बीके अस्पताल में 4 स्टॉफ नर्स कोरोना संक्रमित, अब 100 की जगह सिर्फ 16 नर्स से चला रहे काम

Edited By Isha, Updated: 15 Sep, 2020 09:21 AM

4 staff nurses corona infected in bk hospital

वैश्यिक महामारी के दौर में कोरोना से लडाई लड़ रहे बीके अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ और डॉक्टरों को अब कोरोना अपनी जद में लेता जा रहा है। रविवार को चार स्टॉफ नर्स और एक डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बीके अस्पताल में अब 23 में से महज 16 ही...

फरीदाबाद (सुधीर राघव): वैश्यिक महामारी के दौर में कोरोना से लडाई लड़ रहे बीके अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ और डॉक्टरों को अब कोरोना अपनी जद में लेता जा रहा है। रविवार को चार स्टॉफ नर्स और एक डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बीके अस्पताल में अब 23 में से महज 16 ही स्टॉफ नर्स शेष बची हैं। ऐसे में अस्पताल में आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट), गायनी विभाग, ऑपरेशन थियेटर, आईसोलेशन वार्ड, इमरजेंसी, अस्थि वार्ड, बच्चों का निक्कू-पीकू (गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड, जनरल और सर्जिकल वार्डों में स्टॉफ नर्सों की भारी कमी हो गई है जिससे इन व्यवस्थाओं को चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन सा लगने लगा है।  लेकिन सरकार है कि उनके कानों पर जूं नहीं रैंग रही और नया बरसों से अस्पताल को नया स्टॉफ नहीं दिया।

अब अस्पताल की पीएमओ डॉ. सविता यादव ने सीएमओ को पत्र लिखकर स्टॉफ नर्सों की मांग की है। उनका मानना है कि नर्सिंग स्टॉफ के बिना अस्पताल की सभी सुविधाओं को चलाए जाना मुश्किल है। वहीं शहर के बडख़ल विधानसभा विधायक सीमा त्रिखा और केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी बीके अस्पताल में नर्सिंग स्टॉफ लगवाने में नाकाम रहे हैं। इससे स्थानीय जन प्रतिनिधियों की निष्क्रीयता का पता चलता है। कि वह लोगों की समस्याओं को लेकर कितने सजग है।   28 लाख की आबादी वाले शहर में 200 बेड बीके अस्पताल में राज्य सरकार ने नर्सिंग स्टॉफ के पद तो स्वीकृत कर दिए लेकिन स्टॉफ  जरूरत के हिसाब से स्टॉफ लगाया नहीं। पहले से ही नर्सिंग कर्मियों की कमी से जुझ रहे बीके अस्पताल में 6 बेड का आईसीयू सुविधा कोविड के दौरान शुरू कर दी गई। लेकिन आईसीयू के लिए प्रशिक्षित 16 नर्सिंग स्टॉफ नहीं दिया गया। 

ऐसे में मौजूदा स्टॉफ से ही प्रबंधन ने काम करवाया और पिछले महिने आईसीयू में 38 मरीज भर्ती हुए। ऐसे में नर्सिंग कर्मियों का लोड़ और अधिक बढ़ गया। लेकिन राहत नहीं मिली। अस्पताल को चलाने में सबसे बड़ी भूमिका नर्सिंग स्टॉफ की ही रहती हैं। क्यूंकि 6 बेड आईसीयू में पल्स ऑक्सीमीटर, सेन्ट्रल लाइन, ईईजी बॉक्स व इलेक्ट्रोड्स, आईसीयू मैट्रेस, बेडसाइड मॉनिटर, इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प, फीटिंग ट्यूब व पम्प, रेस्ट्रेंट्स, कैथेटर, कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स के अलावा आईसीयू में ईसीजी, एबीजी, पोर्टेबल आदि मशीनों को ऑपरेट करना होता है। जो केवल प्रशिक्षित नर्सिंग स्टॉफ ही कर सकता है। 

एनआईटी-3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज ने भी इन दिनों अपने वार्डों को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया हुआ है। जिसके चलते वहां डिलेवरी के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को अब ईएसआईसी प्रबंधन बिना उपचार के ही बीके अस्पताल भेज रहा है। जिसकी वजह से गायनी विभाग का वर्कलोड बढ़कर दोगुना हो गया है। जिसके चलते 7 डॉक्टरों की टीम और गिने चुनें स्टॉफ नर्सं ही 3 शिफ्टों में हालात को संभाल रही हैं। जहां प्रतिदिन 12 से 15 डिलेवरी हो रही थी अब बढ़कर वह 20 से 22 डिलेवरी पर पहुंच गया है। यानी माह में करीब 200 डिलेवरी का बोझ पड़ा है।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!