Edited By Rakhi Yadav, Updated: 26 May, 2018 07:37 AM
2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में 9 यूनियन शामिल रहेगी। इस हड़ताल में पूरे हरियाणा में 48000 बैंक शाखाएं बंद रहेंगी और अम्बाला की 54 शाखाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी। इस 2 दिवसीय हड़ताल के कारण पूरे देश भर में 2 लाख .....
अम्बाला(जतिन): 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में 9 यूनियन शामिल रहेगी। इस हड़ताल में पूरे हरियाणा में 48000 बैंक शाखाएं बंद रहेंगी और अम्बाला की 54 शाखाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी। इस 2 दिवसीय हड़ताल के कारण पूरे देश भर में 2 लाख करोड़ का 1 दिन में लेन-देन प्रभावित होगा, यह बात यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन हरियाणा स्टेट के बैनर तले यूनियन चेयरमैन आर.के. गुलाटी ने पत्रकारवार्ता में सम्बोधित करते हुए कही।
इस मौके पर हरियाणा बैंक एम्प्लाइज फैडरेशन के कैशियर पी.सी. चौहान, जोनल सैक्रेटरी सूजोय कुमार, जनरल सैक्रेटरी राजेश बंसल के साथ ए.आई.बी.ई.ए. हरियाणा स्टेट कमेटी के जी.एस. ओबरॉय मौजूद रहे। चेयरमैन आर.के. गुलाटी ने बताया कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर राष्ट्रीयकृत बैंक के निजी बैंक व विदेशी बैंक के 10 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों ने वेतन बढ़ौतरी के लिए चार्टर ऑफ डिमांड पेश किया था।
उन्होंने बताया कि अंतिम वेतन वृद्धि 25 मई 2015 को हुई थी, जो 1 नवम्बर 2012 से प्रभावित थी और उसकी अवधि 31 अक्तूबर 2017 को समाप्त हो गई थी, पिछले समझौते के अनुसार बैंक यूनियनों ने 10वीं द्विपक्षीय समझौते की अवधि समाप्त होने से 6 महीने पूर्व भी अपनी मांगों को भारतीय बैंक संघ के सामने पेश की थी। भारत सरकार ने भी भारतीय बैंक संघ को निर्देश दिया था कि बैंकिंग क्षेत्र में शीघ्र वेतन समझौते के लिए कदम उठाया जाए ताकि यह 1 नवम्बर 2017 से लागू हो सके।
पी.सी.चौहान ने बताया कि वेतन बढ़ौतरी व इससे संबंधित मुद्दे एवं मांगों को सौंपने के बाद मई 2017 से नवम्बर 2017 के बीच भारतीय बैंक संघ और यू.एफ .बी.यू. के बीच 15 मीटिंग हुई। इसके बाद 21 फरवरी 2018 को बैठक निर्धारित की गई थी। जिसे स्थगित कर दिया गया था। अंतिम बैठक 5 मई 2017 को हुई। जिसमें बैंक के प्रबंधकों ने वेतन में मात्र 2 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया जो बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों का घोर अपमान है जबकि बैंक कर्मचारी और अधिकारी सरकारी आधार कार्ड और बीमा इत्यादि जैसी स्कीमों नीतियों को लागू कर रहे है। जिसका बैंकिंग सेवा के साथ कोई संबंध नहीं है।
यू.एफ.बी.यू. ने बैंक प्रबंधकों की मांगों को ठुकरा दिया और 30 मई कि सुबह 6 से 1 जून सुबह 6 बजे तक 48 घंटे की हड़ताल पर जाने वाली यूनियन की गतिविधि को तेज करने का आह्वान कर दिया गया है। सुजोय कुमार जोनल सैक्रेटरी ने बताया कि हमारी मांगें हैं वेतन बढ़ौतरी शीघ्र की जाए और वार्ता में तेजी लाई जाए। इसके अलावा वेतन में पर्याप्त वृद्धि की जाए और अन्य सेवा शर्तों में कार्य स्थिति में सुधार किया जाए। उन्होंने बताया कि 7 स्तर तक के अधिकारी वर्ग को वेज रिविजन के समझौते में शामिल किया जाए।