Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 24 Jul, 2024 05:14 PM
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, जो कल प्रस्तुत किया गया था, ने यह उजागर किया कि भारत को उच्च शिक्षा और कौशल पर ध्यान केंद्रित करके औद्योगिक क्रांति 4.0 के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
गुड़गांव, ब्यूरो : आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, जो कल प्रस्तुत किया गया था, ने यह उजागर किया कि भारत को उच्च शिक्षा और कौशल पर ध्यान केंद्रित करके औद्योगिक क्रांति 4.0 के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में प्रतिवर्ष 78.5 लाख नौकरियां सृजित करने की विचारधारा के अनुरूप, बजट ने सराहनीय कार्य किया है।
* शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए बजट आवंटन में 30% की वृद्धि की गई है, जिससे यह राशि 1.48 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
* उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) जो वर्तमान में 28% है, उसे बढ़ाने के लिए शिक्षा ऋण के लिए ई-वाउचर पेश किए गए हैं।
* केवल 4.4% युवा (15-29 आयु वर्ग) ने औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। तदनुसार, बजट ने युवाओं के कौशल सेट में सुधार के लिए संशोधित मॉडल कौशल ऋण योजना पेश की है।
* महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) जो लगभग 37% है, को बढ़ाने के लिए कार्यशील महिलाओं के लिए हॉस्टल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जबकि पुरुष LFPR 78% है।
* तक्षशिला संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, भारत में रोजगार लोच (Employment Elasticity) 0.1 से नीचे गिर गई है। तदनुसार, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए बजट ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तर्ज पर रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पेश की है।
Abhishek Gupta, CEO राऊस आईएएस स्टडी सर्कल ने बताया कि कुल मिलाकर, बजट घोषणाएँ यह सुनिश्चित करने की दिशा में सही कदम हैं कि मानव पूंजी निर्माण 2047 तक विकसित भारत का दोनों साधन और उद्देश्य बना रहे! शिक्षा बजट 2024 बढ़ी हुई फंडिंग, डिजिटल लर्निंग, शिक्षक विकास, उच्च शिक्षा सुधार, बुनियादी ढांचे में सुधार, व्यावसायिक प्रशिक्षण और समावेशी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन पहलों का लक्ष्य भारत में अधिक न्यायसंगत, सुलभ और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली बनाना है।