Edited By Updated: 13 Nov, 2016 04:04 PM
नोटबंदी के चलते सब्जियों के भाव औंधे मुंह गिर पड़े हैं। जो सब्जी गरीब की थाली से गायब हो गई थी, वह अब सलाद सहित पहुंच गई है। नोटबंदी का सबसे बड़ा लाभ गरीबों को मिल रहा है और लोग सब्जी खरीदते समय मोदी की चर्चा...
रेवाड़ी (वधवा): नोटबंदी के चलते सब्जियों के भाव औंधे मुंह गिर पड़े हैं। जो सब्जी गरीब की थाली से गायब हो गई थी, वह अब सलाद सहित पहुंच गई है। नोटबंदी का सबसे बड़ा लाभ गरीबों को मिल रहा है और लोग सब्जी खरीदते समय मोदी की चर्चा करते दिखाई देते हैं।
सब्जियों के गिरे भावों का मुख्य कारण बाजार से नोट का गायब हो जाना है। बड़े नोट चलते नहीं और छोटे नोट मिलते नहीं जिसके चलते दुकानों पर ग्राहकों की लगने वाली भीड़ में जबरदस्त गिरावट आई है। सब्जीमंडी व रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले लोगों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सब्जियों के भाव 30 से 50 प्रतिशत तक गिर गए हैं। जिसका परिणाम यह है कि गरीब की थाली में सब्जी सलाद के साथ पहुंच रही है।
उन्होंने कहा कि सब्जियों में आई गिरावट से जहां लोग खुश है वहीं वे छोटे नोट नहीं होने के कारण उनकी सब्जी रोज के ग्राहक को उधार में दे रहे हैं। मंडी में शनिवार की सायं तक ज्यादातर उपयोग में आने वाली सब्जियां 20 रुपए प्रति किलो तक बिकी हैं। इधर, भवन निर्माण में लगे श्रमिक कालूराम, मनोज, राजेश, सफाई कर्मचारी इंद्र, महेंद्र, खोखा लगाकर पंक्चर लगाने वाले हरिओम, सड़कों पर पापड़ बेचकर आजीविका कमाने वाले रविंद्र कुमार ने कहा कि नोटबंदी से वे बेहद खुश हैं।
80-100 रुपए किलो में बिकने वाली जिस सब्जी से वे वंचित चले आ रहे थे, उसे आज खरीदना आसान हो गया है। सब्जी विके्रता सुनील ने बताया कि टमाटर, गोभी, घिया, आलू, मिर्च, भिंडी के भाव आधे रह गए हैं। 40 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाला टमाटर आज 20 रुपए रह गया है। उन्होंने कहा कि शनिवार को आलू, प्याज, बैंगन, घीया, तौरी, मूली 20, खीरा, गोभी 30, गाजर 40 रुपए प्रति किलो तक बिका है। वहीं लहसुन, प्याज, अदरक आदि के भाव 30 प्रतिशत तक गिर गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की कमी है। लोगों के पास खुले रुपयों की मारामारी है। उन्हें भी करंसी बदले जाने से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।