देवीलाल की कर्मभूमि सीकर से जजपा राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर करेगी शंखनाद

Edited By Saurabh Pal, Updated: 21 Sep, 2023 06:19 PM

jjp will blow conch shell from sikar regarding rajasthan assembly elections

25 सितंबर को पूर्व उप प्रधानमंत्री जननायक चौ. देवीलाल की जयंती के अवसर पर अजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला सहित हरियाणा के कई योद्धा राजस्थान के जिला सीकर में चौ. देवीलाल को याद करते हुए तथा गरजते हुए नजर आएंगे।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): 25 सितंबर को पूर्व उप प्रधानमंत्री जननायक चौ. देवीलाल की जयंती के अवसर पर अजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला सहित हरियाणा के कई योद्धा राजस्थान के जिला सीकर में चौ. देवीलाल को याद करते हुए तथा गरजते हुए नजर आएंगे। इस कार्यक्रम में दिग्विजय सारथी की भूमिका में  नजर आ रहे हैं। चौधरी देवीलाल की याद और सम्मान में ''किसान विजय सम्मान दिवस'' के नाम से एक भव्य रैली का आयोजन जननायक जनता पार्टी द्वारा किया गया है। इस मौके पर जजपा राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भी औपचारिक रूप से मंच से शंखनाद कर देगी।

सीकर की पावन धरा से इस परिवार का चार पीढीयों से नाता है। चौ0 देवीलाल सीकर से सांसद का चुनाव जीत कर देश की उप प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजे थे, उसे दौरान राजस्थान की राजनीति में इस परिवार का एक बड़ा होल्ड था। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब चौ0 देवीलाल की जयंती हरियाणा से बाहर कहीं मनाई जा रही हो। किसान मसीहा जननायक चौधरी देवीलाल की यह जयंती पूरी तरह से भव्य और विशाल हो इसके लिए जजपा पूरी तैयारियों में जुटी हुई है। 

 इस रैली की मुख्य जिम्मेदारी में दिग्विजय चौटाला नजर आ रहे हैं। क्योंकि दिग्विजय चौटाला लगातार राजस्थान में छात्र राजनीति को लेकर काफी सक्रिय रहे हैं। युवाओं में उनकी खासी पकड़ होने के कारण दिग्विजय वहां के मिजाज को खूब समझते हैं। राम- लक्ष्मण के रूप में काम करने वाले दुष्यंत और दिग्विजय इस रैली को कामयाब करके न केवल राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अपना आगाज करने के मूड में है, बल्कि इसका साफ-साफ संदेश विपक्षी दलों के साथ-साथ अपनी सहयोगी भाजपा को देने के मूड में है। परोक्ष रूप से भाजपा को इस रैली के माध्यम से लोकसभा चुनाव में जजपा की जरूरत का संदेश भी मिलेगा। 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, लगातार लंबे समय से जननायक जनता पार्टी राजस्थान के लगभग 18 जिलों पर फोकस बनाए हुए थे जिसके चलते दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में पार्टी युवा वर्ग पर अपनी कमान बनाए हुए थी। छात्र राजनीति के माध्यम से पार्टी की सक्रियता शुरू से ही राजस्थान पंजाब चंडीगढ़ में देखी जा रही थी कई छात्र चुनाव में अच्छे खासे रिजल्ट भी पार्टी को मिलने से पार्टी पूरी तरह से आत्मविश्वास से लबरेज है जजपा की तैयारी लगभग 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की है। जजपा ने किसानों को उनके प्रति समर्पित भाव का विश्वास दिलाने तथा उन्हें रिझाने के लिए इस रैली का नाम किसान विजय सम्मान रैली का नाम दिया है। यूथ को एक्टिव कर साथ लेकर जननायक जनता पार्टी युद्ध स्तर पर इस कार्यक्रम की सफलता के लिए दिन रात एक किए हुए हैं

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौधरी दुष्यंत चौटाला काफी दिनों से राजस्थान की आवाजाही कर रहे हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर वहां पार्टी कार्यालय भी खोला गया है। जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राजस्थान में लगातार उपस्थिति का उद्देश्य क्षेत्रीय नेताओं को जजपा में शामिल करवाना, कार्यक्रम की सफलता को सुनिश्चित करना तथा आगामी चुनावों की रणनीति तैयार करना है। देवीलाल जयंती के अवसर पर एक विशाल रैली के कई मायने और कई कयास माने जा सकते हैं।

