है तो इसी के हमने किसान और कमीशन एजेंट से जाना की आलू के मौजूदा समय में क्या रेट है।

किसान गुरजीत सिंह ने कहा कि उसने 14 एकड़ आलू लगाया हुआ है एक वैरायटी को छोड़कर सभी वैरायटी के दाम बहुत कम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि₹250 प्रति कुंतल के हिसाब से आलू जा रहा है और यह है करीब 10 - 15 सालों बाद इतना कम रेट किसानों को आलू का मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक एकड़ आलू की खेती में करीब ₹40000 खर्च किया है लेकिन उनका एक एकड़ से करीब 20000 रुपए का आलू निकल रहा है और इसमें उनका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

करनाल से आए हुए एक और किसान श्यामलाल ने कहा कि उसने 16 एकड़ में आलू की खेती की हुई है। वह करनाल यहां पर आलू बेचने के लिए आते हैं कुछ दिनों पहले₹600 प्रति कुंतल के हिसाब से आलू बिका था कल ₹400 के प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू बिका था लेकिन आज के रेट ढाई सौ से ₹300 प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहे हैं। उन्होंने एक एकड़ में करीब 45000 रुपए आलू की खेती में खर्च किया हुआ है लेकिन उसके आधे रेट में उनके आलू 1 एकड़ से निकल रहे हैं इसे उनकी खेती पर खर्च की आमदनी भी पूरी नहीं हो रही। उन्होंने सरकार से अपील की है की भावांतर भरपाई योजना को थोड़ा दुरुस्त किया जाए ताकि किसानों को इस नुकसान से बाहर निकाला जा सके वरना किसान बर्बाद होने की कगार पर है। 

पिपली अनाज मंडी के पूर्व प्रधान राजीव गोयल ने बताया कि हरियाणा में 80% पुखराज आलू की वैरायटी लगाई जाती है और पुखराज वैरायटी का इस बार रेट ₹250 प्रति क्विंटल से लेकर ₹400 प्रति क्विंटल है ज्यादातर 250 से ₹300 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। कुफरी मोहन वैरायटी की बात करें उसका रेट₹400 प्रति कुंतल से लेकर 450 रुपए प्रति क्विंटल है लेकिन यह बहुत कम मात्रा में लगाया गया है। एक नई वैरायटी 7008 है उसका रेट कुछ इसे अच्छा है लेकिन वह खाने के लायक आलू नहीं है वह चिप्स इत्यादि के लिए लगाया जाता है और उसकी भी हरियाणा में बहुत कम खेती की गई है।


मुख्य वैरायटी पुखराज होती है और उसमें ही किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है यह अब तक कि पिछले 10 सालों की सबसे बड़ी आलू के रेट की मंडी देखी जा रही है जिसे किसान बर्बाद हो गए हैं और उनका खर्चा भी पूरा नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि पिछले साल आलू के रेट ठीक थे जिसके चलते आलू का रकबा इस बार ज्यादा है और इस वजह से आलू के दाम गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू में किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है।इसमें ₹600 प्रति क्विंटल के हिसाब से आकलन लगाकर किसानों की भरपाई की जाती है लेकिन इसमें भी किसान को कुछ ज्यादा फायदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि बाबा अंतर भरपाई योजना वाला पोर्टल भी अच्छे से काम नहीं कर रहा , कुछ किसानों के उस पर दस्तावेज अपलोड होने में समस्या हो रही है।


भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि हरियाणा की मंडियों में आलू के भाव में और गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सफेद आलू उत्पादक किसान गंभीर आर्थिक संकट में फंसता जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भावान्तर भरपाई योजना अब तक लागू नहीं की गई, जो किसानों के साथ अन्याय है।

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