बस्ते के वजन की जांच में फंसे जिले के 32 निजी स्कूल

Edited By Naveen Dalal, Updated: 21 Jul, 2019 09:55 AM

32 private schools in the district

जिले के कई निजी विद्यालय बच्चों के बस्ते के वजन की जांच में फंस गए हैं। जांच के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम को 2 दर्जन से अधिक स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों के बस्ते में निर्धारित मापदंड से अधिक वजन मिला, जिसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा...

भिवानी (वजीर): जिले के कई निजी विद्यालय बच्चों के बस्ते के वजन की जांच में फंस गए हैं। जांच के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम को 2 दर्जन से अधिक स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों के बस्ते में निर्धारित मापदंड से अधिक वजन मिला, जिसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी ने सी.बी.एस.ई. व हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय को भेज दी है। अब संबंधित बोर्ड ही इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम उठाएगा। 

प्रदेश में चल रहे सी.बी.एस.ई. व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले निजी विद्यालयों के अंदर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही पढ़ाना अनिवार्य किया हुआ है। इसके अलावा निजी प्रकाशकों की किताबें निजी स्कूलों में किसी भी सूरत में नहीं लगाए जाने की सख्त हिदायतें हैं। जबकि न्यायालय ने भी सख्त आदेश दिए हुए हैं कि कोई भी निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें बच्चों पर न थोंपे। इसके अलावा हरियाणा में कक्षावार बच्चों  के बस्ते का वजन भी निर्धारित किया हुआ है। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल परमार ने 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर निजी स्कूलों द्वारा निजी प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकें लगाए जाने व निर्धारित वजन से अधिक बस्ते का बोझ बच्चों  की पीठ पर लादे जाने पर कार्रवाई की मांग की गई थी। इस शिकायत पर शिक्षा विभाग ने अधिकारियों एक कमेटी उप जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित की गई। जिसने संबंधित निजी स्कूलों के अंदर जाकर पाठ्यक्रम से संबंधित मामले की जांच-पड़ताल की। 

संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 15 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी। इस जांच रिपोर्ट में उप जिला शिक्षा अधिकारी की कमेटी द्वारा सभी निजी स्कूलों के निरीक्षण में बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित वजन से डेढ़ गुणा दर्शाया है, जबकि इन स्कूलों में बच्चों  को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें भी पढ़ाई जा रही थीं। जिसका हवाला भी जांच रिपोर्ट में दिया गया है। इस जांच रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी ने सी.बी.एस.ई. बोर्ड व हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय को भेजा है। 

हरियाणा शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव वंदना दिसोदिया द्वारा 10 दिसंबर 2018 को प्रदेशभर में आदेश पत्र जारी करते हुए कक्षावार बच्चों के पाठ्यक्रम का वजन निर्धारित कर दिया था। इस आदेश के अनुसार कक्षा पहली से दूसरी कक्षा तक बच्चे के बस्ते का वजन डेढ़ किलोग्राम, कक्षा से तीसरी से 5वीं कक्षा तक 2 से 3 किलोग्राम, कक्षा चौथी से 7वीं तक 4 किलोग्राम, 8वीं से 9वीं तक 4 से 5 किलोग्राम व दसवीं से 12वीं कक्षा में पांच किलोग्राम तक पाठ्य पुस्तकों का वजन निर्धारित किया हुआ है। इससे अधिक वजन बस्ते में नहीं होना चाहिए। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि निजी स्कूल एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही कक्षा पहली से 12वीं तक पढ़ा सकते हैं, अगर प्राइवेट पब्लिसरों की पुस्तकें बच्चों  पर थोंपी जाती हैं तो ऐसे निजी स्कूलों पर शिक्षा नियमावली के तहत संबंधित बोर्ड से मान्यता रद्द हो सकती है। जबकि जांच में 32 स्कूलों को दोषी पाया गया है।

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