चौधरी देवीलाल के परिवार का सीकर की धरती से चार पीडिया का नाता है चौधरी देवीलाल के जमाने में इस परिवार की मजबूत पकड़ राजस्थान की जनता में रही है इसी कारण राजस्थान विधानसभा चुनावों में उतरने के लिए इस धरती का चयन जजपा द्वारा किया गया है। 1989 के लोकसभा चुनावों में चौ0 देवीलाल ने हरियाणा के रोहतक व राजस्थान के सीकर से जीत दर्ज की थी।  दो जगह जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने रोहतक से इस्तीफा दिया। सीकर से सांसद रहते वह देश के उपप्रधानमंत्री बने थे। इसलिए कहा जा सकता है कि चौधरी देवीलाल का राजस्थान से एक अटूट रिश्ता रहा है और इस रिश्ते को पीढ़ी दर पीढ़ी यह परिवार भी खूब निभाता आ रहा है। सीकर से एक बार चौ0 अजय सिंह चौटाला वर्तमान में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी विधायक रह चुके हैं।

 चौ0 देवीलाल उन कुछ चुनिंदा राजनीतिज्ञों में से हैं जो आजादी के बाद तथा आजादी के पहले दोनों ही समय में भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। देश की आजादी के बाद जब पहली बार चुनाव हुए, तब हरियाणा पंजाब राज्य का हिस्सा था और वहां हुए विधानसभा चुनावों में चौ0 देवीलाल पहली बार सन 1952 में ही विधायक बने और उसके बाद पुनः 1957 तथा 1962 में भी पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे।

25 सितंबर को होने वाले जननायक चौ0 देवीलाल की जयंती के अवसर पर 'किसान विजय सम्मान दिवस' कार्यक्रम को लेकर जजपा ने पदाधिकारियों की ड्यूटियां सुनिश्चित कर दी हैं। जजपा सीकर की पावन धरा पर एक ऐतिहासिक रैली करने के मूड में है। क्योंकि सफल रैली से जेजेपी की राजस्थान में ताकत दिखेगी, जिसका सीधा लाभ राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्हें मिलेगा। जजपा 25-30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। 18 जिलों में जेजेपी फोकस कर रही है। रैली के बाद पार्टी जल्द अपने नेताओं की राजस्थान चुनाव के लिए जिम्मेदारियां भी लगाएगी। 

सटीक रणनीतिकार, संघर्षशील, मृदुभाषी, सरल स्वभाव और बेहद मिलनसार प्रवृति वाले डॉ0 अजय सिंह चौटाला की हरियाणा की राजनीति में मजबूत पकड़ है। 2009 में डॉ0 चौटाला प्रदेश में करीब 600 किलोमीटर की  'जन आक्रोश पदयात्रा' कर चुके हैं। वह 80 के दशक में सक्रिय राजनीति में आए व 1989 में पहला चुनाव राजस्थान की दाता रामगढ़ की विधानसभा सीट से जीता। दूसरा चुनाव 1993 में राजस्थान की नोहर विधानसभा सीट से लड़ राजस्थान से दूसरी बार विधायक बने। 1999 में भिवानी लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने। 2004 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। 2009  में डबवाली सीट से जीतकर पहली बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य बने। वह मौजूदा दौर में जेजेपी और इनसो के संस्थापक हैं। इनेलो से निष्कासित करने के बाद 9 दिसंबर, 2018 में जननायक जनता पार्टी बनाई। अजय चौटाला की अगुवाई में जेजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती और सरकार में भागीदारी की। 5 अगस्त, 2003 को इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) की स्थापना की। डॉ0 अजय चौटाला ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से वकालत और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पीएचडी की है।  डॉ0 अजय चौटाला के अनुसार राजस्थान में भी जेजेपी की चाबी से ही विधानसभा का ताला खुलेगा। 

1989 में जन्मे दिग्विजय कूटनीति और रणनीति के बेहद मंजे हुए खिलाड़ी हैं। मुश्किल दौर में अपनी दक्षता -क्षमता को प्रमाणित कर चुके हैं दिग्विजय सिंह चौटाला। डॉ अजय सिंह चौटाला के पुत्र दिग्विजय की छात्र राजनीति पर बेहद बड़ी कमांड है। प्रदेश ही नहीं देश की काफी बड़ी मात्रा में युवा उन्हें अपना आइकन मानते हैं। कई मुश्किल दौर में दिग्विजय चौटाला ने पार्टी के लिए बड़े धुरंधर नेताओं के सामने चुनाव लड़ विरोधियों को पसीने छुटवाने का काम किया। नव जन्मी जजपा पार्टी की टिकट पर जींद उपचुनाव के लिए मैदान में उतर दिग्विजय चौटाला ने अपनी ताकतवर उपस्थिति दर्ज करवाई। उसके बाद सोनीपत लोकसभा चुनाव में भी यह योद्धा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोध में चुनाव लडे। बेहद मुखर अंदाज वाले दिग्विजय चौटाला बेहद रणनीतिकार माने जाने वाले नेता है। बेबाक छवि और सटीक भाषा शैली उनकी पहचान है। हर छोटे-बड़े मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखने वाले दिग्विजय चौटाला की ब्यूरोक्रेसी पर बड़ी भारी पकड़ है। जनता उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में देखती हैं। गेम चेंजर की क्षमता रखने वाले दिग्विजय किसी योद्धा से कम नहीं है।

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