पंचायत संदेश मधुवन महोत्सव ‘निज भाषा’ उन्नति और ‘पर्यावरण संरक्षण’ को रहा समर्पित

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 30 Nov, 2021 06:21 PM

panchayat sandesh madhuvan mahotsav  private language

देश में महोत्सव या मेले के आयोजनों की एक लंबी परंपरा रही है। समय-समय पर सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक व व्यावसायिक उद्देश्यों को लेकर आगरा का  ताज महोत्सव, कोणार्क व खजुराहो महोत्सव, सैफई महोत्सव, हुनर मेला जैसे कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। उसी...

गुरुग्राम । देश में महोत्सव या मेले के आयोजनों की एक लंबी परंपरा रही है। समय-समय पर सांस्कृतिक-सामाजिक-राजनीतिक व व्यावसायिक उद्देश्यों को लेकर आगरा का  ताज महोत्सव, कोणार्क व खजुराहो महोत्सव, सैफई महोत्सव, हुनर मेला जैसे कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। उसी तर्ज पर हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय पंचायत परिषद् के तत्वावधान में तीन दिवसीय ‘मधुबन महोत्सव’ का आयोजन किया गया। महोत्सव का का थीम ‘लेंस’ रखा गया जो कि एकीकरण का प्रतीक है । बिना एकीकृत हुए बड़े उद्देश्य प्राप्त नहीं हो सकते। इसीलिए कार्यक्रम आयोजन में सभी राजनीतिक दलों, विचारों, क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व दिया गया। महोत्सव में देश के हर कोने से कलाकारों ने विभिन्न आकर्षण रंगारंग कार्यक्रमों में भाग लिया।

महोत्सव में एक मंच पर  भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी आदि राजनीतिक दलों सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े नामचीन लोग उपस्थित हुई। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने देश में जहां भी जरूरी हो सामाजिक कार्यों के लिए मैंने स्वयं को प्रस्तुत किया है और इस महत्ती योजनाओं के विस्तार के लिए देशभर में लोगों को जोड़ने का भी कार्य करेंगे। सरपंच, ब्लॉक प्रमुखों और जिला परिषद के चुने हुए प्रतिनिधियों के जागरुकता के लिए कई मीटिंग की गई और ट्रेनिंग भी दिया गया। इस दौरान पंचायती मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि पंचायतों को संविधान प्रदत्त ढेर सारे अधिकार जो अब तक नहीं मिल सके हैं, उन्हें दिलाने की कोशिश जरूरी है, जिसमें सभी दलों के प्रतिनिधियों का सहयोग हो। इसके लिए एक कॉमन मिनिमम कार्यक्रम बनाने की योजना पर बल दिया गया। अभियान के आयोजक और राजनीतिक रणनीतिकार बद्रीनाथ ने कहा, यह एक शुरुआत है जिसमें सभी दलों और दिलों की दूरियां मिटाकर एक साथ चलने का  प्रयास किया गया। निकट भविष्य में ऐसे कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा आयोजित  किया जाएगा ताकि राजनीतिक-सामाजिक संगठनों को जोड़ा जा सके। इस दौरान अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक चौहान, महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह जादौन मौजूद रहे।

वृहत पौधारोपण के साथ महोत्सव का आगाज़

मधुवन महोत्सव में प्रसिद्ध पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा ने पौधारोपण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। पीपल बाबा की टीम ने ‘रजिस्ट्रेशन फॉर प्लांटेशन’ के जरिये आम जनमानस को जोड़कर मधुबन क्षेत्र में वृहद् स्तर पर पौधारोपण किया गया। इसमें स्कूली बच्चों, शिक्षकों ने भी भाग लिया और उन्हें पर्यावरण-संस्कार सिखाये गए। पौधारोपण के बाद क्षेत्रीय लोगों को पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी दी गई।

रोजगार का जरिया बनाने का ‘राष्ट्रीय हिंदी एकता मिशन’ का ‘हिन्दी संकल्प’

मधबुन महोत्सव में शिरकत कर रहे राष्ट्रीय हिंदी एकता मिशन के अध्यक्ष राणा सिंह ने हिन्दी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान उन्होंने दुख बताया कि आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी कई राज्यों ने राष्ट्रीय भाषा को प्रमोट करने में अबतक रूचि नहीं ली है। उन्होंने गैर हिन्दी राज्यों में हिन्दी भाषा के प्रसार के लिए पढ़े लिखे युवाओं को आगे लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हिन्दी मीडियम को लोग अंग्रेजी के आगे कमजोर मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। जैसे पूरी दुनिया में अंग्रेजी फैली वैसे ही हिन्दी को भी आगे बढ़ाने को अभियान चलाने की जरुरत है। उन्होंने भारतेंदु हरिश्चन्द्र को उद्वरण देते हुए  कहा, “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति के मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के न मिटे हिय के सूल।।“

हरित मधुबन अभियान की शुरुआत

महोत्सव में पीपल बाबा ने हरित मधुबन प्रोजेक्ट की शुरुआत कठघरा शंकर गावं शहीद स्मारक में पौधारोपण कर किया। अभियान के जरिये अगले पांच सालों में  क्षेत्र की खाली जमीनों को हरित पट्टियों में तब्दील कर यहां के वातावरण को स्वास्थ्यवर्धक बना दिया जायेगा। उन्होंने कहा, ऑक्सीजन की कमी से जीवन पर  संकट आन पड़ी है और इसका समाधान मात्र प्लांटेशन है। इसके लिए नागरिकों को जोड़ना होगा। लेंस के प्रयोग के बिना प्रकाश फ़ैल जाता है लेकिन जब लेंस लगाया जाता है तो लाइट कंसन्ट्रेट हो जाती है और इससे कागज को भी जला देती है | राजनीती या समाजसेवी संगठनों का मुख्य मकसद ज्यादे से ज्यादे विकास करना होता है इसके लिए वो अलग- अलग स्तर पर कार्य करते भी रहते हैं। लेकिन उनकों साथ आने से एक-दूसरे के अनुभव का लाभ मिलने का भी अवसर बढ़ता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!