Edited By Isha, Updated: 24 Jun, 2023 08:02 AM

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) के राज में पूरे प्रदेश में नशे का प्रकोप बढ़ा है। बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवा नशे के दल दल में धंसता जा रहा है। नशे का चलन ज्यादा होने से अपराध भी बढ़...
सिरसा: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज में पूरे प्रदेश में नशे का प्रकोप बढ़ा है। बढ़ती बेरोजगारी के चलते युवा नशे के दल दल में धंसता जा रहा है। नशे का चलन ज्यादा होने से अपराध भी बढ़ रहा है। चौटाला आज सिरसा से निकलकर अपनी हरियाणा परिवर्तन यात्रा के दौरान कोटली, सुचान एवं रसुलपुर सहित आधा दर्जन गांव में ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे। ग्रामीणों ने गर्मजोशी के साथ ढोल-नगाड़ों की थाप पर यात्रा का स्वागत किया। चौटाला के साथ पद यात्रा में सुनैना चौटाला, उमेद सिंह लोहान, अर्जुन चौटाला, गोकुल सेतिया, रोशन सुचान, उर्मिला हुड्डा एवं रेणु बुरा सहित भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता थे।
हरियाणा परिवर्तन पदयात्रा के दौरान हर रोज सैकड़ों लोग जजपा सहित दूसरे दलों को छोडक़र इनेलो में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के कदमों में दुपट्टा रखने वाली गांव बनी की सरपंच नैना झोरड़ इनेलो में शामिल हुई वही रतिया के आम आदमी पार्टी को छोडक़र रंगरेटा सोनी अपने सैकड़ों साथियों के साथ इनेलो का दामन थामा। चौटाला ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाते हुए पूरा मान-सम्मान दिए जाने का भरोसा दिलाया।
चौटाला ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है। आज नौजवान वर्ग हताशा का शिकार है। किसानों को सूरजमुखी एवं गन्ने का उचित दाम नहीं मिल रहा है। खेती की लागत कई गुणा तक बढ़ गई है। आज कर्मचारी वर्ग अपने हकों से वंचित हैं। यहां तक की सरकार चुने हुए जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रही है। जब सरपंच अपना हक मांगने के लिए सडक़ों पर उतरे तो उन पर भी लाठियां बरसाई गई। उन्होंने कहा कि उनकी रगों में चौ. देवी लाल का खून दौड़ रहा है।
चौ. देवी लाल ने ताउम्र किसानों, वंचितों, कमेरों, दलितों के लिए संघर्ष किया और हमेशा ही न्याय के लिए सत्ता को ठुकराने का काम किया। उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए उन्होंने भी किसान आंदोलन के दौरान अपने विधायक पद से इस्तीफा दिया था। तब कांग्रेस, भाजपा सहित कई दलों के नेताओं ने कहा था कि इस आंदोलन और इस्तीफे से कोई फकर् नहीं पड़ने वाला। आंदोलन सफल रहा और उनका संघर्ष रंग लाया। प्रधानमंत्री को तीन कृषि कानून वापस भी लेने पड़े। चौटाला ने कहा कि उनके इस्तीफा देने के बाद ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ। उनके खिलाफ भाजपा, जजपा, गोपाल कांडा और रणजीत सिंह तो एक हुए ही कांग्रेस ने भी भाजपा का साथ दिया।