डेटा कलेक्शन और मॉनिटरिंग की जरूरतों पर पंचकूला में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मंथन

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 28 Oct, 2022 10:02 PM

2 days workshop on needs of data collection and monitoring in panchkula

वर्कशॉप में 8 प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रभारी और केंद्र सरकार के अधिकारी भी उपस्थित रहे। वर्कशॉप में स्कूलों के डेटा को लेकर UDISE  के महत्व,सही समय पर सही डेटा कलेक्शन और डेटा की मॉनिटरिंग की जरूरतों पर चर्चा रहेगी।

पंचकूला(चंद्रशेखर धरणी): डेटा को लेकर पंचकूला में 8 प्रदेशों  और केंद्र शासित प्रदेशों की रीजनल स्तर की 48 वीं वर्कशॉप शुक्रवार से शुरू हुई। दो दिन तक चलने वाली वर्कशॉप की शुरुआत हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह और निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग डॉ अंशज सिंह की मौजूदगी में हुई। वर्कशॉप में 8 प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रभारी और केंद्र सरकार के अधिकारी भी उपस्थित रहे। वर्कशॉप में स्कूलों के डेटा को लेकर UDISE  के महत्व,सही समय पर सही डेटा कलेक्शन और डेटा की मॉनिटरिंग की जरूरतों पर चर्चा रहेगी।

 

वर्कशॉप के पहले दिन डॉ महावीर सिंह ने बताया कि पूरे देश मे करीब 16 लाख स्कूल हैं,जिनमे 25 करोड़ से ज्यादा बच्चे पढाई करते हैं और करीब 1 करोड़ टीचर इन स्कूलों में पढ़ाते हैं। इन सब स्कूलों,बच्चों और शिक्षकों के डेटा इकठ्ठा करने का कार्य  UDISE  के जरिये ही किया जाता है,जिसके आधार पर केंद्र और प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग अपनी योजनाएं बनाता है ताकि सभी को उन योजनाओ का लाभ मिल सके। डॉ महावीर सिंह ने बताया कि डेटा कलेक्शन का कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारी केवल विभाग के लिए ये काम नही कर रहे हैं,बल्कि ये बहुत बड़े स्तर पर समाज के लिए भी कार्य कर रहे हैं।

 

वर्कशॉप को सम्बोधित करते हुए निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग डॉ अंशज सिंह ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बेहतर बंनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और गैप को आइडेंटिफाई करने के लिए सही डेटा होना बेहद जरूरी है ताकि सही समय पर सही मांग को पूरा किया जा सके।जब सरकार और विभाग के पास हर चीज का सही और विस्तृत डाटा होगा तो प्राथमिकता के आधार पर फैसला लिया जा सकेगा कि किसको क्या और कब देना है।किस मुद्दे पर क्या योजना बनानी है ये सही आंकड़ों के बिना फैसला करना सम्भव नही है। किसी भी सरकार या विभाग की योजना तभी सिरे चढ़ पाएगी जब हमारे पास उससे सम्बन्धित सही और विस्तृत आंकड़े होंगे।

 

गौरतलब है कि देश भर में सरकारी अर्धसरकारी और प्राइवेट सभी तरह के स्कूलों का डेटा UDISE + के जरिये ही तैयार किया जाता है जिसके आधार पर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारें ना केवल योजनाएं बनाती है बल्कि उनको लागू करने के लिए हर जरूरत की चीजें मुहैया भी कराती हैं। पंचकूला में चल रही इस वर्कशॉप में एमआईएस समन्वयकों को UDISE+ का ऑनलाइन डेटा संग्रह फार्म( DCF) भरने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत छात्र, स्कूल, स्कूल के बुनियादी ढांचे, शिक्षकों  और परीक्षा परिणाम आदि से संबंधित मापदण्डों पर जानकारी एकत्रित करने के बारे विस्तार से बताया जाएगा। जम्मू, लद्दाख, उत्तराखण्ड, हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और हरियाणा इस वर्कशॉप में शामिल हैं और कार्यशाला में हरियाणा के अधिकारियों के अलावा सुश्री अलका मिश्रा मुख्य सलाहकार शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार विशेष रूप से मौजूद रही।

 

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